GST Reform 2025: GST में बदलाव से मिलेगा बूस्टर डोज! सरकार आर्थिक घाटा सहकर सियासी मुनाफा कमाएगी?

GST Reform 2025 - GST में बदलाव से मिलेगा बूस्टर डोज! सरकार आर्थिक घाटा सहकर सियासी मुनाफा कमाएगी?
| Updated on: 06-Sep-2025 10:00 AM IST

GST Reform 2025: केंद्र की मोदी सरकार ने जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के मोर्चे पर बड़ा फैसला लेते हुए चार स्लैब को घटाकर अब केवल दो स्लैब - 5% और 18% - कर दिया है। इस बदलाव से कई सामान सस्ते होने की उम्मीद है, जिससे आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी। सरकार का यह कदम ऐसे समय में आया है जब बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं।

सरकार का मास्टरस्ट्रोक या सियासी दांव?

जीएसटी स्लैब में कटौती: जनता को राहत

केंद्र की मोदी सरकार ने जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के मोर्चे पर बड़ा फैसला लेते हुए चार स्लैब को घटाकर अब केवल दो स्लैब - 5% और 18% - कर दिया है। इस बदलाव से कई सामान सस्ते होने की उम्मीद है, जिससे आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी। सरकार का यह कदम ऐसे समय में आया है जब बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। हालांकि, इस फैसले से सरकारी खजाने में करीब 48 हजार करोड़ रुपये की कमी आने का अनुमान है, फिर भी सरकार ने जनता को राहत देने के लिए यह आर्थिक जोखिम उठाया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भले ही इससे आर्थिक नुकसान हो, लेकिन बिहार चुनाव से पहले यह सियासी मुनाफा दे सकता है।

राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा

बिहार में लोगों को उनके मताधिकार के प्रति जागरूक करने के लिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने 'वोटर अधिकार यात्रा' शुरू की। महागठबंधन के दावे के अनुसार, यह यात्रा बेहद सफल रही। सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में लाखों की भीड़ दिखाई दी। कांग्रेस प्रवक्ताओं का कहना है कि इस यात्रा ने बिहार में पार्टी कार्यकर्ताओं में नई जान फूंकी है।

क्या जीएसटी राहत राहुल की यात्रा पर भारी पड़ेगी?

राहुल गांधी की यात्रा की चर्चा के बीच सरकार के इस जीएसटी फैसले ने सोशल मीडिया और मुख्यधारा मीडिया का रुख बदल दिया। बीजेपी कार्यकर्ता सक्रिय हो गए और इसे सरकार की बड़ी उपलब्धि बताने लगे। खुद पीएम मोदी ने इसे 'जीएसटी 2.0' करार देते हुए कहा कि यह देश के विकास और जनता के समर्थन के लिए 'डबल डोज' है। इस राहत का लाभ 22 सितंबर, यानी नवरात्र से शुरू होगा, जब बिहार चुनाव और करीब होंगे। इस दौरान दिवाली और छठ जैसे त्योहार भी नजदीक होंगे, जिससे लोगों के बीच जीएसटी राहत की चर्चा और बढ़ेगी।

क्या SIR और वोट चोरी का मुद्दा हाशिए पर जाएगा?

राहुल गांधी और महागठबंधन SIR (सिस्टमैटिक इंटरफेरेंस इन रजिस्ट्रेशन) और वोट चोरी के मुद्दे पर सरकार को घेर रहे हैं। उनका आरोप है कि चुनाव आयोग सरकार के इशारे पर काम कर रहा है और लोगों के वोट काटे जा रहे हैं। राहुल ने इस मुद्दे पर प्रेजेंटेशन भी दिया और लगभग रोजाना चुनाव आयोग पर निशाना साधते हैं। लेकिन जीएसटी में राहत के ऐलान के बाद बहस का रुख बदल गया। SIR और वोट चोरी पर चल रहा वार-पलटवार अब जीएसटी पर केंद्रित हो गया है। कांग्रेस ने राहुल के पुराने पोस्ट दोबारा साझा किए, जबकि बीजेपी ने भी तीखा पलटवार किया।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने विपक्ष की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस नकारात्मकता फैला रही है। उन्होंने एक्स पर लिखा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राहुल गांधी 7.8% की आर्थिक वृद्धि को, जो दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का सबूत है, नजरअंदाज करते हैं और भारत को 'डेड इकॉनोमी' कहते हैं। यह कुछ लोगों की नकारात्मक सोच है, जिसकी मैं निंदा करता हूं।" बीजेपी जहां जीएसटी राहत को बिहार में घर-घर पहुंचाने की कोशिश करेगी, वहीं कांग्रेस SIR और वोट चोरी के मुद्दे पर डटी रहेगी।

टैरिफ और चीन मुद्दे की काट

अमेरिका के साथ टैरिफ विवाद के कारण बिगड़े संबंधों को लेकर सरकार विपक्ष के निशाने पर रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों का सहारा लेकर विपक्ष सरकार को घेरता रहा। टैरिफ बढ़ने से कई लोगों की आजीविका पर संकट आया था, लेकिन जीएसटी राहत ने आम से लेकर अमीर तक को फायदा पहुंचाया है।

दूसरी ओर, चीन के साथ संबंधों में सुधार देखा गया। हाल ही में पीएम मोदी ने SCO समिट में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। कांग्रेस ने इसे लेकर सरकार पर हमला बोला और कहा कि जिन जवानों की जान ली गई, उनके साथ दोस्ती बढ़ाना गलत है। लेकिन जीएसटी के इस कदम ने सरकार को जवाबी हमले का मौका दे दिया।

महंगाई और बेरोजगारी पर मास्टरस्ट्रोक

महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दे सरकार के लिए चुनौती रहे हैं। विपक्ष ने पिछले 11 सालों में इन मुद्दों पर सरकार को कई बार घेरा। बिहार चुनाव में भी ये मुद्दे अहम हैं। लेकिन जीएसटी में राहत को मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है, जो गरीब से अमीर तक, युवाओं से किसानों तक सभी को फायदा देगा।

आर्थिक चक्र को गति

सरकार लंबे समय से उपभोग बढ़ाने की कोशिश कर रही है। आयकर में कटौती इसका एक हिस्सा थी, लेकिन जीएसटी का असर ज्यादा व्यापक है। सस्ते सामान से लोगों के पास ज्यादा पैसा बचेगा, जिससे खपत बढ़ेगी। इससे मांग बढ़ेगी, उत्पादन बढ़ेगा, निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। यह आर्थिक चक्र अर्थव्यवस्था को गति देगा। सरकार ने इस एक कदम से कई निशाने साधे हैं।

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