Dhirendra Krishna Shastri: 'हिंदू कुंभकर्ण के बाद सबसे गहरी नींद में सोया'- धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का बयान

Dhirendra Krishna Shastri - 'हिंदू कुंभकर्ण के बाद सबसे गहरी नींद में सोया'- धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का बयान
| Updated on: 07-Nov-2024 05:00 PM IST
Dhirendra Krishna Shastri: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक महत्वपूर्ण बयान जारी करते हुए हिंदुओं को कुंभकर्ण की तरह सोया हुआ बताया है। भीलवाड़ा, राजस्थान में आयोजित हनुमंत कथा के पहले दिन, उन्होंने हिंदू समाज से जागने और एकजुट होने की अपील की। शास्त्री ने कहा कि वर्तमान समय में हिंदू समाज के लिए मुश्किल हालात हैं और अब हिंदुओं को अपने धर्म, संस्कृति और पहचान के प्रति जागरूक होना होगा।

बागेश्वर धाम से ओरछा तक पदयात्रा

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने 21 से 29 नवंबर के बीच बागेश्वर धाम से ओरछा तक पदयात्रा की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य हिंदू एकता और सनातन संस्कृति के प्रति जागरूकता फैलाना है। भीलवाड़ा में शुरू हुई इस हनुमंत कथा में हजारों भक्तों की उपस्थिति ने दिखा दिया कि शास्त्री के इस संदेश का प्रभाव लोगों पर गहरा है। इस पदयात्रा के बाद विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में ऐसी यात्राएं आयोजित कर सनातन धर्म और हिंदू एकता का प्रचार-प्रसार किया जाएगा।

कुंभकर्ण के बाद हिंदू सोया: धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

शास्त्री ने अपने बयान में हिंदुओं को चेताया कि उनकी स्थिति आज कुंभकर्ण के समान हो गई है। उन्होंने कहा, “कुंभकर्ण के बाद यदि कोई सोया है तो वह हिंदू समाज है। अब समय आ गया है कि हिंदू समाज जागे, अपने धर्म और मूल्यों के लिए खड़ा हो और समाज की समस्याओं का सामना करने के लिए एकजुट हो।” शास्त्री का मानना है कि अब मंच से हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा, बल्कि इसके लिए हर हिंदू को अपने कर्तव्यों का पालन करना होगा और अपनी धार्मिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए प्रयास करना होगा।

करो या मरो का आह्वान

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने संबोधन में ‘करो या मरो’ का नारा दिया, जिससे यह संदेश स्पष्ट होता है कि वे अब देश भर में हिंदू जागरण और एकता के संदेश को लेकर गंभीर हैं। उन्होंने भारत में आने वाले संकटों के बारे में भी आगाह किया और कहा कि अब समय आ गया है कि हिंदू समाज अपने घरों से बाहर निकले और अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक जड़ों को पुनः स्थापित करने के लिए दृढ़ संकल्पित हो।

आगामी पदयात्राओं की योजना

उन्होंने कई आगामी पदयात्राओं की भी घोषणा की है, जिसमें दिल्ली से वृंदावन, लखनऊ से अयोध्या और वेल्लूर से तिरुपति बालाजी तक की यात्राएं शामिल हैं। इन पदयात्राओं के माध्यम से वह हिंदू समाज में जागरूकता फैलाने और लोगों को एकजुट करने की योजना बना रहे हैं। इसके अलावा, राजस्थान में भी एक पदयात्रा आयोजित की जाएगी ताकि राज्य के लोगों में भी धर्म और संस्कृति के प्रति उत्साह जागृत हो सके।

हिंदू एकता का आह्वान

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के इस संदेश का उद्देश्य हिंदू समाज में एकता और जागरूकता की भावना को मजबूत करना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे किसी राजनीतिक दल के समर्थक नहीं हैं, बल्कि केवल सनातन धर्म के रक्षक हैं। उनका मानना है कि हिंदू समाज को अपनी सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित रखने के लिए सजग रहना चाहिए।

निष्कर्ष

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का यह संदेश न केवल हिंदू समाज के लिए जागरण का आह्वान है, बल्कि सभी धार्मिक और सांस्कृतिक अनुयायियों के लिए भी प्रेरणा है। उनकी पदयात्राएं और जागरूकता अभियान सनातन धर्म के संरक्षण और हिंदू समाज की एकता के प्रति उनके अटूट संकल्प का प्रतीक हैं।

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