Donald Trump News: मध्य पूर्व में दशकों से जारी इजरायल और फिलिस्तीन संघर्ष एक बार फिर से विश्व राजनीति के केंद्र में है। इस बार, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस विवाद में खुलकर बयान दिया है। ट्रंप ने कहा कि यदि हमास शनिवार दोपहर तक गाजा में बंधक बनाए गए सभी शेष बंधकों को रिहा नहीं करता है, तो इजरायल को हमास के साथ मौजूदा युद्ध विराम समझौते को रद्द कर देना चाहिए।
कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करते हुए पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि हमास तय समय सीमा तक बंधकों को रिहा नहीं करता, तो इसका गंभीर अंजाम हो सकता है। उन्होंने यह भी आशंका जताई कि यदि यह मुद्दा सुलझाया नहीं गया, तो कई निर्दोष लोग मारे जा सकते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह फैसला पूरी तरह से इजरायल पर निर्भर करता है।
ट्रंप के बयान के ठीक बाद हमास ने एक नई रणनीति अपनाने के संकेत दिए। संगठन के प्रवक्ता ने कहा कि इजरायल पर युद्ध विराम समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाने के बाद वे बंधकों की रिहाई में देरी करेंगे। हमास के अनुसार, इजरायल युद्ध विराम की शर्तों को तोड़ रहा है, जिससे उनकी प्रतिबद्धता पर असर पड़ा है।
गौरतलब है कि इजरायल और हमास फिलहाल छह सप्ताह के युद्ध विराम के मध्य में हैं, जिसमें दोनों पक्षों के बीच कैदियों और बंधकों की अदला-बदली हो रही है। 7 अक्टूबर, 2023 को हुए हमास के हमले के बाद इजरायल ने जवाबी कार्रवाई की थी, जिसके चलते यह समझौता किया गया था।
युद्ध विराम लागू होने के बाद से दोनों पक्षों ने अब तक पांच बार बंधकों और कैदियों की अदला-बदली की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक:
हमास की सैन्य शाखा, अल-क़स्साम ब्रिगेड के प्रवक्ता अबू ओबेदा ने सोमवार को इजरायल पर युद्ध विराम समझौते का व्यवस्थित उल्लंघन करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इसी वजह से शनिवार को प्रस्तावित बंधकों की रिहाई में देरी होगी।
यह स्थिति युद्ध विराम को कमजोर कर सकती है और इजरायल-हमास संघर्ष फिर से भड़क सकता है। अगर इजरायल ट्रंप की सलाह मानते हुए समझौता समाप्त करने का निर्णय लेता है, तो यह मध्य पूर्व में एक और बड़े युद्ध को जन्म दे सकता है।
डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका में 2024 के राष्ट्रपति चुनाव की तैयारियां चल रही हैं। ट्रंप एक बार फिर राष्ट्रपति पद की दौड़ में हैं, और उनकी विदेश नीति को लेकर बयानबाजी उनके समर्थकों को लुभाने का हिस्सा हो सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप का यह बयान मुख्य रूप से अमेरिकी राजनीति को प्रभावित करने के लिए दिया गया हो सकता है। हालांकि, इसका प्रभाव सीधे इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष पर भी पड़ सकता है।
मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि इजरायल-हमास युद्ध विराम जारी रहेगा या नहीं। ट्रंप के बयान से यह साफ है कि अमेरिका के कुछ राजनीतिक धड़े इजरायल को कड़ा रुख अपनाने की सलाह दे रहे हैं।
अब यह देखना होगा कि इजरायल सरकार इस चेतावनी को कैसे लेती है और हमास बंधकों की रिहाई को लेकर क्या कदम उठाता है। अगर वार्ता सफल नहीं हुई, तो मध्य पूर्व एक बार फिर एक बड़े संघर्ष की ओर बढ़ सकता है।