बिजनेस: बैंकों के विलय से गोदरेज को सताया घाटे का डर, बैंकों ने रद्द किए लॉकर्स के ऑर्डर

बिजनेस - बैंकों के विलय से गोदरेज को सताया घाटे का डर, बैंकों ने रद्द किए लॉकर्स के ऑर्डर
| Updated on: 04-Sep-2019 03:31 PM IST
देश के 10 सार्वजनिक बैंकों के विलय की घोषणा करते समय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दावा किया था कि इस फैसले से किसी पक्ष को कोई नुकसान नहीं होगा। लेकिन फिलहाल बाजार ने सरकार के इस फैसले पर नकारात्मक रुख दिखाया है। सेंसेक्स में 770 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, विभिन्न बैंकों में लॉकर्स की सुरक्षा व्यवस्था संभाल रही गोदरेज कंपनी ने सरकार के इस फैसले के बाद नुकसान होने की आशंका जताई है। कंपनी ने कहा है कि जिन बैंकों के मर्जर की सूचना सामने आई है, उन बैंकों ने नए लॉकर्स खरीदने का फैसला टाल दिया है। बैंकों के इस फैसले से गोदरेज को भारी नुकसान होने की उम्मीद है।

बैंकों ने रोके ऑडर्स

गोदरेज कंपनी के वाइस प्रेसीडेंट मेहरनोश पीठावाला ने अमर उजाला से कहा कि यह फैसला सामने आने के बाद कई बैंकों से लॉकर्स से संबंधित ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोक दिये गए हैं। कंपनी का लगभग 20 फीसदी हिस्सा संगठित बाजार से आता है, जबकि लगभग 80 फीसदी हिस्सा खुदरा बाजार से आता है। यही कारण है कि कंपनी अपने खुदरा मार्केट को और अधिक मजबूत बनाने की ओर कदम बढ़ा रही है।

विस्तार की योजना बना रही है गोदरेज

मेहरनोश पीठावाला ने कहा कि बाजार में मंदी के बावजूद वे अपनी कंपनी के विस्तार के लिए इसी माह से योजना बना रहे हैं। कंपनी के 53 एक्सक्लूसिव आउटलेट्स के साथ ही देश के 250 जिलों में गोदरेज के आठ हजार से ज्यादा प्राइवेट आउटलेट्स में भागीदारी है। यह भागीदारी अगले कुछ महीनों में बढ़ाकर दस हजार करने की योजना है। कंपनी ने इस प्रचार के लिए 100 करोड़ से अधिक की पूंजी निवेश करने का फैसला किया है। इसके अलावा कंपनी अन्य ऑनलाइन कंपनियों की तरह अपना एक्सक्लूसिव ऑनलाइन विंडो खोल रही है। इस सेगमेंट में काफी रोजगार बढ़ने की भी उम्मीद है।

बाजार विस्तार की संभावना बेहतर

गोदरेज के मुताबिक, मंदी के माहौल के बावजूद सिक्योरिटी के इस सेगमेंट में बढ़ोतरी की काफी गुंजाइश है। क्योंकि एक सर्वे के मुताबिक दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में भी बहुत कम लोग सुरक्षा व्यवस्था के नए तरीकों को आजमा रहे हैं। पूरे देश में अभी भी केवल सात फीसदी लोग व्यवस्थित कंपनी की सुरक्षा सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं, जबकि 93 फीसदी लोग अभी भी अपने सामानों की सुरक्षा के लिए पारंपरिक तरीकों का ही इस्तेमाल करते हैं। इस सेगमेंट में सालाना 25 फीसदी की दर से बढ़ोतरी हो रही है। कंपनी को उम्मीद है कि जैसे-जैसे इस क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग बढ़ेगा, इस क्षेत्र के विस्तार की संभावनाएं बढ़ेंगी।

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