Cricket: BCCI पद पर बने रहेंगे गांगुली और जय शाह, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

Cricket - BCCI पद पर बने रहेंगे गांगुली और जय शाह, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
| Updated on: 14-Sep-2022 07:21 PM IST
Cricket | उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के संविधान में संशोधन की अनुमति दी जिससे इसके अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह के अनिवार्य ब्रेक (कूलिंग ऑफ पीरियड) पर जाए बगैर पद पर बने रहने का रास्ता साफ हो गया। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ ने कहा कि एक पदाधिकारी का लगातार 12 साल का कार्यकाल हो सकता है, जिसमें राज्य संघ में छह साल और बीसीसीआई में छह साल शामिल हैं लेकिन इसके बाद तीन साल के ब्रेक पर जाना होगा। 

पीठ ने कहा कि एक पदाधिकारी बीसीसीआई और राज्य संघ दोनों स्तरों पर लगातार दो कार्यकाल के लिए एक विशेष पद पर काम कर सकता है जिसके बाद उसे तीन साल का ब्रेक लेना होगा।  पीठ ने कहा, ''ब्रेक की अवधि का उद्देश्य अवांछित एकाधिकार नहीं बनने देना है।'' शीर्ष अदालत का आदेश बोर्ड की उस याचिका पर आया है जिसमें अध्यक्ष गांगुली और सचिव शाह सहित पदाधिकारियों के कार्यकाल से जुड़े संविधान में संशोधन का आग्रह किया गया था। इसमें मांग की गई थी कि पदाधिकारियों के सभी राज्य क्रिकेट संघों और बीसीसीआई में कार्यकाल के बीच अनिवार्य ब्रेक की अवधि को खत्म किया जाए।

बीसीसीआई ने अपने प्रस्तावित संशोधन में अपने पदाधिकारियों के लिए ब्रेक की अवधि को समाप्त करने की मांग की थी जिससे कि गांगुली और शाह संबंधित राज्य क्रिकेट संघों में छह साल पूरे करने के बावजूद अध्यक्ष और सचिव के रूप में पद पर बने रहें। इससे पहले न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा की अगुवाई वाली समिति ने बीसीसीआई में सुधारों की सिफारिश की थी जिसे शीर्ष अदालत ने स्वीकार किया था। उच्चतम न्यायालय द्वारा स्वीकृत बीसीसीआई के संविधान के अनुसार राज्य क्रिकेट संघ या बीसीसीआई में तीन-तीन साल के लगातार दो कार्यकाल के बाद किसी भी व्यक्ति का तीन साल के ब्रेक पर जाना अनिवार्य था। गांगुली जहां बंगाल क्रिकेट संघ में पदाधिकारी थे, तो वहीं शाह गुजरात क्रिकेट संघ से जुड़े थे। 

बीसीसीआई ने अपने प्रस्तावित संशोधन में, अपने पदाधिकारियों के लिए कूलिंग-ऑफ अवधि को समाप्त करने की मांग की थी, जिससे सौरव गांगुली और जय शाह संबंधित राज्य क्रिकेट संघों में छह साल पूरे करने के बावजूद अध्यक्ष और सचिव के रूप में पद पर बने रहेंगे। शीर्ष अदालत ने बुधवार (14 सितंबर) को अपने फैसले में कहा कि वह बीसीसीआई में एक पदाधिकारी को लगातार दो कार्यकाल के लिए पद धारण करने की अनुमति देगा, भले ही वे एक कार्यकाल के लिए राज्य संघ में पद पर हों। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि पदाधिकारियों का कार्यकाल लगातार 12 साल का हो सकता है। इसमें राज्य संघ में छह साल और बीसीसीआई में छह साल शामिल हैं। 

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।