Jharkhand Politics: झारखंड के नए CM बने चंपई सोरेन, विधायकों को शपथ लेते ही भेजा हैदराबाद

Jharkhand Politics - झारखंड के नए CM बने चंपई सोरेन, विधायकों को शपथ लेते ही भेजा हैदराबाद
| Updated on: 02-Feb-2024 01:40 PM IST
Jharkhand Politics: झारखंड मुक्ति मोर्चा के चंपई सोरेन को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णनन ने शुक्रवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. मुख्यमंत्री के अलावा दो मंत्रियों ने भी शपथ ली है. शपथ लेने वाले मंत्रियों के नाम हैं – आलमगीर आलम, सत्यानंद भोक्ता. जानकारी के मुताबिक शपथ लेते ही विधायकों को हैदराबाद भेज दिया गया है ताकि किसी भी तरह की पार्टी में टूट को रोका जा सके. 5 फरवरी को फ्लोर टेस्ट होना है.

शपथ लेने से पहले राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने चंपई सोरेन को सूबे का मुख्यमंत्री नियुक्त किया था. शपथ ग्रहण समारोह राजभवन के दरबाल हॉल में आयोजित हुई. हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद झट से चंपई सोरेन ने सरकार बनाने का दावा बुधवार ही को पेश कर दिया था मगर कल पूरे दिन नए सरकार गठन को लेकर असमंजस की स्थिति रही.

झारखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर तकरीबन 4 साल काम करने के बाद हेमंत सोरेन ने इस बुधवार को इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे के बाद प्रदेश में राजनीतिक संकट गहराने लगा. पहले खबरें आईं थी कि सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को सत्ता की बागडोर सौंपेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

कौन हैं आलमगीर आलम?

आलमगीर आलम पहली बार साल 2000 में अविभाजित बिहार में राबड़ी देवी की सरकार में हंस्तकरघा विभाग के मंत्री बने थे. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष तक का सफर तय किया है. वह वर्ष 2000 ,2005 , 2014 और 2019 में चुनाव जीत कर विधायक बने. मधु कोड़ा की सरकार में 2 वर्ष तक वह विधानसभा अध्यक्ष रहे. वर्ष 2014 और 2019 के चुनाव के बाद उन्हें झारखंड प्रदेश कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाया गया था.

वहीं, आरजेडी के सत्यानंद भोक्ता चतरा विधानसभा सीट से निर्वाचित विधायक हैं. वह तीन बार बन चुके हैं झारखंड में मंत्री. चंपई सोरेन कैबिनेट से पूर्व वह हेमंत सोरेन और अर्जुन मुंडा की कैबिनेट में मंत्री रहे हैं. सत्यानंद भोक्ता ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी से की थी. वह वर्ष 2000 और 2004 में बीजेपी के टिकट पर निर्वाचित हुए थे. 2019 में आरजेडी में शामिल हुए और विधायक के रूप में जीत दर्ज कर हेमंत सोरेन की कैबिनेट में श्रम मंत्री बने. सत्यानंद भोक्ता चतरा जिला के सदर प्रखंड के कारी गांव के रहने वाले हैं ,

5 फरवरी को फ्लोर टेस्ट

झारखंड कांग्रेस के प्रमुख राजेश ठाकुर ने कहा है कि नई सरकार 10 दिन के भीतर बहुमत साबित करेगी. वहीं एक और जानकारी के मुताबिक 5 फरवरी को फ्लोर टेस्ट होना है.कांग्रेस, झामुमो और राष्ट्रीय जनता दल की गठबंधन सरकार के तौर पर चंपई सोरेने ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायकों के टूटने की भी अटकलें थी. इस पर चंपई सोरेन ने कहा था हम एकजुट हैं, हमारा गठबंधन मजबूत है और हमें कोई तोड़ नहीं सकता.”

किस पार्टी के कितने विधायक

आदिवासी नेता चंपई सोरेन झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री बने हैं. 23 साल के अपने सफर में झारखंड अब तक 11 मुख्यमंत्री देख चुका है. झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा में गठबंधन के पास 47 विधायक हैं. इनमें झामुमो के 29, कांग्रेस के 17 और राजद के 1 सदस्य शामिल हैं. वहीं भारतीय जनता पार्टी के 26 और आजसू के तीन विधायक हैं. इसके अलावा दो सदस्य निर्दलीय हैं जबकि एनसीपी और सीपीआई-एमएल के भी 1-1 विधायक हैं.

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