BSNL News: भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने कार्यालयों में BSNL और MTNL की सेवाओं का उपयोग करने का निर्देश दिया है। यह निर्णय न सिर्फ स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है, बल्कि देश की राष्ट्रीय डेटा सुरक्षा को सुदृढ़ करने की दिशा में भी एक अहम पहल मानी जा रही है।
8 अप्रैल को भेजे गए एक आधिकारिक पत्र में DoT के सचिव नीरज मित्तल ने सभी राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों को सूचित किया कि केंद्र सरकार पहले से ही अपने दफ्तरों में BSNL और MTNL की सेवाओं का उपयोग कर रही है। इसलिए, राज्य सरकारों, उनकी एजेंसियों और सार्वजनिक उपक्रमों को भी अब ब्रॉडबैंड, लैंडलाइन और लीज लाइन जैसी टेलीकॉम आवश्यकताओं के लिए इन्हीं सरकारी कंपनियों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
यह निर्देश सीधे तौर पर प्राइवेट टेलीकॉम ऑपरेटर्स के लिए एक झटका हो सकता है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के आंकड़ों के अनुसार, फिलहाल देश में प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 92 प्रतिशत है, जबकि BSNL और MTNL केवल 8 प्रतिशत बाजार पर काबिज हैं। सरकार का यह निर्णय मार्केट शेयर को संतुलित करने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है।
दूरसंचार विभाग का मानना है कि BSNL और MTNL पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक वाले उपकरणों का उपयोग करते हैं, जो देश की साइबर और डेटा सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। इसके विपरीत, प्राइवेट कंपनियां अभी भी बड़े पैमाने पर विदेशी उपकरणों पर निर्भर हैं, जिससे सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
हाल ही में BSNL ने MTNL की सेवाओं का संचालन भी अपने हाथ में ले लिया है। इससे दोनों सरकारी कंपनियों में एक नई समन्वय की शुरुआत हुई है। सरकार का यह फैसला इन दोनों कंपनियों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ उन्हें एक प्रतिस्पर्धी विकल्प के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।