Zubeen Garg Death: मशहूर सिंगर जुबिन गर्ग का हुआ निधन, स्कूबा डाइविंग के दौरान लगी थी चोट

Zubeen Garg Death - मशहूर सिंगर जुबिन गर्ग का हुआ निधन, स्कूबा डाइविंग के दौरान लगी थी चोट
| Updated on: 19-Sep-2025 05:48 PM IST

Zubeen Garg Death: असम फिल्म इंडस्ट्री के गलियारों से एक दुखद खबर ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। मशहूर असमिया सिंगर, अभिनेता और लेखक जुबिन गर्ग का निधन हो गया है। यह खबर न केवल असम, बल्कि पूरे देश में उनके प्रशंसकों के लिए एक बड़ा आघात है।

स्कूबा डाइविंग हादसे में गई जान

जानकारी के अनुसार, जुबिन गर्ग सिंगापुर में नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल में हिस्सा लेने गए थे, जहां वे एक स्कूबा डाइविंग सत्र में शामिल हुए। इसी दौरान एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के तुरंत बाद उन्हें बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया। डॉक्टरों ने उनकी जान बचाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन अफसोस, वे उन्हें बचा नहीं सके।

जुबिन गर्ग: एक बहुमुखी प्रतिभा

जुबिन गर्ग का जन्म 18 नवंबर 1972 को मेघालय में हुआ था। उनका पूरा नाम जुबिन बोरठाकुर गर्ग था। वे न केवल एक उत्कृष्ट गायक थे, बल्कि एक कुशल अभिनेता और लेखक भी थे। उन्होंने असमिया, बंगाली, हिंदी, अंग्रेजी, मलयालम, मराठी, मिसिंग, नेपाली, ओडिया, संस्कृत सहित लगभग 60 भाषाओं में गाने गाए। इसके अलावा, वे 12 से अधिक संगीतमय वाद्ययंत्र बजाने में भी माहिर थे।

बॉलीवुड में भी छोड़ी अमिट छाप

जुबिन ने बॉलीवुड में भी अपनी गायकी से लाखों दिलों को जीता। उनकी आवाज में गाया गया गाना ‘या अली’ फिल्म गैंगस्टर (2006) में कंगना रनौत, इमरान हाशमी और शाइनी आहूजा के अभिनय के साथ खूब सराहा गया। इसके अलावा, उन्होंने दिल से (1998), डोली सजा के रखना (1998), फ़िज़ा (2000), और कांटे (2002) जैसी कई बॉलीवुड फिल्मों के लिए अपनी मखमली आवाज दी।

1995 में जुबिन मुंबई आए और उन्होंने अपना पहला इंडिपॉप एकल एल्बम चांदनी रात लॉन्च किया, जिसने उन्हें संगीत जगत में एक अलग पहचान दिलाई। उनकी गायकी और संगीत के प्रति जुनून ने उन्हें देश-विदेश में लाखों प्रशंसकों का चहेता बना दिया।

प्रशंसकों में शोक की लहर

जुबिन के निधन की खबर ने उनके प्रशंसकों को गहरे सदमे में डाल दिया है। सोशल मीडिया पर लोग उनकी यादों को साझा कर रहे हैं और उनकी कला को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। उनके गीत और उनकी बहुमुखी प्रतिभा हमेशा संगीत प्रेमियों के दिलों में जीवित रहेगी।

जुबिन गर्ग का यूं अचानक चले जाना न केवल असमिया संगीत जगत के लिए, बल्कि पूरे भारतीय संगीत उद्योग के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी आत्मा को शांति मिले।

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