Election Commission: चुनाव आयोग का बड़ा ऐलान: कल देश के 10-15 राज्यों में होगा 'SIR' अभियान, बिहार की तरह मतदाता सूची होगी शुद्ध
Election Commission - चुनाव आयोग का बड़ा ऐलान: कल देश के 10-15 राज्यों में होगा 'SIR' अभियान, बिहार की तरह मतदाता सूची होगी शुद्ध
भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) देश भर में मतदाता सूचियों को शुद्ध करने के लिए एक महत्वाकांक्षी अखिल भारतीय विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान शुरू करने की तैयारी में है। इस महत्वपूर्ण पहल की घोषणा सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की जाएगी, जिसमें लगभग 10 से 15 राज्यों को कवर करने की उम्मीद है और यह कदम बिहार में सफलतापूर्वक चलाए गए इसी तरह के अभियान के बाद उठाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बढ़ाना है।
चुनाव आयोग सोमवार को दिल्ली के प्रतिष्ठित विज्ञान भवन में शाम 4:15 बजे एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करेगा। इस दौरान आयोग अखिल भारतीय SIR अभियान की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत करेगा और माना जा रहा है कि इस अभियान में उन राज्यों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां आगामी विधानसभा चुनाव होने हैं। आयोग ने इसे लेकर पूरी तैयारी कर ली है और देश भर में मतदाता सूची को त्रुटिहीन बनाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम साबित होगा। यह घोषणा निश्चित रूप से राजनीतिक हलकों में एक नई बहस छेड़ सकती है, खासकर विपक्षी दलों के बीच।
विज्ञान भवन में महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस
**किन राज्यों पर रहेगी चुनाव आयोग की नजर?
सूत्रों के अनुसार, चुनाव आयोग पहले चरण में उन राज्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकता है जहां 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य शामिल हैं। इन राज्यों में मतदाता सूची को दुरुस्त करने के लिए गहन पुनरीक्षण अभियान चलाया जाएगा। आयोग का स्पष्ट मत है कि निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव के लिए एक त्रुटिहीन मतदाता सूची आधारशिला है। इसलिए, चुनाव की घोषणा से पहले मतदाता सूचियों को अद्यतन करना उसकी प्राथमिकता है।चुनाव आयोग का स्पष्ट दृष्टिकोण
भारतीय निर्वाचन आयोग ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि SIR अभियान उन सभी राज्यों में चलाया जाएगा जहां मतदाता सूची को दुरुस्त करने की आवश्यकता है। बिहार में विधानसभा चुनावों की घोषणा से पहले इसी तरह का अभियान सफलतापूर्वक संपन्न हुआ था और आयोग के अनुसार, अब इसी प्रक्रिया को अन्य राज्यों में भी दोहराया जाएगा, जिसमें चरणबद्ध तरीके से विभिन्न विधानसभा चुनावों से पहले निर्धारित अंतराल पर SIR कराकर मतदाता सूची को शुद्ध किया जाएगा। यह एक मानकीकृत प्रक्रिया का हिस्सा है जिसका उद्देश्य चुनावी प्रणाली की अखंडता को बनाए रखना है।बिहार SIR अभियान: विवाद और सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप
बिहार में हुए SIR अभियान ने काफी राजनीतिक हलचल मचाई थी। विपक्षी दलों, विशेषकर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव जैसे नेताओं ने आयोग पर 'वोट चोरी' का आरोप लगाते हुए इस अभियान का जमकर विरोध किया था। हालांकि, इन विरोधों के बावजूद चुनाव आयोग ने अपनी प्रक्रिया जारी रखी और बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण का काम पूरा किया। लगभग 7. 42 करोड़ नामों वाली अंतिम सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की गई थी। यह मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, जो इस अभियान की वैधता और प्रक्रिया पर सवाल उठाने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बना हुआ है। पूरे देश में इस अभियान के विस्तार से निश्चित रूप से इस पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और कानूनी चुनौतियां बढ़ सकती हैं।