Dalai Lama: दलाई लामा को भारत रत्न देने की मांग, चीन को अब लगेगी मिर्ची!

Dalai Lama - दलाई लामा को भारत रत्न देने की मांग, चीन को अब लगेगी मिर्ची!
| Updated on: 07-Jul-2025 02:27 PM IST

Dalai Lama: तिब्बत के लिए सर्वदलीय भारतीय संसदीय मंच ने हाल ही में अपनी दूसरी बैठक में तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग को सर्वसम्मति से समर्थन दिया। इस मंच में बीजेपी, बीजेडी, और जेडीयू जैसे प्रमुख दलों के सांसद शामिल हैं। मंच ने केंद्र सरकार को एक पत्र भेजकर दलाई लामा को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने और संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने की अनुमति देने का अनुरोध किया है। यह प्रस्ताव संभवतः चीन के साथ राजनयिक तनाव को बढ़ा सकता है, क्योंकि दलाई लामा तिब्बत के स्वायत्तता आंदोलन का एक प्रमुख प्रतीक हैं।

हस्ताक्षर अभियान और लक्ष्य

मंच ने दलाई लामा के भारत रत्न नामांकन के समर्थन में एक हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है, जिसमें अब तक लगभग 80 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं। मंच का लक्ष्य 100 सांसदों के हस्ताक्षर जुटाने के बाद इस ज्ञापन को प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को सौंपना है। यह पहल दलाई लामा के तिब्बती समुदाय और वैश्विक शांति के लिए योगदान को मान्यता देने का प्रयास है।

सांसद सुजीत कुमार का बयान

राज्यसभा सांसद सुजीत कुमार ने इस अभियान के बारे में कहा, “हमारा समूह दलाई लामा के लिए भारत रत्न की मांग कर रहा है। इस पहल में विपक्षी दलों के सांसदों का भी समर्थन प्राप्त है। हम लोकसभा और राज्यसभा के अध्यक्षों को पत्र लिखकर दलाई लामा को संसद के संयुक्त सत्र में संबोधन का अवसर देने का अनुरोध करेंगे।” यह बयान दर्शाता है कि यह मांग न केवल तिब्बत के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि व्यापक राजनीतिक समर्थन भी प्राप्त कर रही है।

दलाई लामा का 90वां जन्मदिन समारोह

हाल ही में दलाई लामा ने अपना 90वां जन्मदिन धूमधाम से मनाया। धर्मशाला में त्सुगलागखांग मंदिर के प्रांगण में आयोजित समारोह में हजारों भक्तों ने हिस्सा लिया और तिब्बत के 14वें आध्यात्मिक नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू, राजीव रंजन सिंह, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, सिक्किम के मंत्री सोनम लामा, और हॉलीवुड अभिनेता रिचर्ड गेरे जैसे प्रमुख हस्तियों ने हिस्सा लिया। समारोह में दलाई लामा के प्रति व्यापक समर्थन और उनके शांति व करुणा के संदेश की सराहना की गई।

दलाई लामा का तिब्बत के लिए संघर्ष

1960 के दशक में तिब्बत पर चीनी कब्जे के बाद भारत में निर्वासन में रह रहे दलाई लामा ने तिब्बती समुदाय के अधिकारों और सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करने के लिए निरंतर संघर्ष किया है। उन्होंने अहिंसा और संवाद के माध्यम से तिब्बत के लिए स्वायत्तता की वकालत की है। हाल ही में, दलाई लामा ने घोषणा की कि उनकी संस्था निरंतर जारी रहेगी और उनके भविष्य के पुनर्जन्म को मान्यता देने का अधिकार केवल गादेन फोडरंग ट्रस्ट को होगा। इस बयान ने दलाई लामा संस्था के भविष्य को लेकर चल रही अटकलों को समाप्त कर दिया।

भारत-चीन संबंधों पर संभावित प्रभाव

दलाई लामा को भारत रत्न देने और संसद के संयुक्त सत्र में संबोधन की अनुमति देने की मांग संभवतः चीन की नाराजगी को भड़का सकती है। चीन दलाई लामा को एक अलगाववादी नेता के रूप में देखता है और भारत में उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखता है। फिर भी, भारत ने हमेशा दलाई लामा को एक आध्यात्मिक नेता के रूप में सम्मान दिया है और तिब्बती समुदाय को शरण देकर मानवीय समर्थन प्रदान किया है।

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