World Test Championship: आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) 2025 के फाइनल के लिए दौड़ अब रोमांचक मोड़ पर पहुंच चुकी है। इस समय केवल चार टीमें ही इस मुकाबले में बची हुई हैं, और भारत उनमें से एक है। हालांकि टीम इंडिया के लिए आगे की राह कठिन जरूर है, लेकिन संभावनाएं अभी भी जीवित हैं। ऐसे में सवाल यह है कि भारत किस तरह इस प्रतिष्ठित फाइनल में अपनी जगह सुनिश्चित कर सकता है। आइए, डब्ल्यूटीसी फाइनल में भारत के पहुंचने के संभावित परिदृश्यों पर विस्तार से चर्चा करें।
भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया सीरीज: तीन निर्णायक मुकाबले बाकी
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी 5 टेस्ट मैचों की सीरीज में अभी तक दोनों टीमें एक-एक मैच जीत चुकी हैं। अब बचे हुए तीन मैच न केवल इस सीरीज का परिणाम तय करेंगे बल्कि डब्ल्यूटीसी फाइनल की तस्वीर भी साफ करेंगे।
- पहला परिदृश्य: 4-1 से जीत
अगर भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया को इस सीरीज में 4-1 से हराने में सफल होती है, तो फाइनल में उसकी जगह पक्की हो जाएगी। इसके लिए भारत को अगले तीनों मैच जीतने होंगे। यह सबसे सीधा और सरल तरीका है, जिसमें टीम को किसी अन्य टीम की मदद की जरूरत नहीं पड़ेगी। - दूसरा परिदृश्य: 3-1 से जीत
यदि भारत तीन मैचों में से दो जीतता है और एक ड्रॉ करता है, तो भी टीम बिना किसी अन्य टीम पर निर्भर हुए फाइनल में पहुंच सकती है। इस स्थिति में भारत का पीसीटी (पॉइंट्स प्रतिशत) पर्याप्त रहेगा।
तीसरा परिदृश्य: 3-2 से जीत और दूसरे नतीजों पर निर्भरता
अगर भारत बचे हुए तीन मैचों में से दो जीतता है और एक हारता है, तो टीम का फाइनल में पहुंचना दूसरी टीमों के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा।
- ऐसी स्थिति में श्रीलंका को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी सीरीज में कम से कम एक मैच ड्रॉ कराना होगा।
- इस परिदृश्य में भारत का पीसीटी 58.8 होगा, जबकि ऑस्ट्रेलिया का पीसीटी 57 पर रहेगा, जिससे भारत फाइनल में जगह बना लेगा।
चौथा परिदृश्य: सीरीज बराबरी पर (2-2)
यदि भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों दो-दो मैच जीतते हैं और एक मैच ड्रॉ होता है, तो भारतीय टीम को श्रीलंका से अप्रत्याशित प्रदर्शन की उम्मीद करनी होगी।
- श्रीलंका को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-0 या 2-0 से जीत दर्ज करनी होगी।
- इस स्थिति में भारत का पीसीटी 55.3 रहेगा और ऑस्ट्रेलिया का 53.5, जिससे भारत फाइनल में पहुंच जाएगा।
जीत ही है एकमात्र रास्ता
यह स्पष्ट है कि भारत के लिए पहला और दूसरा परिदृश्य सबसे अनुकूल हैं, क्योंकि इन स्थितियों में टीम अपनी जीत के दम पर फाइनल में पहुंच सकती है। तीसरा और चौथा परिदृश्य भारत के लिए चुनौतीपूर्ण हैं, क्योंकि इसमें श्रीलंका के प्रदर्शन पर निर्भर रहना होगा, जो जोखिम भरा है।
निष्कर्ष
टीम इंडिया का डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहुंचने का सफर आसान नहीं है, लेकिन नामुमकिन भी नहीं। बचे हुए तीन मैचों में भारतीय टीम को अपनी रणनीति और प्रदर्शन में कोई कमी नहीं छोड़नी होगी। फाइनल में पहुंचने का सबसे सही रास्ता यही है कि टीम अपने दम पर जीत दर्ज करे और किसी अन्य टीम के प्रदर्शन पर निर्भर न रहे।विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भारतीय टीम की उपस्थिति न केवल देश के क्रिकेट प्रशंसकों के लिए गौरव का क्षण होगी, बल्कि भारतीय क्रिकेट के सुनहरे इतिहास में एक और उपलब्धि भी जोड़ देगी।