Anandpal Singh Encounter Rajasthan: सीबीआई ने राजपूत नेता कालवी—गोगामेड़ी, खांगटा समेत 24 लोगों को हिंसा भड़काने का माना आरोपी

Anandpal Singh Encounter Rajasthan - सीबीआई ने राजपूत नेता कालवी—गोगामेड़ी, खांगटा समेत 24 लोगों को हिंसा भड़काने का माना आरोपी
| Updated on: 27-Jun-2020 05:23 PM IST
जयपुर | आनंदपाल सिंह एनकाउंटर (Rajasthan Anandpal Singh Encounter) प्रकरण में 2 साल 6 माह बाद सीबीआई की जांच (CBI Investigation) पूरी हुई। सीबीआई (Central Bureau Investigation) ने आनंदपाल सिंह एनकाउंटर के बाद हुई हिंसा में 24 लोगों को आरोपी माना है। आपको बता दें कि एनकाउंटर के बाद आनंदपाल के गांव सांवराद (Sanvrad Violence) में हिंसा हुई थी. 2 साल 6 माह बाद CBI की जांच पूरी हुई है। CBI ने जोधपुर स्थित ACJM CBI मामलात की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की है।  सीबीआई ने जांच पूरी करते हुए आनंदपाल सिंह की बेटी चरणजीत सिंह उर्फ चीनू, लोकेंद्र सिंह कालवी, सुखदेव सिंह गोगामेडी (Lokendra Singh Kalvi, Sukhdev Singh Gogamedi Karni Sena) समेत 24 लोगों को आरोपी माना है। उन पर दंगा भड़काने, तत्कालीन नागौर एसपी व महिला आइपीएस पर जानलेवा हमला करने, पुलिस वाहनों को जलाने का दोषी माना गया है।

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सीबीआई की नई दिल्ली स्पेशल क्राइम ब्रांच-2 के डीआईजी जगरूपगुरु सिन्हा के निर्देशन में डिप्टी एसपी मुकेश शर्मा ने जांच पूरी की है। इसके बाद जोधपुर में सीबीआई की एसीजेएम कोर्ट में चालान पेश किया गया। आरोपियों की गिरफ्तारी अभी नहीं हो पाई है। उनको नोटिस देकर गिरफ्तारी के लिए बुलाया जाएगा।

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सीबीआई ने 24 लोगों को माना आरोपी

CBI ने लोकेन्द्रसिंह कालवी, सुखदेवसिंह गोगामेढ़ी, हनुमानसिंह खांगटा, महिपाल सिंह मकराना, योगेन्द्रसिंह कतर, दुर्गसिंह, रंजीतसिंह मंगला उर्फ रंजीतसिंह सोढाला, रंजीतसिंह गेंदिया, रणवीरसिंह गुड़ा, ओकेंद्र राणा उर्फ हितेन्द्रसिंह राणा, चरणजीतसिंह कंवर उर्फ चीनू, एपी सिंह, सीमा रघुवंशी उर्फ सीमा राघव, गिरीराजसिंह लोटवाड़ा, महावीरसिंह, प्रतापसिंह राणावत, प्रेमसिंह बनवासा, भंवरसिंह रेता, दिलीपसिंह, जब्बरसिंह, मोहनसिंह हाथोज, युनूस अली, राजेन्द्रसिंह गुड़ा व घनश्यामसिंह त्योद को आरोपी माना है।

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उल्लेखनीय है कि आनंदपाल सिंह चुरु जिले के मालसर गांव में 24 जून 2017 को पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। उसके परिवार के सदस्यों ने मुठभेड़ की विश्वसनीयता को लेकर सवाल उठाए हैं और दावा किया है कि वह समर्पण करना चाहता था फिर भी उसे मार दिया गया। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उसे कई बार समर्पण करने को कहा गया, लेकिन उसने पुलिसकर्मियों पर गोलीबारी शुरू कर दी। राजस्थान के राजपूत समुदाय ने उसके मारे जाने पर बड़े स्तर पर प्रदर्शन व सड़क को जाम कर दिया था। आनंदपाल एनकाउंटर के बाद आनंदपाल के गांव सांवराद में सभा के दौरान उपद्रव भी हुआ था। उसमें एक युवक की मौत हो गई थी।  इस दौरान भीड़ बेकाबू हो गई थी और दंगा भड़क उठा था। गांव के बाहर पुलिस अधीक्षक परिष देशमुख की गाड़ी पर भीड़ ने हमला कर दिया था. वहीं आईपीएस अधिकारी मोनिका सैन पर भी भीड़ ने हमला किया था। सांवराद रेलवे स्टेशन पर भी उपद्रवियों ने रेलवे स्टेशन के क्वार्टर फूंक डाले थे और रेलवे पटरियां भी उखाड़ दी गई थी। एनकाउंटर के बाद राजपूत व रावणा राजपूत समाज की मांग को देखते हुए राज्य सरकार ने इस मामले की सीबीआई जांच के लिए दो बार सिफारिश करनी पड़ी थी।

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