Indian Economy: GST 2.0 और त्योहारी सीजन से अर्थव्यवस्था को मिला बूस्ट, FY26 में 6.9% तक हो सकती है ग्रोथ

Indian Economy - GST 2.0 और त्योहारी सीजन से अर्थव्यवस्था को मिला बूस्ट, FY26 में 6.9% तक हो सकती है ग्रोथ
| Updated on: 23-Oct-2025 10:10 PM IST
डेलॉयट इंडिया की नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक, देश की अर्थव्यवस्था को GST 2 और 0 और आगामी त्योहारी सीजन से महत्वपूर्ण बढ़ावा मिला है। कंपनी ने अनुमान लगाया है कि चालू वित्त वर्ष (2025-26) में भारत की अर्थव्यवस्था 6. 7% से 6. 9% की रफ्तार से बढ़ सकती है, जिसमें पूरे साल की औसत वृद्धि 6. 8% रहने की उम्मीद है। यह आंकड़ा डेलॉयट की पिछली भविष्यवाणी से 0. 3% अधिक है, जो भारत की आर्थिक मजबूती और वैश्विक स्तर पर तेजी से उभरने का संकेत है।

घरेलू मांग और संरचनात्मक सुधारों का योगदान

रिपोर्ट में बताया गया है कि मजबूत घरेलू मांग, आसान मौद्रिक नीतियां और GST 2. 0 जैसे संरचनात्मक सुधार इस वृद्धि को गति प्रदान करेंगे। वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2025) में भारत की जीडीपी में 7. 8% की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की गई थी और डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने इस बात पर जोर दिया कि त्योहारों के सीजन में खपत बढ़ने से मांग में अच्छी बढ़त देखने को मिलेगी, जिसके बाद निजी निवेश में भी तेजी आएगी। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी FY26 के लिए 6. 8% की ग्रोथ का अनुमान लगाया है, जो डेलॉयट के आकलन से मेल खाता है।

वैश्विक अनिश्चितताएं और चुनौतियाँ

हालांकि, रिपोर्ट में वैश्विक स्तर पर बढ़ती अनिश्चितताओं के प्रति भी आगाह किया गया है, जो भारत की वृद्धि पर असर डाल सकती हैं। अमेरिका और यूरोपीय संघ (EU) के साथ संभावित व्यापारिक समझौते निवेशकों का विश्वास बढ़ा सकते हैं, लेकिन अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा लंबे समय तक ऊंची ब्याज दरें बनाए रखने से वैश्विक बाजार में नकदी की कमी हो सकती है, जिससे भारत जैसे उभरते बाजारों से पूंजी निकलने का खतरा बढ़ जाएगा। इसके अलावा, कोर इन्फ्लेशन (जरूरी चीजों को छोड़कर बाकी महंगाई) अभी भी 4% से ऊपर। बनी हुई है, जिससे RBI के लिए ब्याज दरों में कटौती करना मुश्किल हो सकता है।

MSME सेक्टर को मजबूत करने की आवश्यकता

रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि अब तक की नीतियां घरेलू खपत बढ़ाने पर केंद्रित रही हैं, लेकिन अब ध्यान MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) सेक्टर को मजबूत करने पर होना चाहिए। MSME सेक्टर रोजगार, आय, निर्यात और निवेश का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र है, और इसे बढ़ावा देने से अर्थव्यवस्था को दीर्घकालिक स्थिरता और समावेशी विकास मिलेगा।

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