देश: सरकार ने नए प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्माण के लिए मंगाईं बोलियां

देश - सरकार ने नए प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्माण के लिए मंगाईं बोलियां
| Updated on: 10-Nov-2021 07:47 PM IST
नयी दिल्ली: सरकार ने मंगलवार को नए प्रधानमंत्री कार्यालय वाले परिसर एक्सक्यूटिव एंक्लेव, केंद्रीय सचिवालय, इंडिया हाउस और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) के निर्माण के लिए अहर्ता पूर्व निविदा आमंत्रित किया है। इस परियोजना की अनुमानित लगात 1,171 करोड़ रुपये हैं। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के निविदा दस्तावेज के अनुसार इस परियोजना को 24 महीने में पूरा किया जाएगा। यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना का हिस्सा है। केंद्रीय आवासन और शहरी विकास मंत्रालय के अधीन आने वाले सीपीडब्ल्यूडी ने कहा कि एक्सक्यूटिव एंक्लेव भारी सुरक्षा वाले लुटियंस दिल्ली साउथ ब्लॉक के प्लॉट नंबर 36/38 के दक्षिण कनारे बनेगा। निविदा दस्तावेज के मुताबिक नए पीएमओ में तीन तल्ले होंगे और हर तल्ले की ऊंचाई 4.75 मीटर होगी। भू-तल और सबसे निचला तल्ला इसके अतिरिक्त होंगे। नए केंद्रीय सचिवालय और एनएससीएस की इमारत का ढांचा भी लगभग ऐसा ही होगा। ‘‘इंडिया हाउस’’ में भू-तल और सबसे निचले तल्ले के अतिरिक्त एक तल्ला होगा। इसका इस्तेमाल वर्तमान ‘‘हैदाराबाद हाउस’’ की तर्ज पर सम्मेलनों और उच्च स्तरीय वार्ताओं के लिए खासकर विदेशी मेहमानों के लिए होगा। सीपीडब्ल्यूडी के दस्तावेजों के मुताबिक, ‘‘एक्सक्यूटिव एंक्लेव का डिजायन विभिन्न विभागों और उनमें तमाम सहुलियतों को ध्यान में रखते हुए क्षमता और कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने को ध्यान में रखकर किया जाएगा ताकि परिसर के भीतर सेंट्रल विस्टा के अन्य कार्यालयों की सुरक्षा और उनके साथ संपर्क सुनिश्चित की जा सके।’’ इसमें कहा गया, ‘‘इन विभागों का पुनर्वास आम जन को परेशानी से बचाते हुए महत्वपूर्ण और अति विशिष्ट लोगों के लिए प्रभावी सुरक्षा नियम सुनिश्चित करेंगे।’’ सीपीडब्ल्यूडी ने कहा कि प्रस्तावित काम बहुत ही प्रतिष्ठित प्रकृति का है और 24 महीने की निर्धारित समयसीमा के भीतर पूरा कर लिए जाने की आवश्यकता है। इसकी गुणवत्ता और काम भी उच्च श्रेणी का होगा। सीपीडब्ल्यूडी के मुताबिक निविदा में भाग लेने वाली निर्माण कंपनी का पिछले तीन वित्तीय वर्ष के दौरान सालाना व्यापार सिविल या इलेक्ट्रिकल निर्माण के लिए 586 करोड़ रुपये का होना चाहिए। सीपीडब्ल्यूडी ने कहा, ‘‘प्लॉट संख्या 36/38 पर मौजूदा ढांचों को नया काम आरंभ होने से पहले ध्वस्त किया जाएगा। मौजूदा चारदिवारी को भी तोड़ा जाएगा और नए का निर्माण किया जाएगा।’’ इसी महीने विनिर्माण कंपनी कमलादित्य कंस्ट्रक्शन प्रइवेट लिमिटेड ने सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत बनने वाले उपराष्ट्रपति एंक्लेव के निर्माण की निविदा में सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरी थी। पिछले महीने लार्सन और अूब्रो लिमिटेड को कॉमन केंद्रीय सचिवालय की पहली तीन इमारतों के निर्माण व रखरखाव का करार मिला था। संसद की नयी इमारत के अलावा इस परियोजना के तहत एक कॉमन केंद्रीय सचिवालय बनाया जाएगा। वहां मंत्रालयों के दफ्तर होंगे। साथ ही राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे राजपथ को भी नया रूप दिया जाएगा।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।