CM Bhajanlal Sharma: सीएम भजनलाल शर्मा का पूर्व सीएम गहलोत पर तीखा वार: "ट्विटर मास्टर" का जादू अब नहीं चलेगा

CM Bhajanlal Sharma - सीएम भजनलाल शर्मा का पूर्व सीएम गहलोत पर तीखा वार: "ट्विटर मास्टर" का जादू अब नहीं चलेगा
| Updated on: 27-Dec-2025 08:43 AM IST
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तीखा हमला करते हुए उन्हें 'ट्विटर मास्टर' बताया और कहा कि उनका जादू अब नहीं चलेगा। शर्मा ने कांग्रेस पर अरावली के शोषण और झूठी अफवाहें फैलाने का आरोप लगाया, साथ ही अपनी सरकार के सुशासन और जल परियोजनाओं के प्रति प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

सीएम शर्मा का गहलोत पर तीखा हमला

राजस्थान के राजनीतिक गलियारों में उस समय हलचल मच गई जब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तीखा हमला बोला। शर्मा ने गहलोत को 'ट्विटर मास्टर' करार देते हुए कहा कि उनका प्रभाव अब फीका पड़ गया है और उनका 'जादू' अब नहीं चलेगा। यह बयान अरावली पर्वतमाला के मुद्दे पर गहलोत के बयानों की कड़ी आलोचना के जवाब में आया, जिसने राज्य में पर्यावरण संरक्षण और राजनीतिक जवाबदेही पर एक नई बहस छेड़ दी है। मुख्यमंत्री शर्मा ने स्पष्ट किया कि अब समय आ गया है कि पूर्ववर्ती सरकार अपने कार्यों का फल भुगते, क्योंकि जनता अब केवल सोशल मीडिया पर की गई घोषणाओं से प्रभावित होने वाली नहीं है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वास्तविक कार्य और जमीनी स्तर पर परिणाम ही किसी सरकार की सफलता का पैमाना होते हैं, न कि केवल ऑनलाइन उपस्थिति।

'ट्विटर मास्टर' का आरोप और घटता प्रभाव

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अशोक गहलोत को 'ट्विटर मास्टर' कहकर एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संदेश दिया। इस उपाधि का अर्थ यह है कि गहलोत अब जमीनी हकीकत से कटे हुए एक ऐसे नेता बन गए। हैं, जो केवल सोशल मीडिया पर अपनी बात रखते हैं, लेकिन उनका वास्तविक राजनीतिक प्रभाव कम हो गया है। शर्मा ने कहा कि गहलोत का 'जादू' अब नहीं चलेगा, जिसका सीधा मतलब है कि उनकी पुरानी राजनीतिक चालें और वादे अब जनता को प्रभावित नहीं कर पाएंगे। यह आरोप गहलोत की कार्यशैली पर सीधा प्रहार है, जिसमें उन्हें केवल ऑनलाइन सक्रिय रहने वाला और वास्तविक समस्याओं से दूर रहने वाला नेता बताया गया और शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि अब समय आ गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों और निर्णयों के लिए जवाबदेह हों, क्योंकि जनता अब केवल बयानों से नहीं, बल्कि ठोस परिणामों से प्रभावित होती है।

अरावली पर्वतमाला: विवाद का एक मुख्य बिंदु

अरावली पर्वतमाला का मुद्दा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के हमले का एक केंद्रीय बिंदु रहा और शर्मा ने सीधे तौर पर कांग्रेस सरकार पर अरावली क्षेत्र के शोषण का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने अरावली क्षेत्र के पत्थरों और रेत तक को नहीं बख्शा, जिससे इस महत्वपूर्ण पारिस्थितिक क्षेत्र को भारी नुकसान हुआ और यह आरोप पर्यावरण संरक्षण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता और पिछली सरकार की कथित लापरवाही के बीच एक बड़ा अंतर दर्शाता है। अरावली पर्वतमाला राजस्थान के लिए न केवल एक भौगोलिक विशेषता है, बल्कि यह पर्यावरण संतुलन, जल संरक्षण और जैव विविधता के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस पर किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ का सीधा असर राज्य के पर्यावरण और भविष्य पर पड़ता है। शर्मा का यह बयान अरावली के संरक्षण को अपनी सरकार की प्राथमिकता के रूप में स्थापित करता है।

