Lok Sabha Election: चुनाव आयोग की नसीहत- संविधान पर न बोलें गलत, न दें सांप्रदायिक बयान...

Lok Sabha Election - चुनाव आयोग की नसीहत- संविधान पर न बोलें गलत, न दें सांप्रदायिक बयान...
| Updated on: 22-May-2024 08:00 PM IST
Lok Sabha Election: राजनीतिक दल चुनावों में जनता को अपने पक्ष में करने के लिए हर तरकीब अपनाते हैं. आरोप-प्रत्यारोप की जुबानी जंग में तरह-तरह के बयान देते हैं. सियासी फायदे के लिए कई बार मर्यादाएं भी लांघ जाते हैं. इसी को लेकर चुनाव आयोग ने सख्ती दिखाई है. जाति, भाषा, धर्म, सेना और संविधान पर बयान देने के मामले में भाजपा और कांग्रेस दोनों को आड़े हाथ लिया है. बीजेपी और कांग्रेस अध्यक्ष को मर्यादा बनाए रखने के लिए औपचारिक नोट जारी करने का निर्देश दिया है.

निर्वाचन आयोग ने भारतीय जनता पार्टी और उसके स्टार प्रचारकों को धार्मिक और सांप्रदायिक आधार पर चुनाव प्रचार करने से दूर रहने का निर्देश दिया है. कांग्रेस से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि उसके स्टार प्रचारक ऐसे बयान न दें, जिनसे गलत धारणा बने कि भारत के संविधान को खत्म किया जा सकता है.

चुनाव आयोग का जेपी नड्डा को निर्देश

स्टार कैंपेनरों की ओर से समाज को बांटने का कोई भी बयान नहीं दिया जाए. अन्यथा आयोग प्रचार करने पर पाबंदी लगाएगा. धर्म से जुड़े विवादित बयान स्टार कैंपेनरों द्वारा नहीं दिए जाने चाहिए.

चुनाव आयोग का खरगे को निर्देश

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से चुनाव आयोग ने कहा है कि डिफेंस फोर्सेस को स्टार कैंपेनरों के बेतुके बयानों द्वारा बदनाम नहीं किया जाना चाहिए. अगर ऐसा हुआ तो आयोग पाबंदी लगाने का कदम उठाएगा.

‘सिक्योरिटी फोर्सेज का राजनीतिकरण न करें’

चुनाव आयोग ने कांग्रेस से कहा कि रक्षा बलों (सिक्योरिटी फोर्सेज) का राजनीतिकरण न करें. सुरक्षाबलों के सामाजिक-आर्थिक संयोजन को लेकर विभाजनकारी बयान न दें. ये निर्देश अग्निवीर योजना को लेकर लगातार कांग्रेस की ओर से दिए जा रहे बयानों पर दिया गया है. आयोग ने कहा है कि भाजपा और उसके स्टार प्रचारक ऐसे बयान न दें, जिससे समाज में विभाजन की स्थिति पैदा हो.

‘प्रचारकों के लिए औपचारिक सलाह जारी करें’

ईसीआई ने दो टूक कहा कि दोनों बड़ी पार्टियों (भाजपा और कांग्रेस) को मतदाताओं के चुनावी अनुभव की विरासत को कमजोर करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. दोनों दलों के प्रमुख अपने-अपने स्टार प्रचारकों के लिए औपचारिक सलाह जारी करें, जिससे वो सावधानी बरतें और शिष्टाचार बनाए रखें. देश के सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.

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