COVID-19 Update: कितना खतरनाक है डेल्टा प्लस वेरिएंट, क्या तीसरी लहर का यही बनेगा कारण, जानें सब
COVID-19 Update - कितना खतरनाक है डेल्टा प्लस वेरिएंट, क्या तीसरी लहर का यही बनेगा कारण, जानें सब
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Updated on: 23-Jun-2021 06:15 AM IST
नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Covid-19) के बेहद संक्रामक माने जा रहे डेल्टा प्लस वैरिएंट (Delta Plus Variant) के 21 केस महाराष्ट्र में मिले हैं। एक्सपर्ट्स द्वारा चेताया जा रहा है कि ये वैरिएंट कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है। महाराष्ट्र के अलावा केरल, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में इस वैरिएंट के केस मिले हैं। हालांकि पूरी दुनिया में इस वैरिएंट के अब तक महज 200 केस ही मिले हैं लेकिन इनमें 30 भारत से हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को डेल्टा प्लस वैरिएंट को वैरिएंट ऑफ कंसर्न माना है। केंद्र ने कहा कि डेल्टा प्लस वेरियंट पर कड़ी नजर है। केंद्र ने राज्यों को इससे निपटने के लिए चिट्ठी लिखकर आगाह किया है। डेल्टा वैरिएंट (B.1.617.2) का म्यूटेशननया डेल्टा प्लस वैरिएंट भारत में कोरोना की दूसरी लहर का कारण रहे डेल्टा वैरिएंट (B.1.617.2) का म्यूटेशन है। डेल्टा+ भारत के अलावा अब तक दुनिया के 9 देशों में मिल चुका है। ये देश हैं अमेरिका, यूके, पुर्तगाल, स्विजरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन, रूस। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा केसभारत में इस वक्त डेल्टा+ वैरिएंट के सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र में हैं। महाराष्ट्र में भी सबसे ज्यादा 9 मामले रत्नागिरी, फिर 7 जलगांव, 2 मुंबई और एक-एक पालघर, थाने और सिंधुदुर्ग में है। केरल में मिले तीन मामले पलक्कड़ औक पथनमथिट्टा से हैं। इनमें से एक मामला चार वर्षीय बच्चे का है। 'अल्फा संस्करण की तुलना में 35-60% अधिक संक्रामक'एम्स के डॉक्टर शुभ्रदीप कर्माकर ने कहा है कि डेल्टा प्लस में अतिरिक्त म्यूटेंट K417N है, जो डेल्टा (B।1।617।2) को डेल्टा प्लस में बदल देता है। उन्होंने कहा कि ऐसी अटकलें हैं कि यह म्यूटेंट अधिक संक्रामक है और यह अल्फा संस्करण की तुलना में 35-60% अधिक संक्रामक है। लेकिन भारत में इसकी संख्या बहुत कम है। ये अभी भी चिंता का सबब नहीं है और इसके संक्रमण के मामले अभी भी कम हैं। कितनी कारगर हैं वैक्सीनवैज्ञानिक अभी इस बात पर रिसर्च कर रहे हैं कि इस वैरिएंट पर मौजूदा वैक्सीन कितनी कारगर हैं। हालांकि अमेरिका के फूड एंड ड्रग डिपार्टमेंट के पूर्व डायरेक्टर ने cnbc।com से बातचीत में कहा है कि वैक्सीन इस वैरिएंट पर भी प्रभावी हो सकती हैं। उन्होंने कहा- एमआरएनए वैक्सीन इस पर ज्यादा कारगर (88 प्रतिशत) दिख रही हैं। वहीं वायरल वेक्टर वैक्सीन अपेक्षाकृत कम कारगर (70 प्रतिशत) दिख रही हैं। जॉनसन एंड जॉनसन और एस्ट्राजेनेका वैक्सीन वायरल वेक्टर वैक्सीन हैं। वहीं फाइज़र और मॉडर्ना की वैक्सीन एमआरएनए वैक्सीन हैं। महाराष्ट्र में ला सकता है तीसरी लहर?महाराष्ट्र में डेल्टा+ वैरिएंट को लेकर सबसे ज्यादा चिंता जाहिर की जा रही है। बीते सप्ताह राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक बैठक में बताया गया था ये वैरिएंट राज्य में तीसरी लहर का कारण बन सकता है। इस बैठक में सीएम उद्धव ठाकरे भी मौजूद थे। यह भी कहा गया था कि राज्य में एक्टिव केस की संख्या 8 लाख तक पहुंच सकती है। इनमें से दस प्रतिशत बच्चे हो सकते हैं। क्या भारत को चिंता की जरूरतहेल्थ एक्सपर्ट्स चेता चुके हैं कि डेल्टा+ वैरिएंट भारत में तीसरी लहर का कारण बन सकता है। और संभव है कि ये वैरिएंट इंसानी इम्यून सिस्टम को भी चकमा दे दे। भारत में अभी तक इस वैरिएंट की मौजूदगी कम है। डेल्टा वैरिएंट ही अभी देश में प्रभावी है। हालांकि ये स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि वर्तमान की कम संख्या कब बदल जाएगी।
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