GPS Toll Tax: GPS टोल टैक्स शुरू, कैसे कटेगा अब आपकी गाड़ी का Toll? जानें सबकुछ

GPS Toll Tax - GPS टोल टैक्स शुरू, कैसे कटेगा अब आपकी गाड़ी का Toll? जानें सबकुछ
| Updated on: 14-Sep-2024 10:20 AM IST
GPS Toll Tax: राष्ट्रीय राजमार्ग और परिवहन मंत्रालय ने देशभर में टोल टैक्स वसूली के लिए एक नया कदम उठाया है। अब, GPS आधारित टोल टैक्स सिस्टम को हरियाणा के पानीपत-हिसार नेशनल हाईवे 709 पर हाइब्रिड मोड में लागू कर दिया गया है। यह नया सिस्टम सड़क पर यात्रा करते समय टोल शुल्क की वसूली को और भी सटीक और सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

GPS टोल टैक्स क्या है?

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा लागू किए गए इस सिस्टम को ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) नाम दिया गया है। इस प्रणाली के तहत, नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर वाहन 'पे ऐज़ यू यूज़' (Pay As You Use) आधार पर टोल टैक्स का भुगतान करेंगे। इसमें आपकी गाड़ी को केवल 20 किलोमीटर तक मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जाएगी। जैसे ही आपकी गाड़ी इस सीमा को पार करेगी, टोल टैक्स वसूली शुरू हो जाएगी।

GNSS टोल सिस्टम के फायदे

GNSS टोल सिस्टम के कई लाभ हैं:

सटीक वसूली: इस प्रणाली के तहत, आपको केवल उतना ही टोल टैक्स देना होगा जितनी दूरी आपकी गाड़ी नेशनल हाईवे या एक्सप्रेसवे पर तय करेगी।

रियल-टाइम ट्रैकिंग: यह सिस्टम आपकी गाड़ी की रियल-टाइम लोकेशन ट्रैक करने की सुविधा प्रदान करता है।

जाम से राहत: पारंपरिक टोल प्लाजा पर लगने वाले जाम की समस्या को कम किया जा सकेगा, क्योंकि टोल की वसूली सैटेलाइट सिस्टम के माध्यम से होगी।

GNSS टोल सिस्टम के नुकसान

  • हालांकि GNSS टोल सिस्टम के कई फायदे हैं, लेकिन इसके साथ कुछ समस्याएं भी जुड़ी हो सकती हैं:
  • सिग्नल की समस्याएं: टनल और घाट सेक्शन में सैटेलाइट सिग्नल की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। खराब मौसम में भी सिग्नल की कमी हो सकती है।
  • प्राइवेसी की चिंताएँ: GNSS सिस्टम आपकी गाड़ी के मूवमेंट को ट्रैक करता है, जिससे प्राइवेसी से संबंधित चिंताएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
फास्टैग का योगदान

फिलहाल, GNSS टोल सिस्टम को ट्रायल बेस्ड पर लागू किया गया है। इस दौरान, टोल टैक्स की वसूली फास्टैग के माध्यम से ही की जाएगी। फास्टैग रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक पर आधारित होता है, जिसमें टोल प्लाजा पर लगे कैमरे स्टिकर के बार-कोड को स्कैन करते हैं और टोल फीस अपने-आप फास्टैग के वॉलेट से कट जाती है।

भविष्य की दिशा

GNSS टोल सिस्टम की शुरुआत एक महत्वपूर्ण पहल है जो भविष्य में सड़क यातायात को और भी अधिक सटीक और सुविधाजनक बनाने का वादा करती है। जैसे-जैसे यह प्रणाली विकसित होगी, इसके फायदे और उपयोगिता बढ़ने की उम्मीद है। इस नई प्रणाली के साथ सड़क पर यात्रा करना अधिक सुगम और पारदर्शी होगा, लेकिन इसके साथ ही हमें इसके संभावित नुकसान और चुनौतियों को भी ध्यान में रखना होगा।

इस नई प्रणाली के साथ, सड़क पर यात्रा करते समय टोल टैक्स की वसूली और भी अधिक सुविधाजनक और सटीक हो जाएगी, जिससे यात्रियों को एक बेहतर अनुभव मिलेगा।

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