Nitish Kumar News: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला डॉक्टर का हिजाब हटाया, कार्यक्रम में मचा बवाल
Nitish Kumar News - मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला डॉक्टर का हिजाब हटाया, कार्यक्रम में मचा बवाल
सोमवार को पटना स्थित मुख्यमंत्री आवास पर एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवनियुक्त आयुष चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। यह कार्यक्रम राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसमें कुल 1283 आयुष डॉक्टर्स को उनके नए पदों पर नियुक्त किया गया। इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से कई चिकित्सकों को उनके। नियुक्ति पत्र सौंपे, जिससे उनमें उत्साह और नई ऊर्जा का संचार हुआ।
इसी कार्यक्रम के दौरान एक अप्रत्याशित घटना घटी, जिसने पूरे समारोह का ध्यान अपनी ओर खींच लिया और जब महिला डॉक्टर नुसरत परवीन को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नियुक्ति पत्र सौंपा, तो उन्होंने पहले तो पत्र दिया, फिर नुसरत परवीन की ओर देखने लगे। महिला डॉक्टर ने भी मुख्यमंत्री को देखकर मुस्कुराया और इसके बाद, मुख्यमंत्री ने नुसरत परवीन के हिजाब की ओर इशारा करते हुए पूछा, "ये क्या है जी? " महिला डॉक्टर ने विनम्रतापूर्वक जवाब दिया, "हिजाब है सर। " मुख्यमंत्री ने तुरंत कहा, "हटाइए इसे। " इसके बाद, मुख्यमंत्री ने खुद अपने हाथ से महिला डॉक्टर का हिजाब हटा दिया और इस अचानक हुई घटना से नुसरत परवीन कुछ देर के लिए असहज महसूस करने लगीं, जबकि आसपास मौजूद कुछ लोग हंसने लगे। कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों ने तुरंत स्थिति संभाली और महिला को पुनः नियुक्ति पत्र थमाकर वहां से जाने का इशारा किया।
आरजेडी की तीखी प्रतिक्रिया
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और इसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा। आरजेडी ने अपने आधिकारिक हैंडल से वीडियो साझा करते हुए लिखा, "यह क्या हो गया है नीतीश जी को। मानसिक स्थिति बिल्कुल ही अब दयनीय स्थिति में पहुंच चुकी है या नीतीश बाबू अब 100% संघी हो चुके हैं। " आरजेडी ने इस घटना को मुख्यमंत्री के व्यवहार में एक गंभीर बदलाव के रूप में देखा और उनकी आलोचना की, जिससे यह मुद्दा एक राजनीतिक विवाद में बदल गया।नवनियुक्त आयुष चिकित्सकों का विवरण
इस कार्यक्रम में कुल 1283 आयुष चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए। इन चिकित्सकों में विभिन्न आयुष पद्धतियों के विशेषज्ञ शामिल थे,। जो राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली को बहुआयामी दृष्टिकोण प्रदान करेंगे। विस्तृत आंकड़ों के अनुसार, 685 आयुर्वेदिक चिकित्सक, 393 होमियोपैथिक चिकित्सक और 205 यूनानी चिकित्सक शामिल थे। इन सभी नवनियुक्त चिकित्सकों को राज्य के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाने के लिए पदस्थापित किया जा रहा है, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता में सुधार होगा।स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का लक्ष्य
इन नवनियुक्त आयुष चिकित्सकों को 'राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम' के तहत संचालित 'चलंत चिकित्सा दल' (मोबाइल मेडिकल टीम) में शामिल किया जाएगा। ये दल स्कूलों में बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करेंगे और उन्हें आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान करेंगे। इसके अतिरिक्त, इन चिकित्सकों को आयुष चिकित्सा सेवा के तहत विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) सेवाओं में भी लगाया जाएगा, जिससे मरीजों को आयुष पद्धतियों के माध्यम से उपचार मिल सकेगा और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत चल रहे अन्य कार्यक्रमों में भी इनकी सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी, जिससे स्वास्थ्य क्षेत्र में समग्र विकास को गति मिलेगी।बच्चों के स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधाओं पर प्रभाव
इन नियुक्तियों का सीधा और सकारात्मक प्रभाव स्कूलों में बच्चों की स्वास्थ्य जांच पर पड़ेगा। 'राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम' के तहत चलंत चिकित्सा दल बच्चों के स्वास्थ्य की नियमित जांच कर सकेंगे, जिससे बीमारियों का समय पर पता लगाया जा सकेगा और उनका उपचार किया जा सकेगा और इसके साथ ही, विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में आयुष चिकित्सकों की उपलब्धता से बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी, जिससे आम जनता को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा। यह कदम राज्य में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और नागरिकों के स्वास्थ्य स्तर को ऊपर उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।