देश: ग्रुप कैप्‍टन हरकीरत सिंह होंगे राफेल के पहले कमांडिंग ऑफिसर, शौर्य चक्र से हैं सम्मानित

देश - ग्रुप कैप्‍टन हरकीरत सिंह होंगे राफेल के पहले कमांडिंग ऑफिसर, शौर्य चक्र से हैं सम्मानित
| Updated on: 28-Jul-2020 04:42 PM IST
नई दिल्‍ली। फ्रांस (France) से भारत आ रहे 5 राफेल लड़ाकू विमान (Rafale Fighter Jet) बुधवार को अंबाला एयरबेस (Ambala Airbase) पर पहुंचेंगे। औपचारिक रूप से वायुसेना के बेड़े में इन्‍हें 15 अगस्‍त के बाद ही शामिल किया जाएगा। भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने राफेल के स्‍वागत की पूरी तैयारी कर ली है। इस बीच सूत्रों के हवाले से ऐसी खबर है कि राफेल स्क्वाड्रन के पहले कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्‍टन हरकीरत सिंह होंगे। ग्रुप कैप्‍टन हरकीरत सिंह भी भारतीय वायुसेना के उन पायलटों में शामिल हैं, जो फ्रांस से राफेल उड़ाकर भारत ला रहे हैं। हरकीरत सिंह मिग और सुखोई भी उड़ा चुके हैं।

वर्ष 2009 में ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह को बहादुरी के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। हरकीरत सिंह ने मिग 21 के इंजन में आई ख़राबी के बावजूद बड़ी बहादुरी से न केवल अपने को बचाया बल्कि मिग-21 को भी ज़्यादा नुकसान नहीं होने दिया। राफेल के लिए अभी तक कुल 15 से 17 पायलट पूरी तरह से ट्रेंड हो चुके हैं। ऐसी भी खबर है कि अंबाला पहुंचने के हफ्ते भर में राफेल ऑपरेशन के लिए तैनात किए जा सकते हैं। 17 स्क्वाड्रन के 18 राफेल फाइटर के लिए तीस के करीब पायलट तैनात होंगे। 150 से 200 ग्राउंड स्टाफ को राफेल के स्क्वाड्रन की देख-रेख के लिए ट्रेंड किया गया है।

फ्रांस से 36 राफेल के लिए 59 हजार करोड़ रुपये में हुआ था करार

फ्रांस से भारत के पांच राफेल लड़ाकू विमानों का पहला जत्था सोमवार को रवाना हुआ। भारत ने वायुसेना के लिए 36 राफेल विमान खरीदने के लिए चार साल पहले फ्रांस के साथ 59 हजार करोड़ रुपये का करार किया था। अधिकारियों ने बताया कि फ्रांस के बंदरगाह शहर बोर्डेऑस्क में मैरीग्नेक वायुसेना अड्डे से रवाना हुए ये विमान लगभग सात हजार किलोमीटर का सफर तय करके बुधवार को अंबाला वायुसेना अड्डे पर पहुंचेंगे। बीच में यह विमान फिलहाल संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अल दाफरा हवाईअड्डे पर रुके हैं।

तीन राफेल एक सीट वाले और दो विमान दो सीट वाले हैं

फ्रांस में भारतीय राजदूत जावेद अशरफ ने विमानों के भारत रवाना होने से पहले भारतीय वायुसेना के पायलटों से बातचीत में कहा, 'आप इन्हें (राफेल को) बेजोड़ और बलवान दोनों कह सकते हैं।' अधिकारियों ने कहा कि सभी पांच राफेल विमान करीब सात घंटे की उड़ान के बाद यूएई के अल दाफरा हवाईअड्डे पर सुरक्षित उतरे। भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी ने कहा कि इस जत्थे में तीन एक सीट वाले और दो विमान दो सीटों वाले हैं। इन विमानों के बुधवार को अंबाला वायुसेना स्टेशन पहुंचने की उम्मीद है, जब इन्हें औपचारिक रूप से भारतीय वायु सेना में उसके 17वें स्क्वाड्रन के तौर पर शामिल किया जाएगा जिसे 'गोल्डन ऐरो' भी कहा जाता है।

पेरिस में भारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा, '10 विमानों की आपूर्ति समय पर पूरी हो गई है और इनमें से पांच विमान प्रशिक्षण मिशन के लिए फ्रांस में ही रुकेंगे। सभी 36 विमानों की आपूर्ति 2021 के अंत तक पूरी हो जाएगी।' वायुसेना के एक अधिकारी ने कहा कि विमानों में उड़ान के दौरान हवा में ही ईंधन भरा गया। इस काम में फ्रांसीसी वायु सेना के समर्पित टैंकर की मदद ली गई। वायुसेना ने एक बयान में कहा, 'विमानों के 29 जुलाई को अंबाला में वायुसैनिक अड्डे पर पहुंचने की संभावना है अगर मौसम (परिस्थितियां) सही रहता है तो।

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