सप्ताह के पहले दिन सोने के दामों में हल्की गिरावट दर्ज की गई है। घरेलू बाजारों में 24 कैरेट सोने का भाव 10 ग्राम के लिए औसतन 1,25,830 रुपये पर आ गया है, जो कल के मुकाबले 1 रुपये कम है। इसी तरह, चांदी के दाम भी प्रति किलोग्राम 1,63,900 रुपये पर पहुंच गए हैं, जो 100 रुपये की गिरावट दर्शाते हैं। वैश्विक स्तर पर सोने का हाजिर भाव 4,047 डॉलर प्रति औंस है, जबकि चांदी 49.85 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही है।
यह गिरावट वैश्विक बाजारों में डॉलर की मजबूती और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीतियों से प्रभावित है। हालांकि, भारत में त्योहारी सीजन के बाद भी निवेशकों की रुचि बनी हुई है, जिससे कीमतों में बड़ी गिरावट नहीं आई। पिछले सप्ताह की तुलना में सोना अभी भी मजबूत बना हुआ है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी दिनों में मुद्रास्फीति और भू-राजनीतिक तनाव के आधार पर उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है।
सोने और चांदी की कीमतें न केवल घरेलू मांग-आपूर्ति पर निर्भर करती हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कारकों जैसे डॉलर इंडेक्स, कच्चे तेल की कीमतें और वैश्विक आर्थिक संकेतकों का भी गहरा प्रभाव पड़ता है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि खरीदारी से पहले स्थानीय ज्वैलर्स से पुष्टि करें, क्योंकि ये भाव जीएसटी, टीसीएस और मेकिंग चार्जेस को शामिल नहीं करते।
भारत के बड़े शहरों में सोने की कीमतें थोड़ी भिन्न हो सकती हैं, जो स्थानीय टैक्स और परिवहन लागत पर निर्भर करती हैं। नीचे दिए गए भाव 10 ग्राम के लिए हैं:
| शहर | 22 कैरेट सोना (₹) | 24 कैरेट सोना (₹) |
|---|---|---|
| दिल्ली | 1,15,490 | 1,25,980 |
| मुंबई | 1,15,340 | 1,25,830 |
| अहमदाबाद | 1,13,680 | 1,24,010 |
| चेन्नई | 1,15,340 | 1,25,830 |
| कोलकाता | 1,15,340 | 1,25,830 |
| हैदराबाद | 1,15,340 | 1,25,830 |
| जयपुर | 1,15,490 | 1,25,980 |
| भोपाल | 1,13,680 | 1,24,010 |
| लखनऊ | 1,15,490 | 1,25,980 |
| चंडीगढ़ | 1,15,490 | 1,25,980 |
| पुणे | 1,15,340 | 1,25,830 |
| बेंगलुरु | 1,15,340 | 1,25,830 |
चांदी के बाजार में भी नरमी का रुख है। आज प्रति किलोग्राम भाव 1,63,900 रुपये है, जो पिछले सत्र से 100 रुपये नीचे है। पिछले सप्ताह की तुलना में चांदी में 5,000 रुपये की गिरावट आ चुकी है। वैश्विक बाजारों में चांदी का फ्यूचर भाव 49.85 डॉलर प्रति औंस पर है, जो औद्योगिक मांग (जैसे सोलर पैनल और इलेक्ट्रॉनिक्स) के बावजूद डॉलर की मजबूती से दबाव में है।
चांदी न केवल आभूषणों के लिए लोकप्रिय है, बल्कि इसके औद्योगिक उपयोग भी बढ़ रहे हैं। 2025 में सिल्वर डिमांड 1.15 बिलियन औंस तक पहुंच सकती है, लेकिन सप्लाई की कमी से भावों में अस्थिरता बनी रहेगी।