Lebanon Blast: बर्बादी के बाद मदद को दुनिया आई आगे, 22 अरब रुपये जुटाए
Lebanon Blast - बर्बादी के बाद मदद को दुनिया आई आगे, 22 अरब रुपये जुटाए
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Updated on: 10-Aug-2020 03:55 PM IST
बेरुत। लेबनान में हुए प्रलंयकारी विस्फोट (Catastrophic Blast) से हुए जानमाल की व्यापक हानि के बाद उसे राहत देने के लिए एक आपातकालीन डोनर कॉन्फ्रेंस (Emergency Donor Conference) में 253 मिलियन यूरो (22 अरब रुपये) की धनराशि जुटाई। यह बात फ्रेंच प्रेसीडेंसी ने एक बयान में बताई। फ़्रांस के राष्ट्रपति मैक्रोन (French President Macron) ने गुरुवार को बेरुत का दौरा किया और वीडियो-लिंक द्वारा इस सम्मेलन की मेजबानी की और अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में भाग लेने वाले देशों से अपने मतभेदों को अलग रखकर लेबनान के लोगों की मदद करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि लेबनान में संयुक्त राष्ट्र संघ को सभी अंतर्राष्ट्रीय मदद के बीच तालमेल बिठाने का काम करना होगा। मदद की पेशकश में विस्फोट की निष्पक्ष, विश्वसनीय और स्वतंत्र जांच की मांग भी शामिल है।
लेबनान की सहायता के लिए तत्पर अमेरिका : ट्रंपव्हाइट हाउस ने एक बयान में बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि अमेरिका लेबनान की मदद करने के लिए सहायता देने के लिए तैयार है। बयान में यह भी कहा गया है कि राष्ट्रपति ने लेबनान में शांति का आह्वान किया और सुधार और जवाबदेही तय करने के लिए लेबनानी जनता द्वारा किये जा रहे प्रदर्शनों को शंतिपूर्ण रखने की बात भी की। ट्रम्प ने यह भी कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका चिकित्सा आपूर्ति, भोजन और पानी से भरे हुए विमान लेबनान भेजेगा और साथ ही लेबनान को पर्याप्त आर्थिक मदद भी सहायता देगा। हालांकि उन्होंने मदद का आंकड़ा देने से इनकार कर दिया। लंबे समय तक मदद करने की ली प्रतिज्ञाफ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के कार्यालय ने कहा कि राजनीतिक या संस्थागत सुधारके नाम पर किसी तरह की कोई शर्त रखे बगैर ये मदद की जाएगी। साथ ही लम्बे समय तक मदद की जाने की प्रतिज्ञाएं भी की गई हैं जो लेबनान के अधिकारियों द्वारा लाए गए बदलावों पर निर्भर करेंगी। पिछले मंगलवार को लेबनान की राजधानी बेरुत में हुए एक भयानक विस्फोट में 158 लोगों की मौत हो गई और शहर का बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया। विस्फोट होने के बाद पैदा हुई स्थितियों से उबरने में मदद करने के लिए यह रकम काफी मदद कर सकती है। दानकर्ताओं ने दान के बारे में पारदर्शिता रखने की अपील कीलेबनान इस विस्फोट से पहले से ही राजनीतिक और आर्थिक संकटों में फंसा हुआ है। विदेशी शक्तियों ने दान दी हुई रकम के संबंध में पारदर्शिता की मांग की कि यह धन किस प्रकार उपयोग में लाया जाएगा। जहाँ लेबनान की जनता ने अपनी ही सरकार को भ्रष्ट घोषित किया हुआ है वहां विदेशी शक्तियां उस सरकार को इतनी बड़ी रकम देने में हिचकिचा रही हैं। कुछ लोग लेबनान पर शिया समूह हिजबुल्लाह के माध्यम से ईरान के प्रभाव को लेकर भी बहुत चिंतित हैं।अंतरराष्ट्रीय दाताओं ने विस्फोट के बाद लेबनान के लिए राहत का वादा तो किया है लेकिन उनके अनुसार यह मदद लेबनान के लोगों की जरूरतों के अनुसार पर्याप्त, समय पर और लगातार मिलती रहनी चाहिए। साथ ही यह भी कहा गया है कि यह सहायता सीधे लेबनान की जनता तक पूरी दक्षता और पारदर्शिता के साथ पहुंचनी चाहिए।
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