अरावली की परिभाषा और खनन पट्टों पर ऐतिहासिक प्रश्न

मुख्यमंत्री शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत पर पलटवार करते हुए अरावली की। परिभाषा में बदलाव और खनन पट्टों के मुद्दे पर सीधे सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि साल 2002-03 और 2009-10 के दौरान अरावली पर्वतमाला की परिभाषा किसने बदली और उस दौरान इस क्षेत्र में कितने खनन पट्टे जारी किए गए। यह सवाल पिछली सरकारों के दौरान अरावली क्षेत्र में हुए कथित अनियमितताओं और पर्यावरणीय क्षरण की ओर इशारा करता है और शर्मा का यह कदम गहलोत सरकार के कार्यकाल के दौरान अरावली के संरक्षण को लेकर उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाता है। इन सवालों के माध्यम से, मुख्यमंत्री शर्मा ने पिछली सरकार से पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग की, यह दर्शाते हुए कि उनकी सरकार पर्यावरण संरक्षण के प्रति गंभीर है और अतीत की गलतियों को उजागर करने से नहीं हिचकेगी। यह एक स्पष्ट संकेत है कि अरावली का मुद्दा केवल राजनीतिक। बयानबाजी नहीं, बल्कि एक गंभीर नीतिगत और पर्यावरणीय चिंता का विषय है।

कांग्रेस पर झूठी अफवाहें फैलाने का आरोप

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कांग्रेस पार्टी पर झूठी अफवाहें फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता केवल अफवाहें फैलाने के अलावा कुछ नहीं करते, जिससे जनता में भ्रम और अशांति फैलती है। शर्मा ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार अरावली पर्वतमाला के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेगी और कांग्रेस द्वारा फैलाई जा रही किसी भी गलत सूचना का दृढ़ता से खंडन करेगी और यह आरोप कांग्रेस की राजनीतिक रणनीति पर सीधा प्रहार है, जिसमें उसे नकारात्मकता फैलाने और सरकार के प्रयासों को कमजोर करने की कोशिश करने वाली पार्टी के रूप में चित्रित किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार तथ्यों और पारदर्शिता के साथ। काम करती है, और किसी भी प्रकार की भ्रामक जानकारी को सफल नहीं होने देगी।

अरावली की अखंडता को बनाए रखना और गलत सूचना का मुकाबला करना

मुख्यमंत्री शर्मा ने अरावली पर्वतमाला की अखंडता को बनाए रखने के प्रति अपनी सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अरावली के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस बयान ने उनकी सरकार की पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की नीति को रेखांकित किया। शर्मा ने कांग्रेस पर झूठी अफवाहें फैलाने का आरोप लगाते हुए नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि सीएए के वक्त भी कांग्रेस ने अनावश्यक अशांति और गलत सूचना फैलाई थी, फिर भी सरकार ने कानून को सफलतापूर्वक लागू किया। यह उदाहरण देकर शर्मा ने यह संदेश दिया कि कांग्रेस की अफवाह फैलाने की रणनीति उनकी सरकार के दृढ़ संकल्प को कमजोर नहीं कर पाएगी, और वे जनहित में लिए गए निर्णयों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, भले ही विपक्ष द्वारा कितना भी विरोध या गलत सूचना फैलाई जाए।

