देश: हरसिमरत कौर के इस्तीफे को कांग्रेस ने बताया दिखावा, कहा- एनडीए से अलग हो अकाली दल
देश - हरसिमरत कौर के इस्तीफे को कांग्रेस ने बताया दिखावा, कहा- एनडीए से अलग हो अकाली दल
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Updated on: 18-Sep-2020 06:41 AM IST
Delhi: केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कृषि से संबंधित अध्यादेश के विरोध में कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे को दिखावा बताया है। उन्होंने हरसिमरत कौर बादल पर निशाना साधते हुए कहा कि अकाली दल को प्रतीकात्मक दिखावे से आगे बढ़ कर सच के साथ खड़े होना चाहिए। उन्होंने अकाली दल से कहा कि अगर वो केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में हैं तो उन्हें एनडीए गठबंधन से अलग हो जाना चाहिए। रणदीप सुरजेवाला ने सवालिया अंदाज में पूछा कि जब किसान विरोधी अध्यादेश मंत्रिमंडल में पारित हुआ तो हरसिमरत ने विरोध क्यों नहीं किया? सुरजेवाला ने हरसिमरत कौर के लोकसभा से इस्तीफा देने की भी मांग की है। सुरजेवाला ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'अकाली दल को प्रतीकात्मक दिखावे से आगे बढ़ कर सच के साथ खड़े होना चाहिए। जब किसान विरोधी अध्यादेश मंत्रीमंडल में पारित हुए तो हरसिमरत जी ने विरोध क्यों नहीं किया? आप लोकसभा से इस्तीफ़ा क्यों नहीं देते? अकाली दल मोदी सरकार से समर्थन वापिस क्यों नही लेता? प्रपंच नहीं, किसान पक्ष लें।'वहीं चीन के मुद्दे को लेकर सुरजेवाला ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को घेरा। सुरजेवाला ने कहा कि रक्षा मंत्री सीधा-सीधा जवाब दें कि चीन भारतीय सीमा में घुसा कि नहीं।इससे पहले इस्तीफे की जानकारी देते हुए हरसिमरत कौर बादल ने ट्वीट किया कि मैंने किसान विरोधी अध्यादेशों और कानून के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। किसानों के साथ उनकी बेटी और बहन के रूप में खड़े होने का गर्व है। गुरुवार को जब बिल को लोकसभा में पेश किया गया तो शिरोमणि अकाली दल के सांसद सुखबीर सिंह बादल ने विरोध किया। उन्होंने सरकार को बड़ा झटका देते हुए कहा कि हरसिमरत कौर बादल मंत्रीपद से इस्तीफा देंगी। हालांकि, शिरोमणि अकाली दल का सरकार को समर्थन जारी रहेगा। बता दें कि हरसिमरत कौर बादल केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग मंत्री थीं। सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि हम इस बिल का विरोध करते हैं। इससे 20 लाख किसानों पर असर पड़ेगा। आजादी के बाद हर राज्य ने अपनी योजना बनाई। पंजाब की सरकार ने पिछले 50 साल खेती को लेकर कई काम किए। पंजाब में किसान खेती को अपना बच्चा समझता है। पंजाब अपना पानी देशवासी को कुर्बान कर देता है।
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