Tirupati Laddu Case: लैब रिपोर्ट आने के बाद CM नायडू का बड़ा बयान, बोले- 'किसी को बख्शा नहीं जाएगा'

Tirupati Laddu Case - लैब रिपोर्ट आने के बाद CM नायडू का बड़ा बयान, बोले- 'किसी को बख्शा नहीं जाएगा'
| Updated on: 20-Sep-2024 10:10 AM IST
Tirupati Laddu Case: आंध्र प्रदेश के तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर में प्रसाद के रूप में वितरित किए जाने वाले प्रसिद्ध लड्डू में मिलावट की पुष्टि होने के बाद मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है। टीडीपी (तेलुगु देशम पार्टी) ने आरोप लगाया है कि लड्डू बनाने में गोमांस की चर्बी, मछली का तेल और ताड़ का तेल का इस्तेमाल किया जा रहा था। हाल ही में आई लैब रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की गई है, जिससे श्रद्धालुओं में हड़कंप मच गया है।

अनियमितताओं के खिलाफ सख्त कदम

सीएम नायडू ने कहा, "इस अनियमितता में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।" उन्होंने यह भी बताया कि लैब रिपोर्ट से स्पष्ट है कि प्रसाद की गुणवत्ता के साथ समझौता किया गया है और इसमें अपवित्र वस्तुओं की मिलावट हुई है। इस मामले में कुछ लोगों को काम से हटा दिया गया है और प्रसाद की पवित्रता बनाए रखने के लिए अब शुद्ध घी का उपयोग किया जा रहा है। श्रद्धालु इस कार्रवाई से संतुष्ट नजर आ रहे हैं।

पवित्रता की गंभीरता

मुख्यमंत्री ने कहा, "यह सोचना भी असंभव है कि भगवान वेंकटेश्वर के खिलाफ ऐसा कार्य किया जा सकता है। हमारे धार्मिक विश्वासों के लिए यह अत्यंत गंभीर मामला है। अगर किसी ने भगवान के प्रति दुर्भावना दिखाई है, तो लोग कहते हैं कि उसकी सजा इसी जन्म में मिलती है।" उन्होंने जोर दिया कि इस मामले में और भी जांच जारी है और सभी सबूत जुटाए जा रहे हैं।

प्रयोगशाला रिपोर्ट की पुष्टि

टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने गुरुवार को प्रयोगशाला रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें लड्डू के नमूने में "गोमांस की चर्बी" की उपस्थिति की पुष्टि की गई थी। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि नमूनों में "लार्ड" (सूअर की चर्बी से संबंधित) और मछली के तेल की मौजूदगी पाई गई। यह सैंपल नौ जुलाई को लिया गया था, और रिपोर्ट 16 जुलाई को जारी की गई थी।

निष्कर्ष

तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर का प्रसाद न केवल श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह उनकी आस्था का प्रतीक भी है। इस मामले ने न केवल श्रद्धालुओं को चौंका दिया है, बल्कि यह एक गंभीर धार्मिक और नैतिक मुद्दा भी बन गया है। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा की गई कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।

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