Odisha Train Accident: ट्रेन हादसे की CBI ने जांच शुरू की, 101 शवों की पहचान अभी होना बाकी

Odisha Train Accident - ट्रेन हादसे की CBI ने जांच शुरू की, 101 शवों की पहचान अभी होना बाकी
| Updated on: 06-Jun-2023 07:33 AM IST
Odisha Train Accident: केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे की जांच शुरू कर दी है. सीबीआई की 10 सदस्यीय टीम सोमवार को घटनास्थल का दौरा कर दुर्घटना की जांच शुरू कर दी है. रेलवे बोर्ड ने रविवार को इस दर्दनाक ट्रेन हादसे की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी. घटना के बाद 3 जून को रेलवे पुलिस ने भारतीय दंड संहिता और रेलवे अधिनियम की कई धाराओं में केस दर्ज किया है.

ईस्ट कोस्ट रेलवे जोन के खुर्दा रोड डिवीजन के डीआरएम रिनतेश रे ने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार सीबीआई जांच शुरू हो गई है हालांकि, विस्तृत जानकारी अभी नहीं पता है. सीबीआई की टीम से पहले रेल सुरक्षा कमिश्नर शैलेश कुमार पाठक भी घटनास्थल का दौरा किए थे. पाठक बहनागा बाजार रेलवे स्टेशन के कंट्रोल रूम, सिग्नल रूम और सिग्नल प्वाइंट पर भी गए थे.

हादसे में घायल हुए करीब 1100 यात्रियों में से 900 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है. करीब 200 लोगों का ओडिशा के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है. वहीं, घटना में जान गंवाने वाले 278 लोगों में से 177 शवों की पहचान कर ली गई है जबकि 101 शवों की पहचान करनी बाकी है. इन शवों को भुवनेश्वर समेत अलग-अलग के मोर्चरी में रखा गया है.

अकेले भुवनेश्वर में 80 शवों की पहचान

केवल भुवनेश्वर की बात करें तो यहां पर कुल 193 शवों को रखा गया था. इसमें से 80 शवों की पहचान कर ली गई है. भुवनेश्वर नगर निगम के कमिश्नर विजय अमृत कुलंगे ने कहा है कि 55 शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं. बीएमसी की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर 1929 पर अब तक 200 से ज्यादा फोन आ चुके हैं. शवों की पहचान कर उन्हें परिजनों को सौंपा जा रहा है.

कई शवों के कराए जा रहे डीएनए टेस्ट

अब जैसे-जैसे मृतकों के परिजन रेलवे या फिर स्थानीय अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं वैसे-वैसे शवों की पहचान हो रही है उन्हें परिवार को सौंपा जा रहा है. मृतकों में कुछ शव ऐसे भी हैं जो क्षत विक्षत हो चुके हैं, ऐसे में डीएनए के जरिए इन शवों की पहचान की जा रही है और परिवार वालों को सौंपा जा रहा है.

बालासोर में शुक्रवार शाम उस समय यह दर्दनाक हादसा हुआ जब कोरोमंडल एक्सप्रेस डिरेल होकर मालगाड़ी और यशवंतपुर एक्सप्रेस से टकारा गई थी. हादसा इतना भयानक था कई बोगियों के परखच्चे उड़ गए थे. मरने और घायलों में सबसे ज्यादा यात्री कोरोमंडल एक्सप्रेस के ही थे. दुर्घटना के बाद घायलों को ओडिशा के अलग-अलग जिलों में इलाज के लिए भर्ती किया गया था, जबकि शवरों को मोर्चरी में रखा गया है.

रविवार से ही रूट पर शुरू हो गया ट्रेनों का संचालन

हादसे के बाद करीब 51 घंटे के भीतर रविवार रात से ही रूट पर ट्रेनों का संचालन भी शुरू हो गया है. अप और डाउन दोनों लाइन को ठीक कर लिया गया है. खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव तीन दिन तक घटनास्थल पर मौजूद रहे और राहत व बचाव कार्य पर बारीकी से नजर रख रहे थे.

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