India-China: चीन पर डिजिटल हमले से बौखलाया चीन, यह WTO के नियमों का उल्लंघन है, भारत इसे सुधारे

India-China - चीन पर डिजिटल हमले से बौखलाया चीन, यह WTO के नियमों का उल्लंघन है, भारत इसे सुधारे
| Updated on: 25-Nov-2020 07:42 PM IST
नई दिल्ली। भारत लगातार चीन पर डिजिटल हमले कर रहा है। हाल ही में सरकार ने फिर एक बार ऐप बैन की कार्रवाई की है। हालांकि, इस बार चीन ने भी भारत के इस कदम का खासा विरोध किया है। चीन का कहना है कि हम राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर चीनी बैकग्राउंड वाली ऐप्स पर बार-बार प्रतिबंध लगाने का विरोध करते हैं। इतना ही नहीं चीनी दूतावास के अधिकारियों ने इसे विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों का उल्लंघन बताया है भारत को इसे सुधारने की सलाह भी दी है।

भारत सरकार (Indian Government) ने मंगलवार को अलीएक्सप्रेस (Aliexpress) सहित 43 चीनी ऐप्स पर बैन लगा दिया है। इस बार भी सरकार ने इसका कारण राष्ट्रीय सुरक्षा बताया है। चीन सरकार के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने बीजिंग में हुई एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, 'जुलाई से लेकर अब तक भारत ने सुरक्षा के नाम पर चार बार ऐसे ऐप्स पर पाबंदी लगाई है, जिनका चीन से लेनादेना है।' उन्होंने कहा, 'इस तरह का व्यवहार बाजार के सिद्धांत और डब्ल्यूटीओ के नियमों का उल्लंघन करता है।' लिजियान ने कहा, 'इससे चीनी कंपनियों के कानूनी अधिकारों और हितों पर असर पड़ता है। चीन इसे मजबूती से खारिज करता है।'

भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इनफर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 69A के तहत एक ऑर्डर जारी किया था। आधिकारिक प्रेस रिलीज के मुताबिक, 'यह कदम इस इनपुट के आधार पर उठाया गया है कि ये ऐप्स ऐसी गतिविधियों में शामिल हैं, जो भारत की संप्रभुता, अखंडता, देश की सुरक्षा, राज्य की रक्षा के लिए नुकसानदायक हैं।' इससे पहले सरकार ने 29 जून 2020 को 59 ऐप्स पर बैन लगाया था। वहीं, सरकार ने दोबारा कार्रवाई करते हुए 2 सितंबर को भी 118 ऐप्स पर पाबंदी लगा दी थी।

'विदेशी बाजारों में हमारी कंपनियों को नियमों का पालन करने के लिए कहते हैं'

प्रवक्ता ने कहा कि चीनी सरकार (Chinese Government) हमेशा अपनी कंपनियों से विदेशों में काम करने पर अंतरराष्ट्रीय नियम और स्थानिय कानूनों का पालन करने के लिए कहती है। उन्होंने कहा कि बाजार के सिद्धांतों को मानते हुए भारत की सरकार की जिम्मेदारी है कि वह चीन समेत अपने अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के अधिकारों की रक्षा करे। लिजियान ने कहा, 'हम भारतीय पक्ष से अपील करते हैं कि तुरंत इस भेदभाव वाले व्यवहार को सुधारे और आगे होने वाले नुकसान को रोके।'

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