Madhabi Puri Buch: ICICI Bank ने SEBI चीफ को रिटायरमेंट के बाद भी दिए ₹16.8 करोड़? बैंक का आया जवाब

Madhabi Puri Buch - ICICI Bank ने SEBI चीफ को रिटायरमेंट के बाद भी दिए ₹16.8 करोड़? बैंक का आया जवाब
| Updated on: 02-Sep-2024 10:20 PM IST
Madhabi Puri Buch: आईसीआईसीआई बैंक ने सोमवार को कांग्रेस द्वारा सेबी चीफ माधवी पुरी बुच पर लगाए गए वेतन और ईएसओपी के आरोपों का जवाब दिया। बैंक ने स्पष्ट किया कि बुच को 31 अक्टूबर, 2013 के रिटायरमेंट के बाद किसी भी वेतन या ईएसओपी का भुगतान नहीं किया गया। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि बुच ने 2017 में सेबी सदस्य बनने के बाद आईसीआईसीआई से 16.8 करोड़ रुपये प्राप्त किए थे। बैंक ने कहा कि ईएसओपी के आवंटन के नियमों के अनुसार, बुच ने केवल रिटायरमेंट बेनिफिट्स प्राप्त किए। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस पर हितों के टकराव के सवाल उठाए हैं।

रिटायरमेंट बेनिफिट्स के अलावा कुछ नहीं दिया गया

कांग्रेस के आरोप पर बैंक ने कहा, ''आईसीआईसीआई बैंक या इसकी ग्रुप कंपनियों ने माधबी पुरी बुच को उनके रिटायरमेंट के बाद उनके रिटायरमेंट बेनिफिट्स के अलावा कोई वेतन या कोई ईएसओपी (कर्मचारी शेयर विकल्प योजना) नहीं दिया गया है। ये ध्यान देने योग्य है कि उन्होंने 31 अक्टूबर, 2013 से प्रभावी रिटायरमेंट का ऑप्शन चुना था।'' आईसीआईसीआई ग्रुप में अपने कार्यकाल के दौरान माधबी पुरी बुच को बैंक की नीतियों के अनुरूप सैलरी, रिटायरमेंट बेनिफिट्स, बोनस और ईएसओपी के रूप में पारिश्रमिक मिला। 

ईएसओपी को लेकर बैंक ने बयान में क्या कहा

बैंक ने कहा, ''हमारे नियमों के तहत ईएसओपी आवंटित किए जाने की तारीख से अगले कुछ सालों में मिलते हैं। बुच को ईएसओपी आवंटन किए जाते समय लागू नियमों के तहत रिटायर कर्मचारियों समेत बैंक कर्मचारियों के पास विकल्प था कि वे अधिकृत होने की तारीख से 10 साल की अवधि तक कभी भी अपने ईएसओपी का इस्तेमाल कर सकते हैं।'' 

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने उठाए थे सवाल

कांग्रेस के महासचिव और मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि अडाणी ग्रुप द्वारा सेबी नियमों के उल्लंघन पर की जा रही नियामकीय जांच के मामले में सेबी प्रमुख पर हितों के टकराव को लेकर गंभीर सवाल उठे हैं। रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट में कहा, ''ऐसा लगता है कि भारत सरकार ने इन सवालों को आसानी से दरकिनार कर दिया है। अब चौंकाने वाले गैर-कानूनी पहलू का ये नया खुलासा हुआ है।''

ईएसओपी को लेकर क्या है इनकम टैक्स के नियम

बैंक के बयान में कहा गया है कि इनकम टैक्स नियमों के मुताबिक, ईएसओपी आवंटन और उसके क्रियान्वयन के दिन स्टॉक की कीमत के बीच के अंतर को अनुलाभ आय (Perquisite Income) माना जाता है और उसे रिटायर कर्मचारियों के फॉर्म 16 के पार्ट बी में दिखाया जाता है। बैंक को इस इनकम पर अनुलाभ टैक्स काटना जरूरी है। इसके अलावा, फॉर्म-16 में पूर्व कर्मचारियों के रिटायरमेंट बेनिफिट्स के लिए किए गए भुगतान को भी शामिल किया गया है। 

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।