देश: मैं लड़ूंगा, पर बंदूक लिए किसी वर्दी वाले को हमें मारने का बहाना नहीं दूंगा: उमर अब्दुल्ला
देश - मैं लड़ूंगा, पर बंदूक लिए किसी वर्दी वाले को हमें मारने का बहाना नहीं दूंगा: उमर अब्दुल्ला
|
Updated on: 28-Jul-2020 09:13 AM IST
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) से अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) को केंद्रशासित प्रदेश में बदले जाने से नाराज पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने सोमवार को कहा कि वह राज्य का दर्जा बहाल होने तक विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा, 'जो कुछ हुआ है, उसके खिलाफ मैं आवाज उठाऊंगा। जो हुआ है उसके खिलाफ मैं लड़ूंगा, लेकिन मैं बंदूक के साथ वर्दी पहनने वाले किसी को भी हम में से किसी को मारने का कारण या बहाना नहीं दूंगा। मैं वह नहीं हूं।' इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में उमर अब्दुल्ला ने बताया कि पांच अगस्त यानी जिस दिन अनुच्छेद 370 हटाया गया, उस दिन वह घर पर ही थे। उन्होंने कहा, '5 अगस्त को मुझे घर पर बंद कर दिया गया था। मैं उन अवैध बंदियों में से एक था। सुबह मैंने अपने घर के दरवाजों की जांच की तो पाया उनमें ताले लगे हैं। सुरक्षा में लगे लोगों ने मुझे बताया कि मुझे घर पर रहने के लिए कहा गया था।'उन्होंने बताया, 'और फिर शाम को मैं घर पर था। तभी मेरे लोग आए और उन्होंने कहा कि वे आपको लेने आए हैं और वे शायद आपको किसी गेस्ट हाउस में ले जा रहे हैं। मैंने कहा कि चिंता मत करो। मैं बरामदे में आया। वहां एक सिपाही और श्रीनगर नागरिक प्रशासन का कोई व्यक्ति था और उन्होंने मुझे यह कागज दिया और उन्होंने कहा, आपको हिरासत में लिया जा रहा है, आपको हरि निवास जाना है।'उमर अब्दुल्ला ने बताया कि इन छह महीनों में उन्होंने पढ़ा। पांच हफ्तों के बाद उनको एक सेट टॉप बॉक्स की सुविधा दी गई ताकि दुनिया से वह जुड़े रहें। उन्होंने कहा, 'शुक्र है कि उन्होंने चैनलों के साथ कोई खिलवाड़ नहीं किया। ज्यादातर खबरें मुझे बीबीसी और अल जजीरा से मिलीं। पांचवें सप्ताह के बाद समाचार पत्र शुरू हुए।'यह पूछे जाने पर कि आपका सबसे बड़ा डर क्या है, उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'डरने के लिए क्या बचा है, मैं इस तथ्य से कुछ सांत्वना लेता हूं कि कुछ बदलाव किए गए हैं जिन्हें पूर्ववत किया जा सकता है। बिना गहन जानकारी में जाए, क्योंकि यह एक विधानसभा है।'आप कश्मीर में मुख्यधारा की राजनीति को किस तरह देखते हैं। इस पर उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब मेरे पास नहीं है। मुझे नहीं पता कि मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के लिए आज वास्तव में कितना राजनीतिक स्थान बचा है। यह कुछ ऐसा है जो मैं खुद से पूछ रहा हूं और 5 अगस्त से विचार-विमर्श कर रहा हूं। मुझे नहीं पता कि आज मुख्यधारा की पार्टियां कहां खड़ी हैं और नई दिल्ली इसके लिए जिम्मेदार है।'अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्र में मंत्री रह चुके उमर ने हालांकि यह स्पष्ट कर दिया कि वह अपनी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस और जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए काम करते रहेंगे। उमर ने कहा, 'मैं राज्य की विधानसभा का नेता रहा हूं। अपने समय में यह सबसे मजबूत विधानसभा थी। अब यह देश की सबसे शक्तिहीन विधानसभा बन चुकी है और मैं इसका सदस्य नहीं बनूंगा।'
Disclaimer
अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।