निजीकरण: दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु के एयरपोर्ट में बची हुई हिस्सेदारी बेचेगी सरकार: खबर

निजीकरण - दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु के एयरपोर्ट में बची हुई हिस्सेदारी बेचेगी सरकार: खबर
| Updated on: 14-Mar-2021 08:32 PM IST
नई दिल्ली: केंद्र सरकार दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद हवाई अड्डों की बची हुई हिस्सेदारी को भी बेचने की योजना बना रही है। असेट मॉनिटाइजेशन के जरिए 2.5 लाख करोड़ रुपए जुटाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए इस हिस्सेदारी की बिक्री की जाएगी। इस मामले से वाकिफ सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।

प्राइवेटाइजेशन के लिए 13 और हवाई अड्डे चुने गए

पिछले महीने हुई सचिवों की कमेटी की बैठक के हवाले से सूत्रों का कहना है कि इन चारों हवाई अड्डों में से सरकार एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) की बची हुई हिस्सेदारी बेचेगी। इसके अलावा समिति ने प्राइवेटाइजेशन के लिए 13 और हवाई अड्डों को चुन लिया गया है।

दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद हवाई अड्डों में से AAI की हिस्सेदारी बेचने के लिए विमानन मंत्रालय कैबिनेट से मंजूरी लेगा। इसके लिए जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव पेश किया जाएगा। अभी इन चारों हवाई अड्डों का संचालन निजी क्षेत्र के साथ जॉइंट वेंचर में किया जा रहा है।

मुनाफे और गैर-मुनाफे वाले हवाई अड्डों को जोड़ा जाएगा

सूत्रों के मुताबिक, जिन 13 हवाई अड्डों को प्राइवेटाइजेशन के लिए चुना गया है, उनमें से मुनाफे और गैर-मुनाफे वाले हवाई अड्डों को जोड़ा जाएगा। इसका मकसद प्राइवेटाइजेशन के दौरान बेहतर पैकेज आकर्षित करना है। पहले चरण में केंद्र सरकार पिछले साल लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मेंगलुरु, तिरुवनंतपुरम और गुवाहाटी के हवाई अड्डों का प्राइवेटाइजेशन कर चुकी है।

100 से ज्यादा हवाई अड्डों का संचालन करती है AAI

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत AAI पूरे देश में 100 से ज्यादा हवाई अड्डों का संचालन करती है। मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट में AAI की 26% हिस्सेदारी है। शेष 74% हिस्सेदारी अडानी ग्रुप के पास है। दिल्ली के इंटरनेशनल एयरपोर्ट में GMR ग्रुप की 54%, AAI की 26% और 10%-10% हिस्सेदारी फ्रापोर्ट AG और इरामन मलेशिया के पास है।

बेंगलुरु एयरपोर्ट में कर्नाटक सरकार के साथ मिलकर AAI की 26% हिस्सेदारी है। वहीं, हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट में AAI की 26% हिस्सेदारी है। इसमें आंध्र प्रदेश सरकार की हिस्सेदारी भी शामिल है।

असेट मॉनिटाइजेशन से 2.5 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य

वित्त वर्ष 2021-22 के बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि नए इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए मौजूदा पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर असेट्स का मॉनिटाइजेशन काफी महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने कहा था कि सरकार ने ऑयल और गैस पाइपलाइंस जैसे 100 असेट्स की मॉनिटाइजिंग का लक्ष्य तय किया है। इससे 2.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश जुटाया जा सकता है। केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल से शुरू हो रहे वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिए 1.75 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य तय किया है।

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