संवैधानिक परिवर्तनों और घुसपैठियों पर कांग्रेस के रुख पर सवाल

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कांग्रेस नेताओं पर संविधान में बदलाव का दावा करने और 'एसआईआर' पर सवाल उठाने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या कांग्रेस के नेता घुसपैठियों का समर्थन कर रहे हैं। शर्मा ने जोर देकर कहा कि किसी भी घुसपैठिए को यहां रहने नहीं दिया जाएगा और यह बयान राष्ट्रीय सुरक्षा और राज्य की संप्रभुता के प्रति उनकी सरकार की दृढ़ता को दर्शाता है। संविधान में बदलाव के दावे को शर्मा ने जनता को गुमराह करने का प्रयास बताया, जबकि घुसपैठियों के मुद्दे पर। उनका रुख स्पष्ट था कि राज्य में अवैध रूप से रहने वाले किसी भी व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कांग्रेस से इस संवेदनशील मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने की मांग की, जिससे यह संकेत मिलता है कि उनकी सरकार इस मामले पर कोई समझौता नहीं करेगी और राज्य के नागरिकों की सुरक्षा और पहचान को प्राथमिकता देगी।

शासन रिपोर्ट कार्ड: पेपर लीक और जल प्रबंधन

मुख्यमंत्री शर्मा ने अपनी सरकार और पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के बीच शासन के मोर्चे पर एक स्पष्ट तुलना प्रस्तुत की। उन्होंने पिछली कांग्रेस सरकार को पेपर लीक के लिए जिम्मेदार ठहराया, जिससे हजारों युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो गया और शर्मा ने गर्व से कहा कि उनकी सरकार में एक भी पेपर लीक नहीं हुआ है, जो पारदर्शिता और योग्यता-आधारित भर्ती के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। पेपर लीक का मुद्दा युवाओं के लिए एक गंभीर चिंता का विषय रहा है, और शर्मा का यह बयान उनकी सरकार को युवाओं के हितों का संरक्षक बताता है। यह तुलना न केवल पिछली सरकार की विफलताओं को उजागर करती है, बल्कि वर्तमान सरकार की प्रशासनिक दक्षता और ईमानदारी को भी रेखांकित करती है।

बयानबाजी से कार्रवाई तक: राजस्थान में जल परियोजनाएं

जल प्रबंधन के मुद्दे पर, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की केवल 'पानी लाने' की बात करने की आलोचना की। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार पांच साल तक केवल पानी लाने का जिक्र करती रही, लेकिन धरातल पर कोई ठोस कार्य नहीं किया। इसके विपरीत, शर्मा ने अपनी सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला, जिसमें कहा गया कि वे राजस्थान में। जल को लेकर कार्य कर रहे हैं और जल्द से जुड़ी योजनाओं को धरातल पर उतार रहे हैं। यह बयान कांग्रेस की खोखली बयानबाजी और उनकी सरकार के ठोस कार्यों के बीच एक स्पष्ट अंतर प्रस्तुत करता है। राजस्थान जैसे जल-संकटग्रस्त राज्य के लिए जल परियोजनाएं अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, और शर्मा का यह दावा उनकी सरकार को जनता की वास्तविक समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध बताता है। यह दर्शाता है कि उनकी सरकार केवल वादे नहीं करती, बल्कि उन्हें पूरा करने के लिए सक्रिय रूप से काम भी करती है।

प्रदर्शन की विरासत बनाम खोखले वादे

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपनी सरकार के दो साल के कार्यकाल की तुलना पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के पांच साल के कार्यकाल से करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने 'बेहतरीन कार्य' किया है। उन्होंने जनता से दोनों सरकारों के कामकाज का लेखा-जोखा करने का आह्वान किया। यह तुलना शर्मा की सरकार की दक्षता, पारदर्शिता और जन-कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को उजागर करती है। उन्होंने यह संदेश दिया कि उनकी सरकार केवल बयानबाजी में विश्वास नहीं रखती, बल्कि ठोस परिणाम देने में विश्वास रखती है। यह एक स्पष्ट संकेत है कि वर्तमान सरकार विकास और सुशासन के एजेंडे पर आगे बढ़। रही है, और पिछली सरकार की कथित विफलताओं को जनता के सामने उजागर करने से नहीं हिचकेगी। यह बयान राजस्थान के भविष्य के लिए एक नई दिशा का संकेत देता है, जहां कार्य प्रदर्शन को प्राथमिकता दी जाएगी।

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