Delhi Election 2025: दिल्ली के दंगल में कितने उम्मीदवार आए मैदान मे, कितने नामांकन हुए रिजेक्ट? आंकड़े हुए जारी

Delhi Election 2025 - दिल्ली के दंगल में कितने उम्मीदवार आए मैदान मे, कितने नामांकन हुए रिजेक्ट? आंकड़े हुए जारी
| Updated on: 19-Jan-2025 11:40 AM IST
Delhi Election 2025: देश की राजधानी दिल्ली में इन दिनों चुनावी माहौल पूरी तरह से गरमा गया है। हर गली, हर मोहल्ले में चुनावी चर्चाएं सुनाई दे रही हैं। राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, और 5 फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अपने चरम पर है। इस बार का चुनाव न केवल पार्टियों के लिए, बल्कि दिल्ली के मतदाताओं के लिए भी कई मायनों में अहम है।

नामांकन प्रक्रिया और उम्मीदवारों की स्थिति

दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार कुल 1,040 उम्मीदवार मैदान में हैं। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार, 1,522 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र दाखिल किए थे। हालांकि, जांच प्रक्रिया के दौरान 477 नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 जनवरी थी, और उस दिन सबसे अधिक 680 नामांकन पत्र दाखिल हुए। 20 जनवरी तक उम्मीदवार अपने नाम वापस ले सकते हैं, जिसके बाद अंतिम सूची जारी होगी।

दिलचस्प चुनावी मुकाबले की उम्मीद

70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए इस बार मुकाबला काफी रोचक होने की उम्मीद है।

  • आम आदमी पार्टी (AAP): सत्तारूढ़ आप पार्टी, जो पिछली बार भारी बहुमत से सत्ता में आई थी, इस बार भी अपनी जीत दोहराने के लिए तैयार है।
  • भारतीय जनता पार्टी (BJP): बीजेपी लगभग 25 साल के अंतराल के बाद दिल्ली में वापसी करने के इरादे से पूरी ताकत झोंक रही है।
  • कांग्रेस: लंबे समय से हाशिये पर रही कांग्रेस इस बार मजबूत वापसी की तैयारी में है।
तीनों प्रमुख पार्टियां अपनी-अपनी रणनीतियों के साथ मैदान में उतरी हैं, और मुकाबला बेहद कांटे का होता नजर आ रहा है।

चुनाव के मुख्य चरण और मतगणना की तारीख

नामांकन पत्रों की जांच प्रक्रिया 18 जनवरी को पूरी हो गई, और 20 जनवरी तक नाम वापस लेने की अंतिम तिथि है। इसके बाद चुनावी मुकाबला और भी तीव्र हो जाएगा। मतदान 5 फरवरी को होगा, और चुनावी नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।

चुनाव की अहमियत

दिल्ली का यह विधानसभा चुनाव केवल सत्ता परिवर्तन की संभावना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय राजनीति पर भी प्रभाव डाल सकता है। आम जनता की नजरें अब 8 फरवरी के नतीजों पर टिकी हैं, जब तय होगा कि दिल्ली की सत्ता की कुर्सी पर कौन बैठेगा।

यह चुनाव दिल्ली के मतदाताओं के लिए एक बार फिर अपने प्रतिनिधि चुनने का महत्वपूर्ण अवसर है। ऐसे में मतदाता कितनी जागरूकता और सूझबूझ के साथ अपना निर्णय लेते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।

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