निर्भया केस: कोरोना वायरस के समय में फांसी देना ठीक नहीं- निर्भया के दोषियों ने दी नई याचिका, कल होनी है फांसी

निर्भया केस - कोरोना वायरस के समय में फांसी देना ठीक नहीं- निर्भया के दोषियों ने दी नई याचिका, कल होनी है फांसी
| Updated on: 19-Mar-2020 01:11 PM IST
नई दिल्ली। निर्भया मामले (Nirbhaya Case) में चारों दोषियों को शुक्रवार सुबह 5.30 बजे फांसी दी जानी है। इससे पहले दोषी अलग-अलग याचिकाएं दाखिल कर खुद को फंदे से बचाने की कोशिश कर रहे हैं। ताजा मामले में दोषियों ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दी है। इसमें अलग-अलग विचाराधीन मामलों का हवाला देते हुए कहा गया है कि फांसी रोक दी जाए। इतना ही नहीं दोषियों ने अपनी याचिका में कोरोना वायरस का जिक्र भी किया है। उन्होंने कहा है कि महामारी के समय में उन्हें फांसी नहीं दी जानी चाहिए। यह उचित समय नहीं है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को निर्भया मामले के दोषी पवन गुप्ता की उस सुधारात्मक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने खुद को नाबालिग बताया था।

इससे पहले दिल्ली की तिहाड़ जेल में निर्भया मामले के चारों दोषियों को फांसी देने के लिए पवन जल्लाद ने बुधवार को पुतलों को फांसी देकर अभ्यास किया। दोषियों को जेल में शुक्रवार को फांसी दी जानी है। जेल अधिकारियों ने बताया कि पवन मंगलवार को मेरठ से राजधानी पहुंचे और उन्होंने रस्सी से पुतलों को फांसी देकर अभ्यास किया। इस रस्सी का इस्तेमाल दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाने के लिए होगा।

तिहाड़ जेल के इतिहास में यह पहली बार होगा जब एक ही अपराध के लिए एक ही समय पर चार दोषियों को फांसी दी जाएगी। पवन अपने परिवार में तीसरे पीढ़ी के जल्लाद हैं। उन्होंने पहले कहा था कि उनके दादा ने सतवंत सिंह और केहर सिंह को फांसी पर लटकाया था। इन दोनों को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के संबंध में फांसी दी गई थी। इसके अलावा उनके दादा ने कुख्यात अपराधी रंगा और बिल्ला को भी फांसी दी थी।

डेथ वारंट को तीन बार इस आधार पर टाल दिया गया था

पांच मार्च को एक निचली अदालत ने मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को फांसी देने के लिए नया डेथ वारंट जारी किया था। चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दी जाएगी। अदालत ने डेथ वारंट को तीन बार इस आधार पर टाल दिया गया था कि दोषियों के सभी कानूनी उपचार समाप्त नहीं हुए हैं और एक या अन्य दोषियों की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है।

दिल्ली में 23 साल की छात्रा के साथ 16 दिसंबर 2012 की रात को एक चलती बस में बर्बरता के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। इस घटना के करीब 15 दिन बाद पीड़िता की सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। इस घटना ने देश को हिला दिया था। पीड़िता को निर्भया नाम से जाना गया।

इस मामले में छह लोगों को आरोपी बनाया गया था। जिनमें एक नाबालिग शामिल था। वहीं छठे व्यक्ति राम सिंह ने मामले में सुनवाई शुरू होने के कुछ समय बाद खुदकुशी कर ली थी। वहीं नाबालिग को 2015 में रिहा कर दिया गया था। उसने सुधार गृह में तीन साल का समय बिताया था।

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