India-China: बढ़ती तनातनी के बीच चीन को अचानक 'टैगोर' और 'दंगल' क्यों आ रहे याद?
India-China - बढ़ती तनातनी के बीच चीन को अचानक 'टैगोर' और 'दंगल' क्यों आ रहे याद?
नई दिल्लीः चीनी सरकार ने भारत की ओर से 118 एप्स बैन करने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। चीनी सरकार ने कहा कि 118 ऐप्स बैन ( Apps Ban) करने से भारत के निर्णय से किसी भी पक्ष को कोई फायदा नहीं होगा। चीनी सरकार का कहना है कि इस निर्णय से भारतीय यूजर्स के साथ-साथ चीन की कंपनियों को भी नुकसान होगा। बकौल चीन भारत का यह कदम विश्व व्यापार संगठन (WTO) नियमों का उल्लंघन है।मालूम हो कि भारत ने बुधवार (2 सितंबर) को लोकप्रिय खेल ऐप पबजी (PUBG) सहित चीन से संबंध रखने वाले 118 मोबाइल ऐप्स को बैन कर दिया है। इसकी वजह राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा और डेटा की गोपनीयता से जुड़ी चिंता है। भारत अब तक चीन से जुड़े कुल 224 ऐप पर प्रतिबंध लगा चुका है। ताजा कदम पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ फिर से सीमा तनाव बढ़ने के बाद उठाया गया है।दोनों देशों के रिश्ते 1,000 साल पुरानेचीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ''भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा की अवधारणा का दुरुपयोग किया और चीन की कंपनियों के खिलाफ भेदभावपूर्ण प्रतिबंध उपायों को अपनाया। यह विश्व व्यापार संगठन के नियमों का उल्लंघन है और उसकी प्रासंगिकता को कम करता है। चीन भारत से उसकी गलत प्रक्रियाओं को सुधारने का आग्रह करता है।''इसके साथ ही जोड़ा, ‘चीन-भारत के बीच आर्थिक और व्यापार सहयोग दोनों के लिए लाभकारी है। चीन उम्मीद करता है कि दोनों देश बड़ी मुश्किल से तैयार हुए सहयोग माहौल को संयुक्त तौर पर बनाए रखेंगे। साथ ही चीन की कंपनियों समेत अंतरराष्ट्रीय निवेशकों और सेवा प्रदाताओं के लिए खुला व निष्पक्ष कारोबारी माहौल तैयार करेंगे।'उन्होंने कहा, भारत और चीन पड़ोसी देश हैं और दोनों को अपनी सभ्यताओं पर गर्व है। दोनों देशों के रिश्ते 1,000 साल पुराने हैं। भारत के नोबल पुरस्कार प्राप्त कवि रविंद्र नाथ टैगोर, योग और दंगल जैसी भारतीय फिल्म चीन में बेहद लोकप्रिय है। चुनयिंग ने कहा, हम दुनिया को गलत समझते हैं और कहते हैं कि इसने हमें धोखा दिया।चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुया चुनयिंग ( (Hua Chunying) ने एक अलग संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘इन उच्च प्रौद्योगिकी वाली, उपयोग में सुगम और लोकप्रिय ऐप को प्रतिबंधित कर भारत ने सबसे पहले भारतीय उपयोक्ताओं के अधिकार व हितों का नुकसान किया है। इससे चीन की कंपनियों के हितों को भी नुकसान पहुंचा है। इस कदम से किसी को लाभ नहीं हुआ है।'उन्होंने कहा कि अमेरिका के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुया चनयिंग (Hua Chunying) ने कहा, मुझे नहीं पता कि क्या इसे लेकर भारत व अमेरिका के बीच कोई बातचीत हुई है और इसमें कोई संबंध है। चुनयिंग ने कहा, लेकिन एक देश के तौर पर भारत पुरातन सभ्यता है और इतनी समझदार है कि उसे डर्टबॉक्स, प्रिज्म, इरिटेंट हॉर्न, मस्कुलर और समुद्री इंटरनेट केबल की टैपिंग के बारे में पता होना चाहिए।