देश: तूफान अम्फानः पारादीप पर होगा पहला प्रहार, प्रचंड वेग से हो सकती है टक्कर

देश - तूफान अम्फानः पारादीप पर होगा पहला प्रहार, प्रचंड वेग से हो सकती है टक्कर
| Updated on: 20-May-2020 05:30 PM IST
दिल्ली: वर्ष 1999 के बाद फिर तूफान से तबाही का खतरा है। भारतीय मौसम विभाग की माने तो बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान अम्फान (Cyclone Amphan) तेजी से ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तट की ओर बढ़ रहा है। अम्फान का पहला प्रहार पारादीप पर होगा, जहां अभी से तेज अंधड़ के साथ बारिश हो रही है। 

अम्फान तूफान (Cyclone Amphan) के दोपहर बाद दीघा तट से टकराने के आसार हैं। करीब 100 किलोमीटर दूर तूफान के केंद्र में करीब 200 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चल रही है। बंगाल की खाड़ी में उठा तूफान अम्फान अब बहुत तेजी से पश्चिम बंगाल के तट की ओर बढ़ रहा है।

सुपर साइक्लोन तट के किनारे की ओर जैसे बढ़ता जा रहा है, ऐसे ही खतरनाक होता जा रहा है। तूफान सबसे पहले ओडिशा से पारादीप से टकराएगा। पारादीप में तूफान की आहट दिखने लगी है, जहां तेज हवा के साथ बारिश हो रही है। वहीं, ओडिशा और बंगाल के तटीय इलाकों में सन्नाटा पसरा है। 

चक्रवाती तूफान अम्फान (Super Cyclone Amphan) सुंदरबन के करीब से पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश के तटीय इलाके यानी दीघा (पश्चिम बंगाल) और हटिया द्वीप समूह (बांग्लादेश) के बीच से होकर गुजरेगा। यह जानकारी मौसम विभाग ने दी है। 

ओडिशा और बंगाल के तटीय इलाकों में सन्नाटा पसरा है। कोरोना महामारी के बीच तूफान की तबाही की आशंका से लोग डर हुए हैं। तेज हवाओं से लोग खौफ में हैं। लोगों को लगातार सावधान रहने की हिदायत दी जा रही हैं। 

ओडिशा औऱ बंगाल के लोगों को घरों में रहने की अपील की जा रही है। प्रशासन ने 14 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया है। एनडीआरएफ की टीमें भी मोर्चे पर तैनात हैं।

NDRF प्रमुख एसएन प्रधान ने कहा, ओडिशा में समुद्र के किनारे वाले इलाके में हवा 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बह रही है। हालांकि, पश्चिम बंगाल में हवा की रफ्तार ओडिशा के मुकाबले कम है। 

ओडिशा में बालासोर व भद्रक से डेढ़ लाख लोगों को उनके निवास स्थान से हटा दिया गया है और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में समुद्र के किनारे रहने वाले 3।3 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। 

एसएन प्रधान ने बताया कि चक्रवात के दौरान समुद्र की लहरें तट से टकराएंगी और उनकी हाइट 4-6 मीटर ऊपर तक जा सकती है। इससे भारी मात्रा में पानी जमीन वाले हिस्से में घुसेगा। इससे निपटने के लिए एनडीआरएफ की 41 टीमें तैना हैं। 

एनडीआरएफ स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहा है। बता दें कि चक्रवाती तूफान अम्फान अपने केंद्र में 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे ओडिशा और बंगाल के तट की तरफ आगे बढ़ रहा है।

बंगाल और ओडिशा में तेज हवाएं और बारिश शुरू हो गई है। 15 मई को विशाखापट्टनम से 900 किलोमीटर दूर दक्षिणी बंगाल की खाड़ी की कम दबाव और गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बननाा शुरू हुआ। 17 मई को जब अम्फान दीघा से 1200 किलोमीटर दूर था, तब यह साइक्लोन में बदल गया।

18 मई की शाम Amphan Cyclone सुपर साइक्लोन में बदल गया। मंगलवार दोपहर को इसकी गति 200-240 किमी प्रतिघंटा की हवाओं के साथ चरम तक पहुंच गया है। यहीं पर यह सदी का सबसे बड़ा और भयानक तूफान बन गया। 

तूफानों के रिकॉर्ड 1890 से जमा किए जा रहे हैं। 130 वर्षों में केवल चार बार (1893, 1926, 1930, 1976) में 10 बार चक्रवाती तूफान आए। सबसे ज्यादा 66 तूफान 70 के दशक में आए। 1967 के बाद सबसे ज्यादा 9 तूफान पिछले साल आए थे। 

अम्फान (Amphan Cyclone) नाम 2004 में ही तय हो गया था। उत्तरी हिंद महासागर में आने वाले तूफानों के लिए 64 नामों में से 63 नामों का इस्तेमाल हो चुका है। सिर्फ अम्फान ही बचा था। इस नाम का संबंध थाईलैंड से है। इसे उसे देश की शब्दावली से बनाया गया है। 

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