देश: टॉफी के रैपर अब ज़मीन पर नहीं फेंके जाते, पॉकेट में रखे जाते हैं: स्वच्छ भारत मिशन पर पीएम

देश - टॉफी के रैपर अब ज़मीन पर नहीं फेंके जाते, पॉकेट में रखे जाते हैं: स्वच्छ भारत मिशन पर पीएम
| Updated on: 01-Oct-2021 03:48 PM IST
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0’ और ‘अमृत 2.0’ का शुभारंभ किया। इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमें ये याद रखना है कि स्वच्छता, एक दिन का, एक पखवाड़े का, एक साल का या कुछ लोगों का ही काम है, ऐसा नहीं है। स्वच्छता हर किसी का, हर दिन, हर पखवाड़े, हर साल, पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाला महा-अभियान है। स्वच्छता जीवनशैली है, स्वच्छता जीवन मंत्र है। इस कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में हुआ।

इस कार्यक्रम में केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर मौजूद रहे।

युवा पीढ़ी ने दी स्वच्छता अभियान को मजबूती

पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत हर दिन करीब एक लाख टन वेस्ट प्रोसेस कर रहा है। 2014 में जब देश ने अभियान शुरू किया था तब देश में हर दिन पैदा होने वाले वेस्ट का 20 प्रतिशत से भी कम प्रोसेस होता था। आज हम करीब 70 प्रतिशत डेली वेस्ट प्रोसेस कर रहे हैं। अब हमें इसे 100 प्रतिशत तक लेकर जाना है। मैं इस बात से बहुत खुश होता हूं कि स्वच्छता अभियान को मजबूती देने का बीड़ा हमारी आज की पीढ़ी ने उठाया हुआ है। टॉफी के रैपर अब जमीन पर नहीं फेंके जाते, बल्कि पॉकेट में रखे जाते हैं, छोटे-छोटे बच्चे, अब बड़ों को टोकते हैं कि गंदगी मत करिए।

मान-मर्यादा और महत्वाकांक्षा से जुड़ा है स्वच्छ भारत अभियान

ओडीएफ के विषय पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वर्ष 2014 में देशवासियों ने भारत को खुले में शौच से मुक्त करने का- ODF बनाने का संकल्प लिया था। 10 करोड़ से ज्यादा शौचालयों के निर्माण के साथ देशवासियों ने ये संकल्प पूरा किया। अब ‘स्वच्छ भारत मिशन-अर्बन 2.0’ का लक्ष्य है Garbage-Free शहर, कचरे के ढेर से पूरी तरह मुक्त शहर बनाना है। स्वच्छ भारत अभियान और अमृत मिशन की अब तक की यात्रा वाकई हर देशवासी को गर्व से भर देने वाली है। इसमें मिशन भी है, मान भी है, मर्यादा भी है, एक देश की महत्वाकांक्षा भी है और मातृभूमि के लिए अप्रतिम प्रेम भी है।

शहरों के विकास में आधुनिक टेक्नोलॉजी है महत्वपूर्ण

पीएम मोदी ने कहा कि देश में शहरों के विकास के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भी लगातार बढ़ रहा है। अभी अगस्त के महीने में ही देश ने राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज नीति लॉन्च की है। ये नई स्क्रैपिंग पॉलिसी, वेस्ट टू वेल्थ के अभियान को, सर्कुलर इकोनॉमी को और मजबूती देती है।

स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0

स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 का उद्देश्य सुविधाओं को बेहतर बनाना और देश के सभी शहरों को ‘कचरा मुक्त’ बनाना है। जिसके तहत अमृत के अंतर्गत आने वाले शहरों के अलावा अन्य सभी शहरों में धूसर और काले पानी के प्रबंधन को सुनिश्चित करने, सभी शहरी स्थानीय निकायों को ODF+ और 1 लाख से कम जनसंख्‍या वाले क्षेत्रों को ODF++ के रूप में तैयार करना है, ताकि शहरी क्षेत्रों में सुरक्षित स्वच्छता के लक्ष्‍य को पूरा किया जा सके।

इस मिशन के तहत 3-आर (रिड्यूस, रियूज और रिसाइकल) के सिद्धांतों का उपयोग करते हुए, सभी प्रकार के शहरी ठोस कचरे के वैज्ञानिक प्रसंस्करण और प्रभावी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए डंपसाइट के सुधार पर ध्यान केंद्रित करना प्रमुख लक्ष्य है।

अमृत 2.0 का लक्ष्य

जानकारी के लिए बता दें कि अमृत 2.0 का लक्ष्य 2.64 करोड़ से अधिक सीवर/सेप्टेज कनेक्शन देकर 2.68 करोड़ नल कनेक्शन और 500 अमृत शहरों में सीवरेज और सेप्टेज का शत-प्रतिशत कवरेज करते हुए लगभग 4,700 से अधिक शहरी स्थानीय निकायों में सभी घरों में पेयजल की आपूर्ति का शत-प्रतिशत कवरेज प्रदान करना है। इससे शहरी क्षेत्रों में 10.5 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ होगा।

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