देश: प. बंगाल की भवानीपुर सीट पर 30 सितंबर को होगा उपचुनाव, यहीं से चुनाव लड़ेंगी सीएम ममता

देश - प. बंगाल की भवानीपुर सीट पर 30 सितंबर को होगा उपचुनाव, यहीं से चुनाव लड़ेंगी सीएम ममता
| Updated on: 04-Sep-2021 03:06 PM IST
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में बहुप्रतीक्षित उपचुनाव को लेकर तारीखों का ऐलान हो गया है। चुनाव आयोग के इस ऐलान के साथ ही ममता बनर्जी की बड़ी टेंशन खत्म हो गई है। भारतीय निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल की तीन और ओडिशा की एक सीट लिए उपचुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इसके मुताबिक, भवानीपुर विधानसभा सीट पर 30 सितंबर को उपचुनाव होंगे और वोटों की गिनती 3 अक्टूबर को होगी। बंगाल का भवानीपुर विधानसभा वही सीट है, जहां से ममता बनर्जी उपचुनाव लड़ेंगी। 

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, चुनाव आयोग ने 30 सितंबर को भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र (पश्चिम बंगाल) में उपचुनाव कराने का फैसला किया है। इस तारीख को पश्चिम बंगाल के समसेरगंज और जंगीरपुर और पिपली (ओडिशा) में भी उपचुनाव होंगे। उपचुनाव के वोटों की गिनती 3 अक्टूबर को होगी। हालांकि, चुनाव आयोग ने कहा कि अन्य 31 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उपचुनाव को कोरोना की वजह से टाल दिया गया है।

चुनाव आयोग के मुताबिक, 13 सितंबर को नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारिख होगी और वहीं कैंडिडेट 16 सितंबर से पहले तक अपना नाम वापस ले सकते हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि संवैधानिक आवश्यकता और पश्चिम बंगाल राज्य के विशेष अनुरोध पर विचार करते हुए भवानीपुर (ममता बनर्जी की परंपरागत सीट) के लिए उपचुनाव कराने का निर्णय लिया गया है। आयोग द्वारा कोरोना से बचाव के लिए अत्यधिक सावधानी के रूप में बहुत सख्त मानदंड बनाए गए हैं।

बंगाल में किन सात सीटों पर होने हैं उपचुनाव

जिन सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है वे हैं, मुर्शिदाबाद में जंगीपुर और समसेरगंज, 24 दक्षिण परगना में गोसाबा, दक्षिण मेदनीपुर में खरगपुर, नादिया में शांतिपुर, कूचबिहार में दिनहाटा और भवानीपुर। ममता बनर्जी के कुर्सी पर मंडराते खतरे की वजह से टीएमसी बार-बार चुनाव आयोग से जल्द उपचुनाव की मांग कर रही थी।  

5 नवंबर तक है मियाद

बता दें कि ममता की सीट पर उपचुनाव कराने के लिए टीएमसी दिन-रात एक की हुई थी। वजह यह थी कि अगर ममता बनर्जी 5 नवंबर तक विधानसभा की सदस्य नहीं बन पाती तो उन्हें मुख्यमंत्री पद की कुर्सी से हटना पड़ता। जैसे-जैसे यह तारीख नजदीक आ रही थी, तृणमूल कांग्रेस की बेचैनी बढ़ती जा रही थी। भाजपा कोरोना का हवाला देकर उपचुनाव का विरोध कर रही थी।

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