Delhi AQI Index: कम नहीं हो रहा दिल्ली की हवा में घुला जहर, प्रदूषण से हाल-बेहाल, 12 इलाकों में AQI 400 के पार
Delhi AQI Index - कम नहीं हो रहा दिल्ली की हवा में घुला जहर, प्रदूषण से हाल-बेहाल, 12 इलाकों में AQI 400 के पार
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का संकट लगातार गहराता जा रहा। है, जिससे क्षेत्र के निवासियों का जीवन दूभर हो गया है। राजधानी और उसके आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में बनी। हुई है, जिससे लोगों को सांस लेने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। सुबह और शाम के समय, दिल्ली एक घनी धुंध की चादर में लिपटी दिखाई देती है, जो हवा में घुले जहर की स्पष्ट तस्वीर पेश करती है। यह स्थिति न केवल दृश्यता को प्रभावित कर रही है, बल्कि स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर डाल रही है।
बेहद खराब श्रेणी में वायु गुणवत्ता
दिल्ली-एनसीआर की हवा लगातार 'बेहद खराब' श्रेणी में बनी हुई है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक मानी जाती है। इस श्रेणी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का उच्च स्तर यह दर्शाता है कि हवा में सूक्ष्म कणों और अन्य प्रदूषकों की मात्रा बहुत अधिक है। यह स्थिति संवेदनशील व्यक्तियों, जैसे बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन संबंधी बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए विशेष रूप से खतरनाक है। हवा में घुला यह अदृश्य जहर लोगों के फेफड़ों और श्वसन तंत्र को सीधे प्रभावित कर रहा है, जिससे उनकी दैनिक गतिविधियों में बाधा आ रही है।स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव
प्रदूषण के इस गंभीर स्तर के कारण लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सबसे आम शिकायतों में सांस लेने में दिक्कत शामिल है, जिससे कई लोग अपनी छाती में भारीपन और सांस लेने में खिंचाव महसूस कर रहे हैं। इसके अलावा, आंखों में जलन एक और व्यापक समस्या है, जो हवा में मौजूद प्रदूषकों के कारण होती है। गले में खराश और खांसी भी आम हो गई है, जिससे लोगों को लगातार असुविधा हो रही है। ये लक्षण बताते हैं कि वायु प्रदूषण का सीधा और तत्काल प्रभाव मानव। स्वास्थ्य पर पड़ रहा है, जिससे जीवन की गुणवत्ता में गिरावट आ रही है।AQI 400 के पार वाले प्रमुख इलाके
दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के। आंकड़े को पार कर गया है, जो 'गंभीर' श्रेणी के करीब है। समीर ऐप के आंकड़ों के अनुसार, आनंद विहार में AQI 427, अशोक विहार में 421, बुराड़ी क्रॉसिंग में 431, जहांगीरपुरी में 438, नरेला में 415, नेहरू नगर में 405, नॉर्थ कैंपस में 401, पटपड़गंज में 400, पंजाबी बाग में 412, रोहिणी में 438, सोनिया विहार में 403, विवेक विहार में 446 और वजीरपुर में 449 दर्ज किया गया है। वहीं, aqi. in के मुताबिक, दिल्ली का समग्र AQI 470 है, जो स्थिति की भयावहता को दर्शाता है। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि राजधानी के बड़े हिस्से। में हवा की गुणवत्ता बेहद चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई है।रेड जोन में 300 के पार AQI वाले क्षेत्र
AQI 400 के पार वाले इलाकों के अलावा, दिल्ली-एनसीआर के कई अन्य क्षेत्र भी 'रेड जोन' में हैं, जहां AQI 300 से ऊपर बना हुआ है। इन इलाकों में आया नगर का AQI 340, चांदनी चौक का 392, मथुरा रोड का 362, कर्णी सिंह का 361, डीटीयू का 398, द्वारका-सेक्टर 8 का 387, आईजीआई एयरपोर्ट का 338, दिलशाद गार्डन का 320, आईटीओ का 384, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम का 364, लोधी रोड का 339, मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम का 320, मंदिर मार्ग का 300, नजफगढ़ का 335, द्वारका का 313, ओखला फेज 2 का 378, पूसा का 355, RK पुरम का 394, शादीपुर का 331, सीरीफोर्ट का 382 और अलीपुर का AQI 397 दर्ज किया गया है। ये सभी आंकड़े दर्शाते हैं कि दिल्ली का लगभग हर कोना गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में है।एनसीआर के शहरों का हाल
दिल्ली के पड़ोसी एनसीआर शहरों में भी वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी हुई है। गाजियाबाद का AQI 426 दर्ज किया गया है, जो 'बेहद खराब' श्रेणी में आता है और दिल्ली के कई इलाकों से भी अधिक है। नोएडा का AQI 396 है, जो 400 के करीब है और यह भी 'बेहद खराब' श्रेणी में आता है। वहीं, गुरुग्राम का AQI 286 दर्ज किया गया है, जो हालांकि 300 से नीचे है,। लेकिन फिर भी 'खराब' श्रेणी में आता है और संवेदनशील व्यक्तियों के लिए हानिकारक है। इन आंकड़ों से पता चलता है कि यह समस्या केवल दिल्ली तक। सीमित नहीं है, बल्कि पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को प्रभावित कर रही है।ठंड और प्रदूषण की दोहरी मार
वायु प्रदूषण के साथ-साथ दिल्ली में ठंड भी लगातार बढ़ती जा। रही है, जिससे लोगों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। मौसम विभाग के अनुसार, आज दिल्ली का न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। हालांकि, आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट आने की आशंका है, जहां न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। ठंड में इस इजाफे का मतलब है कि सुबह और शाम के वक्त लोगों को ज्यादा ठंड महसूस होगी, जिससे प्रदूषण के साथ-साथ ठंड का सामना करना और भी मुश्किल हो जाएगा और यह संयोजन स्वास्थ्य समस्याओं को और बढ़ा सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो पहले से ही प्रदूषण से प्रभावित हैं। दिल्ली के निवासियों के लिए यह स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, जहां प्रदूषण और बढ़ती ठंड दोनों मिलकर जीवन को और कठिन बना रहे हैं।