Delhi AQI Index: दिल्ली की हवा हुई 'जहरीली', AQI 400 के पार, शहर 'रेड जोन' में

Delhi AQI Index - दिल्ली की हवा हुई 'जहरीली', AQI 400 के पार, शहर 'रेड जोन' में
| Updated on: 08-Nov-2025 09:40 PM IST
दिल्ली में सर्दियों की शुरुआत के साथ ही वायु प्रदूषण का कहर एक बार फिर लौट आया। है, जिससे राष्ट्रीय राजधानी की हवा 'जहरीली' हो गई है और लोगों का दम घुटने लगा है। शनिवार को दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के आंकड़े को पार कर गया, जिसने शहर को 'गंभीर' श्रेणी में धकेल दिया। इस गंभीर स्थिति के कारण दिल्ली को 'रेड जोन' में रखा गया है, जो देश के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक के रूप में इसकी पहचान को और पुख्ता करता है।

वायु गुणवत्ता में तेज़ी से गिरावट

शनिवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता में तेज़ी से गिरावट दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, शाम 4 बजे मापा गया दिल्ली का 24 घंटे का औसत AQI 361 था। यह आंकड़ा समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली को। देश भर के सबसे प्रदूषित शहरों में दूसरे स्थान पर रखता है। शुक्रवार को, शहर में AQI 322 दर्ज किया गया था, जो उस समय देश में सबसे अधिक था और यह दर्शाता है कि 24 घंटे के भीतर ही स्थिति में उल्लेखनीय गिरावट आई है, जिससे चिंताएं बढ़ गई हैं।

'गंभीर' श्रेणी में प्रमुख इलाके

शहर के 38 निगरानी केंद्रों में से कई इलाकों में प्रदूषण का स्तर विशेष रूप से खतरनाक रहा। सीपीसीबी के समीर ऐप के अनुसार, वज़ीरपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 420 दर्ज किया गया, जो 'गंभीर' श्रेणी के ऊपरी छोर पर है। इसी तरह, बुराड़ी में AQI 418, विवेक विहार में 411, नेहरू नगर में 406, अलीपुर में 404 और आईटीओ में 402 दर्ज किया गया। ये सभी आंकड़े 401-500 की 'गंभीर' श्रेणी में आते हैं, जो निवासियों के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करते हैं और इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सांस लेने में तकलीफ और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) पर भी असर

दिल्ली के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के शहरों में भी वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंच गई है और नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 354 दर्ज किया गया, जबकि ग्रेटर नोएडा में यह 336 और गाजियाबाद में 339 रहा। ये सभी आंकड़े 301-400 की 'बेहद खराब' श्रेणी में आते हैं, जिसका अर्थ है कि इन क्षेत्रों में भी हवा की गुणवत्ता चिंताजनक स्तर पर है। इन शहरों में भी निवासियों को सांस संबंधी समस्याओं और अन्य स्वास्थ्य प्रभावों का अनुभव हो सकता है।

प्रमुख प्रदूषक और घना कोहरा

शनिवार को पीएम 2. 5 (पार्टिकुलेट मैटर 2. 5) और पीएम 10 (पार्टिकुलेट मैटर 10) प्रमुख प्रदूषक रहे। ये सूक्ष्म कण हवा में निलंबित रहते हैं और सांस लेने पर फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इन प्रदूषकों की उच्च सांद्रता के कारण शहर में घना कोहरा छाया रहा, जिससे दृश्यता कम हो गई और दिन के समय भी धुंध छाई रही। यह स्थिति न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि यातायात और दैनिक गतिविधियों को भी प्रभावित करती है।

प्रदूषण के मुख्य कारण

वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान के लिए निर्णय सहायता प्रणाली (डीएसएस) ने दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी लगभग 30 प्रतिशत अनुमानित की है। यह मौसमी घटना, जिसमें पड़ोसी राज्यों में फसल अवशेष जलाए जाते हैं, हर साल सर्दियों की शुरुआत में दिल्ली की वायु गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित करती है। इसके अलावा, वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन की हिस्सेदारी 15. 2 प्रतिशत बताई गई है, जो शहरी प्रदूषण का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और निर्माण गतिविधियों और औद्योगिक उत्सर्जन जैसे अन्य कारक भी वायु गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं, लेकिन पराली और वाहन उत्सर्जन इस समय प्रमुख योगदानकर्ता हैं।

वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) श्रेणियां

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मानकों के अनुसार, वायु गुणवत्ता को विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है ताकि इसकी गंभीरता को समझा जा सके। 0-50 के बीच AQI को "अच्छा" माना जाता है, जबकि 51-100 के बीच "संतोषजनक" होता है। 101-200 के बीच "मध्यम" श्रेणी में आता है, और 201-300 के बीच "खराब" माना जाता है। 301-400 के बीच AQI "बेहद खराब" श्रेणी में आता है, और 401-500 के बीच "गंभीर" माना जाता है। दिल्ली में वर्तमान में कई इलाकों में AQI 400 के पार होने का मतलब है कि हवा की गुणवत्ता "गंभीर" स्तर। पर है, जो स्वस्थ लोगों को भी प्रभावित कर सकती है और पहले से बीमार लोगों के लिए अत्यंत खतरनाक है।

भविष्य की संभावनाएं

दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के पूर्वानुमानों से पता चलता है कि शहर की हवा में जल्द सुधार होने की संभावना नहीं है। आने वाले दिनों में AQI के 'बेहद खराब' श्रेणी में बने रहने की उम्मीद है, जिसका अर्थ है कि निवासियों को लंबे समय तक खराब हवा की गुणवत्ता का सामना करना पड़ेगा। दिवाली के बाद से, दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार 'खराब', 'बेहद खराब' और कभी-कभी 'गंभीर' के बीच झूलती रही है, जो इस बात का संकेत है कि प्रदूषण एक स्थायी समस्या बन गया है जिसे तत्काल और प्रभावी उपायों की आवश्यकता है। यह स्थिति दिल्ली के निवासियों के स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता के लिए एक गंभीर चुनौती बनी हुई है।

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