IND vs PAK: एशिया कप 2025 से पहले भारतीय खेल मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लिया है। मंत्रालय ने गुरुवार को घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी द्विपक्षीय खेल मुकाबले नहीं होंगे। भारतीय टीमें पाकिस्तान में होने वाली प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं लेंगी और न ही पाकिस्तानी टीमों को भारत में द्विपक्षीय मैच खेलने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, मल्टीनेशन टूर्नामेंट जैसे एशिया कप पर इस नीति का कोई असर नहीं होगा।
खेल मंत्रालय ने तत्काल प्रभाव से लागू होने वाली नई नीति की घोषणा की है। इस नीति में कहा गया है कि भारत का पाकिस्तान के साथ खेल आयोजनों के प्रति दृष्टिकोण देश की समग्र विदेश नीति को दर्शाता है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारतीय टीमें पाकिस्तान में किसी भी द्विपक्षीय प्रतियोगिता में भाग नहीं लेंगी और न ही पाकिस्तानी टीमों को भारत में खेलने की अनुमति दी जाएगी। लेकिन मल्टीनेशन टूर्नामेंट में दोनों देशों की टीमें हिस्सा ले सकेंगी।
खेल मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा,
हम भारतीय क्रिकेट टीम को एशिया कप जैसे मल्टीनेशन टूर्नामेंट में खेलने से नहीं रोकेंगे। लेकिन द्विपक्षीय प्रतियोगिताओं के लिए पाकिस्तानी टीमों को भारत में आने की अनुमति नहीं होगी। हम ओलंपिक चार्टर का पालन करते हुए मल्टीनेशन टूर्नामेंट में उनकी भागीदारी पर रोक नहीं लगाएंगे।
एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान की टीमें 14 सितंबर को दुबई में आमने-सामने होंगी। दोनों टीमें ग्रुप-ए में हैं, जिसमें UAE और ओमान की टीमें भी शामिल हैं। भारतीय टीम का शेड्यूल इस प्रकार है:
10 सितंबर: भारत vs UAE
14 सितंबर: भारत vs पाकिस्तान
ग्रुप-ए का अंतिम मैच: भारत vs ओमान
खेल मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत-पाकिस्तान के बीच मल्टीनेशन टूर्नामेंट में होने वाले इस मैच को हरी झंडी दी गई है।
खेल मंत्रालय की यह नीति केवल क्रिकेट तक सीमित नहीं है। यह सभी खेलों पर लागू होगी। इसका मतलब है कि कोई भी पाकिस्तानी खिलाड़ी भारत में किसी द्विपक्षीय प्रतियोगिता के लिए नहीं आ सकेगा और न ही भारतीय खिलाड़ी पाकिस्तान में खेलने जाएंगे। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय मल्टीनेशन टूर्नामेंट में दोनों देशों के खिलाड़ी एक-दूसरे के खिलाफ खेल सकेंगे।
यह नीति भारत और पाकिस्तान के बीच खेल संबंधों में एक बड़ा बदलाव लाएगी। जहां मल्टीनेशन टूर्नामेंट में भारत-पाकिस्तान के बीच रोमांचक मुकाबले देखने को मिलेंगे, वहीं द्विपक्षीय सीरीज का रास्ता पूरी तरह बंद हो गया है। यह नीति भारत की विदेश नीति के साथ तालमेल बिठाते हुए खेल जगत में एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है।