Kanpur Encounter: विकास दुबे की पत्नी ऋचा को क्लीनचिट तो अमर की बीवी खुशी को जेल क्यों?- अमर की दादी
Kanpur Encounter - विकास दुबे की पत्नी ऋचा को क्लीनचिट तो अमर की बीवी खुशी को जेल क्यों?- अमर की दादी
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Updated on: 11-Jul-2020 09:03 AM IST
कानपुर। देश के बहुचर्चित कानपुर के विकरु कांड (Kanpur Shootout) में यूपी पुलिस (Up Police) की कार्रवाई तमाम सवालों के घेरे में है। एक तरफ विकास दुबे के एनकाउंटर (Encounter) से जुड़े कई तथ्यों पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ मुख्य आरोपी की पत्नी को क्लीनचिट (Cleanchit) और सह आरोपी की पत्नी को जेल (Jail) की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस पूरे घटनाक्रम में कुख्यात बदमाश विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे (Richa Dubey) को कानपुर पुलिस ने पूछताछ के बाद क्लीनचिट दे दी। पुलिस ने कहा कि मामले में ऋचा की कोई मिलीभगत प्रथम दृष्टया नहीं मिली। वहीं दूसरी तरफ अमर दुबे की नवविवाहिता पत्नी खुशी (Khushi) को पुलिस ने गिरफ्तार किया है और जेल भेज दिया है। पूरा घर तबाह हो गयाखुशी की गिरफ्तारी पर सवाल को कोई और नहीं बल्कि अमर दुबे की दादी सर्वेश्वरी दुबे ने उठाए हैं। लेकिन पुलिस महकमा उन्हें जवाब देने को तैयार नहीं है। उम्र के आखिरी पड़ाव में अपने पूरे परिवार को बिखरते देख सर्वेश्वरी दुबे के आंखों से आने वाले आंसू रुक नहीं रहे हैं। वह कह रही हैं कि अभी तो शहनाई की गूंज थमी नहीं थी कि पूरा घर तबाह हो गया।अमर को उसके किए की सजा मिली, खुशी की क्या गलती?: दादीअमर दुबे इस पूरे घटनाक्रम में अहम रोल अदा करने वाला था, उसे तो उसके किए की सजा मिल गई। पुलिस ने उसे मुठभेड़ में मार गिराया लेकिन 3 दिन पहले घर आई खुशी का क्या गुनाह था? जो पुलिस ने उसे जेल भेज दिया। उन्होंने पूछा कि अपराधी विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे पर पुलिस क्यों मेहरबान हो गई? पुलिस के डर से जेल में बेटी से मिलने नहीं जा रहे मां-पितावहीं खुशी के मां-पिता से हमने बात की तो यह रो पड़े और एक ही बात बोले कि शायद अब हमें भी जीने का हक नहीं क्योंकि हमारा गुनाह सिर्फ इतना है कि हमने एक बेटी को जन्म दिया। हमने परिवार में आने वाली लक्ष्मी का नाम खुशी रखा। इस अरमान से नाम खुशी रखा कि यह जीवन भर खुश रहे। यह अपने परिवार को खुशियां ही दें लेकिन आज लगता है कि हम बिन औलाद ही ठीक थे। उन्होंने कहा कि वह इतनी भी हिम्मत नहीं रखते हैं कि अपनी बेटी को देखने जेल तक चले जाएं। उन्हें डर है कि बेगुनाह बेटी को जब पुलिस वालों ने आरोपी बनाकर जेल भेज दिया तो कहीं उन्हें भी जेल न भेज दे। क्योंकि बेटी को जन्म तो हम ही ने दिया था।
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