Bangladesh Violence: बांग्लादेश में एक बार फिर हिंसा की लहर दौड़ गई है। राजधानी ढाका के मिटफोर्ड अस्पताल के पास हुई एक वीभत्स घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। एक वायरल वीडियो में दिखाया गया है कि हमलावरों ने हिंदू कारोबारी लालचंद सोहाग उर्फ सोहाग को कंक्रीट के स्लैब से बेरहमी से पीटा, जब तक कि उनकी मौत नहीं हो गई। लेकिन क्रूरता यहीं नहीं रुकी—हमलावरों ने उनके शव पर नाचकर अपनी बर्बरता का प्रदर्शन किया। इस घटना ने देशभर में आक्रोश फैला दिया है, और शनिवार को सैकड़ों छात्र सड़कों पर उतर आए, जो अंतरिम सरकार पर भीड़ हिंसा को रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगा रहे हैं।
इस जघन्य हत्या के बाद बांग्लादेश के गृह मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जहांगीर आलम चौधरी ने बताया कि इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। रविवार को देशव्यापी तलाशी अभियान शुरू किया गया ताकि अन्य संदिग्धों को पकड़ा जा सके। प्रथम अलो की एक रिपोर्ट के अनुसार, चौधरी ने कहा, "9 जुलाई को मिटफोर्ड अस्पताल के पास लालचंद सोहाग की नृशंस हत्या बेहद दुखद और बर्बर है। सभ्य समाज में ऐसी घटनाओं की कोई जगह नहीं है।"
उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस की जासूसी शाखा (डीबी) ने शनिवार रात दो और आरोपियों को हिरासत में लिया। चौधरी ने जोर देकर कहा कि खुफिया एजेंसियां बाकी आरोपियों को पकड़ने के लिए लगातार काम कर रही हैं और किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे उनकी राजनीतिक पहचान कुछ भी हो। उन्होंने कहा, "सरकार का मानना है कि अपराधी अपराधी होता है। किसी भी अपराधी को उसकी राजनीतिक संबद्धता की परवाह किए बिना सजा मिलेगी।"
यह भयावह घटना गुरुवार को मिटफोर्ड अस्पताल के पास रोजोनी घोष लेन में हुई। वायरल वीडियो के अनुसार, यह हत्या एक व्यापारिक विवाद का नतीजा थी। वीडियो में दिखाया गया है कि हमलावरों ने कबाड़ विक्रेता लालचंद सोहाग को कंक्रीट के टुकड़ों से बेरहमी से पीटा। उनकी मौत की पुष्टि होने के बाद भी हमलावरों ने क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए उनके शव पर नाचना शुरू कर दिया। इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर व्यापक आक्रोश पैदा किया है।
पुलिस ने शुरुआत में इस हत्या में कथित तौर पर शामिल पांच लोगों को गिरफ्तार किया था, और अब दो और आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ कुल सात लोग हिरासत में हैं।
इस घटना ने बांग्लादेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। शनिवार को सैकड़ों छात्रों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया और अंतरिम सरकार पर भीड़ हिंसा को नियंत्रित करने में विफल रहने का आरोप लगाया। लोग इस बात से नाराज हैं कि ऐसी बर्बर घटनाएं खुलेआम हो रही हैं, और सरकार अपराधियों को रोकने में नाकाम साबित हो रही है।
चौधरी ने कहा कि यह तलाशी अभियान न केवल इस हत्या के दोषियों को पकड़ने के लिए है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए भी है कि देश में कानून-व्यवस्था बनी रहे और चुनाव से पहले स्थिरता कायम हो। उन्होंने जोर देकर कहा, "किसी भी अपराधी को शरण नहीं मिलेगी।"