Trump Tariff War: टैरिफ को लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने फिर दिया बयान, बोले-'लाभ उठाने की कोशिश नहीं'

Trump Tariff War - टैरिफ को लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने फिर दिया बयान, बोले-'लाभ उठाने की कोशिश नहीं'
| Updated on: 04-Aug-2025 11:25 AM IST

Trump Tariff War: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में व्यापार नीतियों और टैरिफ को लेकर अपने विचार स्पष्ट किए हैं। रविवार रात पेंसिल्वेनिया में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि अमेरिका अन्य देशों के साथ व्यापारिक वार्ता में दबाव बनाने की कोशिश नहीं कर रहा, बल्कि उनका लक्ष्य "निष्पक्षता" सुनिश्चित करना है। ट्रंप ने "पारस्परिक टैरिफ" की वकालत की और दावा किया कि उनकी टैरिफ नीति अमेरिकी अर्थव्यवस्था में "सैकड़ों अरब डॉलर" लाएगी। इसके साथ ही, उन्होंने अपने पूर्ववर्ती जो बाइडेन पर कुप्रबंधन का आरोप भी लगाया।

भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता

ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका और भारत सहित कई देशों के बीच व्यापारिक वार्ताएं चल रही हैं। ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा की है, जबकि रूस के प्रति नरम रुख अपनाया है, यह कहते हुए कि दोनों देशों की "मृत अर्थव्यवस्थाएं" हैं। अगस्त में छठे दौर की वार्ता शुरू होने की संभावना है, जब अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल भारत का दौरा करेगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत और अमेरिका एक पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते की दिशा में काम कर रहे हैं। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि 25 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा शायद सौदेबाजी की एक रणनीति हो सकती है। ट्रंप ने यह भी स्वीकार किया कि कुछ देशों के लिए समान पारस्परिक टैरिफ दरें लागू करना "संभव नहीं" हो सकता है।

ट्रंप का दृष्टिकोण

ट्रंप का मानना है कि विकासशील अर्थव्यवस्थाएं, जैसे भारत, स्थानीय बाजारों की रक्षा के लिए अमेरिका जैसे विकसित देशों से आयात पर ऊंचे शुल्क लगाती हैं। इसके विपरीत, उन्हें अपने उत्पादों को विकसित देशों में बेचने के लिए कम शुल्क देना पड़ता है। ट्रंप इस असंतुलन को बदलना चाहते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि अमेरिकी निर्माताओं को चीन जैसे देशों में कम लागत पर निर्मित विदेशी वस्तुओं से प्रतिस्पर्धा में पीछे नहीं रहना चाहिए।

भारत के साथ संबंध

ट्रंप ने हाल ही में ‘ब्रेइटबार्ट न्यूज’ के साथ एक साक्षात्कार में भारत के साथ "बहुत अच्छे संबंध" होने की बात कही थी। हालांकि, उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत दुनिया में सबसे अधिक सीमा शुल्क लगाने वाले देशों में से एक है। उन्होंने आशावाद व्यक्त करते हुए कहा कि भारत शुल्कों में "काफी हद तक कटौती" करने जा रहा है। यह बयान भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता के संदर्भ में महत्वपूर्ण है, क्योंकि दोनों देश एक संतुलित और लाभकारी समझौते की दिशा में काम कर रहे हैं।

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