Mamta Kulkarni: धीरेंद्र शास्त्री चुपचाप बैठ जाए… बागेश्वर बाबा पर भड़कीं ममता कुलकर्णी

Mamta Kulkarni - धीरेंद्र शास्त्री चुपचाप बैठ जाए… बागेश्वर बाबा पर भड़कीं ममता कुलकर्णी
| Updated on: 03-Feb-2025 10:13 AM IST

Mamta Kulkarni: बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी का नाम एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार किसी फिल्म के लिए नहीं बल्कि उनके धार्मिक पद को लेकर। हाल ही में उन्हें महामंडलेश्वर का पद प्रदान किया गया था, लेकिन एक सप्ताह के भीतर ही यह पद उनसे वापस ले लिया गया। इस फैसले के बाद कई विवाद सामने आए हैं और उन पर आरोप भी लगाए गए हैं कि उन्होंने यह पद पाने के लिए 10 करोड़ रुपये दिए थे।

महाकुंभ में गरमाया मामला

महाकुंभ के दौरान यह मुद्दा काफी चर्चा का विषय बन गया। कई साधु-संतों ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर आपत्ति जताई, जिसमें सबसे प्रमुख नाम धीरेंद्र शास्त्री, जिन्हें बागेश्वर धाम के बाबा बागेश्वर के रूप में भी जाना जाता है, शामिल थे। धीरेंद्र शास्त्री ने सवाल उठाया कि इस तरह के महत्वपूर्ण धार्मिक पद को बाहरी प्रभाव में आकर किसी को भी कैसे दिया जा सकता है। उन्होंने कहा, "इस पद को केवल सच्ची आत्मा वाले व्यक्ति को ही मिलना चाहिए। हम खुद अभी तक महामंडलेश्वर नहीं बन पाए हैं।"

ममता कुलकर्णी का जवाब

हाल ही में एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी ने 'आप की अदालत' शो में अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वे सभी निराधार हैं। उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "उनकी उम्र जितनी है, उतनी मेरी तपस्या है। महाकाल और महाकाली का डर उन्हें होना चाहिए।"

ममता ने आगे कहा कि उन्होंने अपनी साधना के दौरान हनुमान जी का प्रत्यक्ष दर्शन किया है और उनकी सिद्धि प्राप्त की है। उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती देते हुए कहा, "अगर आपको संदेह है, तो अपने गुरु से पूछें कि मैं कौन हूं और चुपचाप बैठ जाएं।"

क्या है पूरा विवाद?

इस पूरे विवाद की जड़ यह है कि साधु-संतों का एक वर्ग इस बात से नाखुश था कि एक पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री को महामंडलेश्वर का पद दिया गया। उन्होंने दावा किया कि यह पद उन्हें उनके आध्यात्मिक ज्ञान और तपस्या के आधार पर नहीं, बल्कि बाहरी प्रभाव और धनबल के कारण दिया गया था।

हालांकि, ममता कुलकर्णी ने इन सभी आरोपों को खारिज किया और खुद को एक सच्ची साधिका बताया। उनके अनुसार, उनकी साधना और भक्ति के कारण ही उन्हें यह पद दिया गया था।

अंततः क्या होगा?

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का अंत कैसे होता है। क्या ममता कुलकर्णी अपने दावों को सिद्ध कर पाएंगी, या फिर साधु-संतों का विरोध इस मामले में और तेज होगा? फिलहाल, यह मुद्दा धार्मिक और आध्यात्मिक जगत में एक बड़े विवाद का रूप ले चुका है।

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