Delhi Pollution Level: देश की राजधानी बनी गैस चैंबर! दिल्ली आने से पहले जान लीजिए नए नियम, वरना लगेगा 20 हजार का जुर्माना
Delhi Pollution Level - देश की राजधानी बनी गैस चैंबर! दिल्ली आने से पहले जान लीजिए नए नियम, वरना लगेगा 20 हजार का जुर्माना
देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट। में है, जिससे यहां की हवा 'गैस चैंबर' में तब्दील हो गई है। प्रदूषण का स्तर इतना खतरनाक हो चुका है कि सांस लेना तक मुश्किल हो गया है, और यह स्थिति जन स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा बन गई है और इन गंभीर हालात को देखते हुए, दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का सबसे सख्त चरण, स्टेज-4, तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। यह कदम राजधानी में वायु गुणवत्ता को सुधारने और नागरिकों को जहरीली हवा से बचाने के लिए उठाया गया है। गुरुवार से लागू हुए इन नए और बेहद कड़े नियमों का पालन करना दिल्ली में रहने वाले और यहां आने वाले सभी लोगों के लिए अनिवार्य है, अन्यथा भारी जुर्माना और वाहन जब्ती जैसी सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
GRAP स्टेज-4 के तहत, दिल्ली में वाहनों की आवाजाही को लेकर अभूतपूर्व सख्ती बरती जा रही है। सबसे महत्वपूर्ण नियम यह है कि दिल्ली के बाहर पंजीकृत (गैर-दिल्ली रजिस्टर्ड) सभी निजी वाहनों, जो BS-VI उत्सर्जन मानकों से नीचे के हैं, उनकी दिल्ली में एंट्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। इसका सीधा मतलब है कि अगर आपकी गाड़ी BS-VI मानक की नहीं है और वह दिल्ली में पंजीकृत नहीं है, तो आपको दिल्ली की सीमा से ही वापस भेज दिया जाएगा और इस प्रतिबंध का उद्देश्य पुराने और अधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को राजधानी में प्रवेश करने से रोकना है, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार हो सके। केवल कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) से चलने वाले वाहन, इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और BS-VI उत्सर्जन मानकों का पालन करने वाले वाहन ही दिल्ली में प्रवेश कर सकेंगे। यह नियम दिल्ली के वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (PUC) अनिवार्य: 'नो PUCC, नो फ्यूल' नियम
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक और महत्वपूर्ण और सख्त नियम लागू किया है: "नो PUC, नो ईंधन"। इस नियम के तहत, यदि आपकी गाड़ी के पास वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (PUCC) नहीं है, तो आपको किसी भी पेट्रोल पंप पर ईंधन नहीं मिलेगा। यह नियम यह सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है कि दिल्ली की सड़कों पर चलने वाला हर वाहन प्रदूषण मानकों का पालन करे। इस नियम का उल्लंघन करने पर 20 हजार रुपये तक का भारी चालान काटा जा सकता है। इस नियम को सख्ती से लागू करने के लिए, राजधानी भर में 126 चेकपॉइंट्स पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और 537 से अधिक पुलिसकर्मी पेट्रोल पंपों पर तैनात रहेंगे। यह कदम वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को कम करने और वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए आवश्यक माना जा रहा है।ट्रकों और मालवाहक वाहनों पर व्यापक प्रतिबंध
GRAP स्टेज-4 के तहत, दिल्ली में सभी प्रकार के ट्रकों की एंट्री पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है और यह प्रतिबंध विशेष रूप से उन भारी वाहनों पर लक्षित है जो अक्सर डीजल से चलते हैं और वायु प्रदूषण में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। हालांकि, कुछ आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों को इस प्रतिबंध से छूट दी गई है और इनमें दूध, पानी, फल-सब्जी, अनाज, दवाइयां, मेडिकल ऑक्सीजन, एम्बुलेंस, फायर सर्विस, एलपीजी और पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति करने वाले वाहन शामिल हैं। इन सेवाओं को जनजीवन के लिए अत्यंत आवश्यक माना गया है, इसलिए इन्हें छूट दी गई है ताकि सामान्य जनजीवन प्रभावित न हो। इसके अतिरिक्त, BS-IV और उससे नीचे के डीजल मीडियम व हेवी गुड्स वाहनों, गैर-दिल्ली रजिस्टर्ड हल्के मालवाहक वाहनों (LCV) और BS-IV डीजल बसों पर भी दिल्ली में प्रवेश और संचालन पर रोक रहेगी। यह कदम भारी वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को कम करने के लिए उठाया गया है।बॉर्डर पर कड़ी निगरानी और प्रवर्तन
दिल्ली के सभी बॉर्डर प्वाइंट्स पर ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की टीमें तैनात की गई हैं ताकि GRAP स्टेज-4 के नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जा सके। इन टीमों द्वारा ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) कैमरों और ऑन-ग्राउंड चेकिंग के जरिए वाहनों की गहन जांच की जाएगी। जो वाहन नियमों का उल्लंघन करते पाए जाएंगे, उन्हें तुरंत डायवर्ट। किया जाएगा या दिल्ली की सीमा से ही वापस भेज दिया जाएगा। इस कड़ी निगरानी का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी गैर-अनुपालक वाहन दिल्ली में प्रवेश न कर सके, जिससे प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। यह प्रवर्तन तंत्र यह सुनिश्चित करेगा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा न जाए।सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा और वैकल्पिक समाधान
निजी वाहनों पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण सड़कों पर वाहनों की संख्या में कमी आने की उम्मीद है और इस स्थिति से निपटने और नागरिकों को आवागमन में सुविधा प्रदान करने के लिए, दिल्ली मेट्रो ने अपनी ट्रेनों की फ्रीक्वेंसी बढ़ा दी है। आवश्यकता पड़ने पर इसे और बढ़ाया जाएगा ताकि अधिक से अधिक लोग सार्वजनिक परिवहन का उपयोग कर सकें और इसके अलावा, दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाने और एक कार-पूलिंग ऐप लॉन्च करने की भी तैयारी कर रही है। इन पहलों का उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन को अधिक सुलभ और आकर्षक बनाना है, जिससे लोग निजी वाहनों का उपयोग कम करें और प्रदूषण में कमी आए और यह एक दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है जो दिल्ली को एक स्वच्छ और हरित शहर बनाने में मदद करेगी।प्रदूषण से निपटने के लिए अन्य व्यापक कदम
वाहनों पर प्रतिबंध और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के अलावा, दिल्ली सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए कई अन्य व्यापक कदम भी उठाए हैं। सड़कों की सफाई के लिए मैकेनिकल रोड स्वीपर्स की संख्या बढ़ाई गई है, जो धूल और गंदगी को प्रभावी ढंग से हटाते हैं। वायु में धूल के कणों को कम करने के लिए पानी के छिड़काव की व्यवस्था भी की गई है और इसके साथ ही, कूड़ा उठाने वाली मशीनें भी तैनात की गई हैं ताकि सड़कों पर कूड़ा जमा न हो सके, जो अक्सर धूल और प्रदूषण का एक स्रोत होता है। एक अभिनव पहल के तहत, IIT मद्रास के साथ मिलकर 'स्मॉग-ईटिंग' सतहों पर भी काम शुरू किया गया है, जो वायु से प्रदूषकों को अवशोषित करने में सक्षम होंगी। ये सभी उपाय मिलकर दिल्ली की वायु गुणवत्ता को सुधारने और नागरिकों को। एक स्वस्थ वातावरण प्रदान करने के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण का हिस्सा हैं।