Ahmedabad Plane Crash: 12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरते ही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 दुर्घटनाग्रस्त हो गई। मात्र 360 सेकेंड में आसमान छूने का सपना 265 जिंदगियों की मौत में तब्दील हो गया। यह हादसा देश के लिए ही नहीं, पूरी दुनिया के लिए एक सदमा बन गया है — जिसमें आंसू हैं, दर्द है, और सबसे ज्यादा हैं सवाल।
सबसे पहला सवाल – क्या बोइंग 787 ड्रीमलाइनर में कोई तकनीकी खामी थी? क्या उड़ान से पहले मेंटनेंस में कोई चूक हुई? क्या फ्लैप्स की सेटिंग गलत थी या इंजन को पर्याप्त थ्रस्ट नहीं मिला? रिपोर्ट्स के मुताबिक टेकऑफ के दौरान विमान की रफ्तार सिर्फ 174 नॉट थी, जबकि इस वज़न पर इसे 200 से 250 नॉट की स्पीड की ज़रूरत थी।
दो अनुभवी पायलट इस फ्लाइट को कंट्रोल कर रहे थे और मौसम भी साफ था, फिर भी हादसा हुआ। क्या टेकऑफ के दौरान पायलट से कोई चूक हुई? आंकड़ों के अनुसार, विमान हादसों में 65% दुर्घटनाएं मानवीय भूल की वजह से होती हैं। क्या इस केस में भी ऐसा ही कुछ हुआ?
एक और चौंकाने वाला सवाल — क्या यह प्लेन क्रैश साइबर अटैक का नतीजा हो सकता है? अप्रैल 2025 में म्यांमार मिशन के दौरान भारतीय वायुसेना के विमान पर साइबर हमला हुआ था, और 2016 में अमेरिका में बोइंग 757 को हैक किया गया था। ऐसे में अहमदाबाद क्रैश में भी इस एंगल की गहराई से जांच हो रही है।
क्रैश के वीडियो में साफ दिखता है कि टेकऑफ के समय भी विमान के लैंडिंग गियर नीचे थे। क्या गियर समय पर नहीं उठ पाए? इसके अलावा, प्लेन में टेकऑफ के वक्त करीब 1.25 लाख लीटर ईंधन था। क्या यह अतिरिक्त वज़न इंजन के थ्रस्ट को प्रभावित कर गया?
हालांकि जांच एजेंसियों को अब ब्लैक बॉक्स मिल चुका है, लेकिन सवाल यह है — क्या इससे सारे राज़ सामने आएंगे? अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश भी अपनी टीम भारत भेज चुके हैं ताकि हादसे की हर परत खोली जा सके।
अहमदाबाद विमान हादसा केवल एक क्रैश नहीं है, यह 265 परिवारों के लिए एक न भूल पाने वाला दुःस्वप्न बन गया है। हर सवाल का जवाब जरूरी है — ताकि इंसान की बनाई मशीन की गलती फिर किसी की जिंदगी न छीन सके। अब जिम्मेदारी जांच एजेंसियों की है कि वे सिर्फ तकनीक नहीं, सच्चाई भी सामने लाएं।