Satya Pal Mali: JK के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, दिल्ली के RML अस्पताल में ली अंतिम सांस

Satya Pal Mali - JK के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, दिल्ली के RML अस्पताल में ली अंतिम सांस
| Updated on: 05-Aug-2025 02:17 PM IST

Satya Pal Mali: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार, 5 अगस्त 2025 को निधन हो गया। 79 वर्षीय मलिक ने दिल्ली के राममनोहर लोहिया (RML) अस्पताल में दोपहर 1:10 बजे अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार थे और अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। मलिक ने अपने राजनीतिक करियर में बिहार, जम्मू-कश्मीर, मेघालय और गोवा जैसे राज्यों में राज्यपाल के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई थीं। उनके निधन की जानकारी उनके आधिकारिक X हैंडल से साझा की गई, जिसमें लिखा गया, "पूर्व गवर्नर चौधरी सत्यपाल सिंह मलिक जी नहीं रहे।"

अस्पताल में भर्ती की तस्वीर ने दी थी हालत की जानकारी

इस साल मई में सत्यपाल मलिक के X हैंडल पर एक तस्वीर पोस्ट की गई थी, जिसमें वह अस्पताल में भर्ती नजर आ रहे थे। तस्वीर से उनकी गंभीर स्वास्थ्य स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता था। इस पोस्ट के साथ उन्होंने लिखा था, "मेरे बहुत से शुभचिंतकों के फोन आ रहे हैं जिन्हें उठाने में मैं असमर्थ हूं। अभी मेरी हालत बहुत खराब है। मैं फिलहाल राममनोहर लोहिया अस्पताल दिल्ली में भर्ती हूं और किसी से भी बात करने की हालत में नहीं हूं।" इस संदेश ने उनके प्रशंसकों और समर्थकों के बीच चिंता बढ़ा दी थी।

सत्यपाल मलिक का राजनीतिक सफर

सत्यपाल मलिक का जन्म 24 जुलाई 1946 को उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में हुआ था। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1965-66 में छात्र राजनीति से की और डॉ. राम मनोहर लोहिया की समाजवादी विचारधारा से प्रेरित होकर सक्रिय राजनीति में कदम रखा। मलिक ने मेरठ कॉलेज छात्र संघ और बाद में मेरठ विश्वविद्यालय (वर्तमान में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय) के छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया।

1970 के दशक में मलिक ने विधायक के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। उन्होंने भारतीय क्रांति दल, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, जनता दल, लोक दल, समाजवादी पार्टी और अंततः भारतीय जनता पार्टी (BJP) सहित कई राजनीतिक दलों के साथ काम किया। 1980 से 1989 तक वे राज्यसभा के सदस्य रहे और 1989 में अलीगढ़ से लोकसभा सांसद चुने गए।

जम्मू-कश्मीर के अंतिम राज्यपाल

सत्यपाल मलिक को 30 सितंबर 2017 को बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। इसके बाद अगस्त 2018 में उन्हें जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल बनाया गया। उनके कार्यकाल के दौरान 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया, जिसके परिणामस्वरूप जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त हुआ और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया। मलिक पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के अंतिम राज्यपाल रहे। इसके बाद उन्हें 2020 में मेघालय और फिर गोवा का राज्यपाल नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने अक्टूबर 2022 तक अपनी सेवाएं दीं।

एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व

सत्यपाल मलिक का जीवन और उनका राजनीतिक सफर समाजवादी विचारधारा और जनसेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक रहा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक साधारण पृष्ठभूमि से निकलकर उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई। उनके निधन से न केवल उनके परिवार और समर्थकों को, बल्कि भारतीय राजनीति को भी एक अपूरणीय क्षति हुई है। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

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