देश: शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने दायर की चार्जशीट, राजद्रोह का आरोप

देश - शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने दायर की चार्जशीट, राजद्रोह का आरोप
| Updated on: 18-Apr-2020 12:46 PM IST
दिल्ली:  शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली की साकेत कोर्ट में चार्जशीट दायर किया गया है। शरजील इमाम पर देशद्रोही भाषण देने और हिंसा भड़काने का आरोप है। शरजील इमाम को देश में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस ने उसे 28 जनवरी को बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया था।

हिंसा भड़काने का है आरोप

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। शरजील इमाम को बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया था। उस पर हिंसा भड़काने का आरोप था। शरजील इमाम का एक कथित भड़काऊ भाषण का वीडियो वायरल हुआ था। इस भाषण को 13 दिसंबर को दिया गया था। जांच के दौरान सबूतों के आधार पर पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ आईपीसी की धारा 124 ए (राजद्रोह) और 153 ए ( धर्म, भाषा, नस्ल वगैरह के आधार पर लोगों में नफरत फैलाना) लगाया था।

दिल्ली पुलिस ने अपने बयान में कहा है कि 15 दिसंबर को जामिया मिल्लिया के छात्रों ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी और जामिया में रैली आयोजित की थी, इस दौरान गंभीर हिंसा हुई थी। पुलिस के मुताबिक इस दौरान आगजनी और हिंसा हुई थी और पत्थरबाजी की गई थी। इसकी वजह से सार्वजनिक और निजी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा था।

विवादास्पद भाषण से चर्चा में आया

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दंगा, हिंसा और पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने से जुड़े केस दर्ज किए गए थे। दिल्ली पुलिस के मुताबिक एफआईआर के आधार पर जामिया में हिंसा भड़काने के आरोप में शरजील इमाम को गिरफ्तार किया गया था। इसके पीछे शरजील इमाम का एक कथित विवादास्पद भाषण था, जो कि 13 दिसंबर को ही दिया गया था। दिल्ली पुलिस के मुताबिक जांच के दौरान मिले सबूतों के आधार पर इस केस में आईपीसी की धारा 124ए और 153 ए को भी शामिल किया गया था।

चिकेन नेक काटने की बात कह चर्चा में आया था

शरजील इमाम का जो भाषण चर्चा में रहा उसमें वो कथित तौर पर असम को भारत से जोड़ने वाले भूभाग जिसे चिकेन नेक कहा जाता है, को काटने की बात कहता दिख रहा है। इस भाषण में शरजील इमाम कह रहा है कि अगर हमारे पास संगठित लोग हों तो हम असम को हिंदुस्तान से अलग कर सकते हैं। शरजील इमाम कहता है कि हमेशा के लिए नहीं तो कुछ दिनों के लिए ही असम को भारत से अलग किया जा सकता है।


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