देश: भारत में ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के ट्रायल पर पाबंदी हटी, सीरम इंस्टीट्यूट को DCGI ने दी अनुमति

देश - भारत में ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के ट्रायल पर पाबंदी हटी, सीरम इंस्टीट्यूट को DCGI ने दी अनुमति
| Updated on: 16-Sep-2020 09:21 AM IST
Delhi: ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) डॉ। वीजी सोमानी ने मंगलवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of india) को ऑक्सफोर्ड की कोविड-19 वैक्सीन पर फिर से क्लीनिकल ट्रायल (Vaccine clinical trials) शुरू करने की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही DCGI ने दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल के लिए किसी नए उम्मीदवार के चुनने पर रोक लगाने वाले अपने पहले के आदेश को भी रद्द कर दिया।

इससे पहले, 11 सितंबर को DCGI ने भारत में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड वैक्सीन (Astrazeneca-oxford vaccine) के ट्रायल पर रोक लगाई थी। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने कहा था कि अगला निर्देश आने तक ट्रायल पर रोक रहेगी। सुरक्षा कारणों की वजह से ये ट्रायल रोका गया था।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका पीएलसी की ओर से विकसित की जा रही कोरोना वैक्सीन के ट्रायल के शुरुआती नतीजे काफी उत्साहजनक रहे हैं। हालांकि, ब्रिटेन में एक वॉलन्टियर के बीमार पड़ने के बाद ब्रिटेन और अमेरिका में ट्रायल रोक दिया गया था। सीरम इंस्टिट्यूट के सीईओ अदर पूनावाला ने कहा था कि भारत में वैक्सीन के ट्रायल पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।

इसके बाद ड्रग्स कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को नोटिस जारी कर दिया और सवाल किया था कि सीरम ने DGCI को दूसरे देशों में चल रहे ट्रायल के नतीजों के बारे में जानकारी क्यों नहीं दी। नोटिस के बाद सीरम इंस्टिट्यूट ने वैक्सीन ट्रायल को रोक दिया था।

भारत में ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन के दूसरे और तीसरे फेज के ट्रायल 17 जगहों पर चलाए जा रहे हैं। ट्रायल के पहले और दूसरे सफल चरण से काफी उम्मीदें बंधी हैं और वैक्सीन के बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए दुनियाभर में कई टाईअप हुए। तीसरे चरण में वैक्सीन के ट्रायल्स को अमेरिका, ब्राजील, दक्षिण अमेरिका और भारत में विस्तारित किया गया था।

सीरम इंस्टिट्यूट ने कहा था कि भारत के साथ-साथ वो कई अन्य देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराएगा। अमेरिका और ब्रिटेन में दर्जनों जगहों पर ट्रायल पर रोक लगने के बाद इसका असर भारत में दिखने लगा था। हालांकि एस्ट्राजेनेका के प्रवक्ता ने रोक लगने के बाद कहा था कि किसी भी वैक्सीन के निर्माण में इस तरह की दिक्कतें आती ही हैं। उन्होंने वॉलंटियर की जल्द रिकवरी का भी दावा किया था।

बता दें कि ट्रायल के दौरान ब्रिटेन में एक वॉलंटियर को ट्रांसवर्स मायलाइटिस का पता चला था, जो स्पाइनल कॉर्ड को प्रभावित करने वाला एक इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम है। इसके लिए वायरल इंफेक्शन जिम्मेदार हो सकता है। कारण का पता लगाने के लिए एक स्वतंत्र जांच की जा रही है।

वैज्ञानिकों का भी कहना है कि इस तरह के विराम वैक्सीन ट्रायल्स का ही हिस्सा है। दिल्ली एम्स के एक वैक्सीन एक्सपर्ट ने कहा, “कुछ मौकों पर ऐसा होता है कि वैक्सीन की डोज दिए जाने के दौरान मरीज बीमार हो जाता है या कभी कभी मौत भी हो जाती है। यह एक प्रक्रिया है और ट्रायल्स को रोकने की जरूरत होती है। ट्रायल जांचकर्ता पूरे नैतिक मानदंडों का पालन कर रहे हैं।”

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।