Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी सर्वे पर फिलहाल रोक रहेगी- 3 अगस्त को आएगा हाईकोर्ट का फैसला

Gyanvapi Masjid Case - ज्ञानवापी सर्वे पर फिलहाल रोक रहेगी- 3 अगस्त को आएगा हाईकोर्ट का फैसला
| Updated on: 27-Jul-2023 06:29 PM IST
Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मस्जिद का ASI सर्वे होगा या नहीं इस मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का 3 अगस्त को फैसला आएगा. तब तक एएसआई के सर्वे पर रोक जारी रहेगी. मुस्लिम पक्ष भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सर्वे के खिलाफ है. उसका मानना है कि इससे ऐतिहासिक संरचना को नुकसान हो सकता है. मुस्लिम पक्ष के वकील फरमान नकवी ने हाईकोर्ट में एएसआई के हलफनामे का जवाब दाखिल कर दिया है. चीफ जस्टिस (सीजे) ने पूछा कि एएसआई की लीगल आइडेंटिटी क्या है?

इस पर कोर्ट को बताया गया है कि मॉन्यूमेंट संरक्षण के लिए 1871 में एएसआई गठित की गई, पुरातत्व अवशेष को मॉनिटर करती है. मुस्लिम पक्ष के वकील नकवी ने कहा कि निचली अदालत ने जिस मामले पर सुनवाई की थी, वह मुकदमा ही सुनवाई योग्य नहीं है और सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.

वहीं, हिंदू पक्ष की ओर से कहा गया है कि मंदिर सीआईएसएफ की सुरक्षा में है. अटॉर्नी जनरल का कहना है कि हमारा काम कानून व्यवस्था बनाए रखने का है. कोर्ट ने हिंदू पक्ष से सवाल पूछा कि वाद तय करने में देरी क्यों हो रही है? कोर्ट के सवाल पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने जानकारी दी. मुस्लिम पक्ष के वकील सैयद फरमान अहमद नकवी ने कहा कि सिविल जज से केस जिला जज को सौंपा गया. बाहरी लोगों ने वाद दायर किया है. इस मामले में कुल 19 वाद वाराणसी में दायर किए गए हैं.

आशंका होने के बाद भी हिंदू पक्ष सर्वे की जिद पर अड़ा- मुस्लिम पक्ष बोला

नकवी ने कहा कि आशंका है, फिर भी जिद कर रहे हैं कि मैं तो सर्वे करूंगा. सीजे ने कहा लेकिन केवल आपकी आशंका के आधार पर उन्हें उनके कानूनी अधिकारों से दूर नहीं रखा जा सकता है. नकवी ने कहा कि शेष कोर्ट के आदेश पर निर्भर है. सीजे ने कहा कि आदेश पारित होने के बाद ऐसी कोई गतिविधि हुई हो, इसका एक भी उदाहरण हमें दिखाइए.

नकवी ने कहा कि जब तक सिविल दावा (मालिकाना हक) से संबंधित मामला सुनवाई योग्य है या नहीं इस पर सुप्रीम कोर्ट कोई आदेश नहीं देता, तब तक सर्वे कराया जाना उचित नहीं. चीफ जस्टिस ने कहा , लेकिन आपकी ओर से जल्द निपटारे की कोई मांग नहीं की गई है. नकवी ने कहा कि हिन्दू पक्ष ने यह दावा करने की पूरी कोशिश की कि कोई खुदाई नहीं हो रही है, लेकिन हमारे पास तस्वीरें हैं जहां उन्होंने कुदाल का इस्तेमाल किया है. वे इन उपकरणों को लेकर वहां पहुंचे.

ज्ञानवापी मस्जिद के नीचे मंदिर की बात काल्पनिक- मुस्लिम पक्ष

हाईकोर्ट ने पूछा क्या उन्होंने इसका इस्तेमाल किया है? नकवी ने कहा चूंकि स्टे मिल गया था, नहीं तो इसका इस्तेमाल हो जाता. हाईकोर्ट ने कहा अगर कोई हथियार लेकर अदालत में आता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह इसका इस्तेमाल करेगा. नकवी ने कहा कि यह मनोरंजन के लिए नहीं है कि कोई हथियार लेकर कोर्ट में आएगा. इन लोगों के पास कुदाल इत्यादि चलाने का क्या मौका है?

बीते दिन हाईकोर्ट में मामले को उठाते हुए मस्जिद समिति ने कहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद 1000 सालों से प्रतिष्ठित काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में मौजूद है. सर्वे को लेकर हिंदू पक्ष की ओर से अयोध्या रामजन्मभूमि मामले का हवाला दिया गया, जिस पर मस्जिद समिति का कहना है कि वे परिस्थितियां अलग थीं और उनकी तुलना नहीं की जा सकती. याचिकाकर्ताओं के वकील का कहना है कि ज्ञानवापी मस्जिद के नीचे मंदिर की बात काल्पनिक है, जिसके लिए एएसआई को सर्वेक्षण की अनुमति देने का आधार नहीं हो सकता.

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