दुनिया: चीन को उसी की भाषा में मिलेगा जवाब, ITBP के जवानों को दी जा रही खास ट्रेनिंग

दुनिया - चीन को उसी की भाषा में मिलेगा जवाब, ITBP के जवानों को दी जा रही खास ट्रेनिंग
| Updated on: 25-Jul-2020 05:24 PM IST
Delhi: दरअसल, ये चीनी भाषा (Chinese Language) के शब्द हैं, जो आजकल भारत के अर्धसैनिक बल ITBP काफी मन लगाकर काफी संख्या में सीख रहे हैं। यानी हिन्दी भाषा के साथ -साथ ये जवान अंग्रेजी और चीनी भाषा मंदारिन (Mandarin Language) भी बोलना और लिखना सीख रहे हैं, क्‍योंकि अक्सर दो देशों के जवान जब आमने सामने होते हैं तो आपस में बातचीत करने के लिए ये आवश्यक होता है, इसके साथ ही आपको भी इस बात की जानकारी होनी चाहिए की दूसरे देश की सेना आपस में क्या बातचीत कर रहे हैं और क्या योजना बना रहे हैं। हालांकि पिछले कुछ महीने पहले ही इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) के डीजी ने भी इस बात को एक कार्यक्रम के दौरान स्पष्ट किया था की करीब तीन सौ से ज्यादा हमारे जवान और अधिकारी चीन की भाषा को सीख चुके हैं और आने वाले वक्त में और ज्यादा से ज्यादा इस भाषा को सीखने वाले जवानों को सीमावर्ती इलाके में तैनात किया जाएगा। जिससे हमारे ड्यूटी करने के दौरान कोई दिक्कत ना हो।


ITBP के जवानों का चीनी भाषा कनेक्शन

चीन के साथ भारत की लगने वाली सीमावर्ती इलाकों में खासतौर पर बर्फीले इलाकों में अर्धसैनिक बल ITBP के जवानों की तैनाती होती है। कई मौके पर ऐसा देखा जाता है चीनी सेना के जवानों और ITBP के जवान पेट्रोलिंग के दौरान आमने-सामने आ जाते हैं, जिससे आपस में कॉम्युनिकेशन में काफी दिक्कतें होती हैं, क्‍योंकि चीन की सेना सिर्फ अपनी भाषा को तवज्जों देते हैं और उसी भाषा का ज्यादा उन लोगों को ज्ञान भी होता है। लेकिन ITBP के मौजूदा डीजी (Director genral ) एस।एस देसवाल ने पिछले दो सालों के अंदर ट्रेनिंग के दौरान अपने जवानों के शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक और व्यवहारिक विकास को बेहतर बनाने के लिए अपने उन अधिकारियों को विशेष तौर पर काफी ध्यान देने का निर्देश और सुझाव दिया है जो जवानों और अधिकारियों की ट्रेनिंग करवाते हैं।

लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC ) पर चीन की चालाकी और उसके योजनाओं को समझने के लिए ये ITBP के जवानों के लिए काफी लाभप्रद साबित होने वाला है। इसके लिए उतराखंड में स्थित मसूरी में आईटीबीपी के ट्रेंनिंग सेंटर में इसे प्रारंभिक कोर्स के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। आने वाले तमाम आईटीबीपी के करीब जो 90 हजार जवान और अधिकारी हैं उनको ये चीन की भाषा लिखने और बोलने के लिए विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी।

आईटीबीपी के एक सूत्र ने ये भी बताया है कि भारतीय सेना के जवानों को भी चीनी भाषा में बोलने और लिखने की ट्रेनिंग दी जा रही है। क्‍योंकि आईटीबीपी में काफी जवान इस भाषा को सीख चुके हैं। चीन के साथ जब कभी सीमा विवाद का मसला होता है तो आईटीबीपी के साथ सेना के जवान भी सामने आ जाता हैं। हालांकि पिछले दो महीनों के अंदर सेना और आईटीबीपी के जवान दोनों एक साथ ही लेह-लद्दाख इलाके में स्थित सीमावर्ती इलाकों में तैनात हैं। किसी भी तनाव के वक्त अक्सर चीनी सेना के जवान अंग्रेजी या हिन्दी में बोलने के बजाय अपनी मंडारिन भाषा में ही बातचीत करने लगते हैं, जिससे तनाव खत्म होने की वजाय और बढ़ने लगता है, क्‍यों‍कि उसका मकसद ही तनाव बढ़ाना होता है। लेकिन अब उसकी काट भी आईटीबीपी के जवानों ने ढूंढ ली है। यानी अब चीनी सेना के जवानों को उसी की भाषा यानी मंडारिन भाषा में जवाब दिया जा रहा है।

आईटीबीपी लगातार अपने प्रशिक्षण में प्रगति कर रही है और सीमा पर उपजी परिस्थितियों के बाद बल ने अपने जवानों को न सिर्फ मंदारियन भाषा सिखाने हेतु विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है, बल्कि आमतौर पर पर्वतारोहण में दक्ष माने जाने वाली आईटीबीपी ने लाठी और शील्ड जैसी ड्रिल को भी अपनी ट्रेनिंग में विशेष तौर पर शामिल करके अपने जवानों को और ज्यादा सशक्त बनाने के कार्य को आगे बढ़ाया है।

वैसे बल के चुनिंदा कर्मी चीनी भाषा सीखते रहे हैं लेकिन वर्ष 2017 से ही आइटीबीपी अपने सभी जवानों को चाइनीज लैंग्वेज में पारंगत बनाने के लिए विशेष अभियान चला रही है। बल के सभी कर्मियों को चाइनीज़ लैंग्वेज सिखाने का विशेष अभियान प्रारंभ कर दिया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि लगभग एक दशक में पार्टी के सभी रैक्स मेंडेरियन भाषा के कार्यसाधक ज्ञान को हासिल कर लेंगे।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।