Delhi Pollution: प्रदूषण पर दिल्ली सरकार का कड़ा रुख: PUC चालान माफ नहीं, ओला-उबर ई-बसें और ई-रिक्शा के लिए नए नियम

Delhi Pollution - प्रदूषण पर दिल्ली सरकार का कड़ा रुख: PUC चालान माफ नहीं, ओला-उबर ई-बसें और ई-रिक्शा के लिए नए नियम
| Updated on: 22-Dec-2025 08:28 PM IST
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने राजधानी में बढ़ते प्रदूषण और यातायात की चुनौतियों से निपटने के लिए एक व्यापक और निर्णायक योजना का अनावरण किया है। सोमवार को दिल्ली सचिवालय में आयोजित एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में, मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार प्रदूषण फैलाने वाले कारकों के प्रति 'जीरो टॉलरेंस' की नीति अपनाएगी। इस बैठक में पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा सहित पर्यावरण, परिवहन, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, PWD और यातायात पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे, जिन्होंने प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई प्रभावी निर्णयों पर विचार-विमर्श किया और इन निर्णयों में प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र (PUC) चालान को माफ न करना और दिल्ली-NCR में पूल व शेयर ई-बसें चलाना शामिल है।

PUC चालान पर कोई माफी नहीं

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने उन वाहनों के प्रति सबसे कड़ा रुख अपनाया है जो वैध प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र (PUC) के बिना सड़कों पर प्रदूषण फैला रहे हैं। वर्तमान में, प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर 10,000 रुपये का भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान है। हालांकि, मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया कि अक्सर वाहन मालिक लोक अदालत का सहारा लेकर इस जुर्माने को काफी कम करवा लेते हैं, जिससे दंड का भय समाप्त हो जाता है और लोग अपने वाहनों को प्रदूषण मुक्त कराने के प्रति गंभीर नहीं होते। मुख्यमंत्री ने दो टूक शब्दों में कहा है कि अब प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का चालान किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि यदि इसके लिए सरकार को कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाना पड़े, तो पीछे नहीं हटा जाएगा। सरकार का प्राथमिक लक्ष्य राजस्व वसूली नहीं, बल्कि दिल्ली के नागरिकों को शुद्ध हवा प्रदान करना है, और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर संभव कड़े कदम उठाए जाएंगे।

ओला-उबर के साथ ई-बस सेवा की संभावना

प्रदूषण को कम करने और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार शीघ्र ही ओला और ऊबर जैसी प्रमुख कंपनियों के साथ संवाद करेगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य दिल्ली-NCR क्षेत्र में पूल व शेयर के रूप में 'प्रदूषण रहित सवारी बसें' चलाने की संभावनाओं को तलाशना है। यदि ये कंपनियां इलेक्ट्रिक या प्रदूषण मुक्त बसें संचालित करती हैं, तो इससे सड़कों पर निजी वाहनों का दबाव काफी कम होगा और सार्वजनिक परिवहन प्रणाली अधिक पर्यावरण अनुकूल बनेगी। मुख्यमंत्री का कहना है कि राजधानी को 'जीरो उत्सर्जन' वाला शहर बनाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है, और निजी भागीदारी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

ई-रिक्शा के लिए नई गाइडलाइन

राजधानी की सड़कों पर अनियंत्रित ई-रिक्शा यातायात जाम का एक बड़ा कारण बनते हैं। जाम के कारण वाहनों का ईंधन अधिक जलता है, जो सीधे तौर पर प्रदूषण बढ़ाने में सहायक होता है। इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि दिल्ली सरकार जल्द ही नई 'ई-रिक्शा गाइडलाइन' जारी करेगी। इन नियमों के माध्यम से ई-रिक्शा के संचालन क्षेत्र और उनके रूटों को व्यवस्थित किया जाएगा, ताकि यातायात बाधित न हो और सड़कों पर वाहनों की आवाजाही सुचारू बनी रहे। यह कदम न केवल यातायात को सुगम बनाएगा बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से प्रदूषण को कम करने में भी मदद करेगा।

DTC बसों के रूट होंगे और व्यवस्थित

सार्वजनिक परिवहन को और अधिक सुदृढ़ और प्रभावी बनाने के लिए सरकार ने दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की बसों के रूटों को युक्तिसंगत करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री के अनुसार, DTC की पहुंच दिल्ली के हर क्षेत्र और हर गली तक होनी चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें। रूटों के वैज्ञानिक और युक्तिसंगत करने से आखिरी मंजिल तक कनेक्टिविटी सुधरेगी, जिससे लोग निजी वाहनों के बजाय सार्वजनिक बस सेवा का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। यह पहल निजी वाहनों पर निर्भरता कम करके वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में सहायक होगी।

नई EV पॉलिसी का ड्राफ्ट जनवरी के पहले हफ्ते में संभव

दिल्ली सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर एक। नई पॉलिसी का ड्राफ्ट जनवरी के पहले हफ्ते तक आ सकता है। इस नई ईवी पॉलिसी में मिडिल क्लास को बड़ी राहत देने की भी तैयारी है, साथ ही साथ दोपहिया वाहनों को भारी सब्सिडी भी मिल सकती है। जानकारी के अनुसार, दोपहिया वाहन को पेट्रोल से EV में शिफ्ट। करने पर 35,000 से 40,000 रुपये तक की सब्सिडी मिल सकती है। इसके साथ ही, 20 लाख रुपये तक की पेट्रोल-डीजल कार चलाने वाले अगर EV में शिफ्ट होते हैं, तो उनको भी सरकार सब्सिडी देगी। यह नीति इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को बढ़ावा देकर प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

मुख्यमंत्री का सख्त निर्देश: कड़े निर्णय लेने से पीछे नहीं हटा जाएगा

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय के साथ काम करने और इन निर्णयों को तत्काल प्रभाव से जमीन पर उतारने का आदेश दिया है और मुख्यमंत्री का कहना है कि दिल्ली सरकार प्रदूषण के विरुद्ध एक व्यापक और बहुआयामी युद्ध लड़ रही है। सरकार का दृष्टिकोण स्पष्ट है कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कड़े से कड़े निर्णय लेने से पीछे नहीं हटा जाएगा। सरकार न केवल सार्वजनिक परिवहन को आधुनिक बना रही है, बल्कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई भी सुनिश्चित कर रही है और मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने के प्रति उनकी सरकार पूरी तरह गंभीर और समर्पित है।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।